Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान विधानसभा का विशेष सत्र शनिवार यानि कल से शुरू होने जा रहा है. सदन में पंजाब सरकार की तर्ज पर केंद्र के कृषि संबंधी कानूनों के खिलाफ संशोधन विधेयक लाए जाएंगे. इन विधेयकों के जरिए नए कृषि कानूनों का राज्य में प्रभाव ‘निष्प्रभावी’ किया जाएगा जिसके संकेत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पूर्व में दे चुके हैं. केंद्र के इन तीन कानूनों का विरोध कांग्रेस सड़क पर पहले ही कर चुकी है. अब राज्य में इसे अमली जामा पहनाने की तैयारी हो रही है. सत्र के शुरु होने से पहले ही विपक्ष की ओर से सत्र बुलाने पर सवाल उठाए जा रहे हैं. सत्र से ठीक पहले सदन में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने विधानसभा सत्र में लाए जाने वाले विधाई कार्य पर सवाल उठाए हैं.
बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ ने विधानसभा सत्र से ठीक पहले सत्र बुलाने के कारण और उसमें सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाये हैं. राठौड़ ने कहा कि केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ राजस्थान सरकार प्रावधान करके उन कानूनों को बायपास करना चाहती है, लेकिन यह संविधान प्रदत्त अधिकारों से परे जाकर काम करने के समान होगा. राठौड़ ने आगे कहा कि विधानसभा का सत्र बेशक बुलाया जाना चाहिए, लेकिन इस सत्र में केंद्र के कृषि कानूनों की बजाय नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट पर चर्चा होनी चाहिए. राठौड़ ने कहा कि जिस तरह प्रदेश में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है, उस पर सरकार को सदन में चर्चा करनी चाहिए.
विधायक राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सरकार केन्द्र की तरफ़ से लाये गए कृषि और कृषि विपणन से जुड़े कानूनों को बायपास करना चाहती है और इसीलिए सत्र बुलाया गया है. सरकार केन्द्र की तरफ़ से बनाये कानूनों को निष्प्रभावी करने की किसी भी कोशिश से पहले सरकार को यह समझ लेना चाहिए कि संविधान के दायरे में रहते हुए राज्य सरकार केन्द्र की तरफ़ से बनाये कानून के साथ छेड़छाड़ कर सकती है या नहीं?
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आगे राठौड़ ने कहा कि विधानसभा सत्र में सरकार को प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर भी रिपोर्ट देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार आर्थिक आपातकाल की तरफ बढ़ रही है. पिछले दिनों केंद्र के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में राजस्थान सरकार के अधिकारियों ने खुद इस बात को स्वीकारा है कि ओवरड्राफ्ट की स्थिति के बाद अब प्रदेश में आर्थिक हालात बेहद कमज़ोर हो गए हैं. ऐसे में सरकार को सदन में सभी जनप्रतिनिधियों के सामने प्रदेश की वित्तीय स्थिति रखनी चाहिए.
इधर, अटकलों को दूर करते हुए विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा है कि सदन की कार्रवाई बिजनेस कमेटी तय करेगी. लेकिन सदन के पहले ही दिन संशोधन विधेयक पटल पर रख दिए जाएंगे. जानकारी के अनुसार, कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव के साथ ही कई लंबित पड़े विधेयक भी सदन में पेश किए जाएंगे.
गौरतलब है कि हाल ही में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में शीघ्र ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने का निर्णय लिया गया था. इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित राज्यों में कृषि कानूनों को लागू नहीं करने और विधानसभा में इन कानूनों पर चर्चा करने के निर्देश दिए थे. माना जा रहा है कि कल से आहूत होने वाले विधानसभा के विशेष सत्र में पिछली बार की तरह प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं रखा जाएगा.