Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को गुर्जरों के आरक्षण का मामला याद दिलाते हुए राज्य सरकार द्वारा निकाली गई भर्तियों में एमबीसी समाज को 5 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की है. इस बाबत पायलट ने प्रदेश के मुख्यमंत्री गहलोत को पत्र लिखा है जिसमें सरकारी भर्तियों में निर्धारित आरक्षण के साथ शेष बचे आरक्षण को भी लागू करने की बात कही गई है.
पत्र में सचिन पायलट ने लिखा, ‘मैं आपका ध्यान प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में समय समय पर आए प्रतिनिधि मंडलों द्वारा मुझसे मिलकर तथा प्रतिवेदनों के माध्यम से की गई मांगों की ओर आकर्षित करना चाहूंगा. मेरे संज्ञान में लाया गया है कि राज्य सरकार द्वारा निकाली गई भतियों को एमबीसी समाज को 5 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया जा रहा है. महोद्य, इस संबंध में कांग्रेस पार्टी द्वारा विधानसभा चुनाव 2018 के घोषणा पत्र में उल्लेख किया गया था. साथ ही वर्ष विगत कांग्रेस सरकार में वर्ष 2011 में समझौता हुआ था कि चार प्रतिशत अतिरिक्त पद एमबीसी के लिए सुरक्षित रखे जाएंगे.’
सचिन पायलट ने अपने पत्र में आगे लिखा, ‘वर्तमान कांग्रेस सरकार में फरवरी, 2019 में सरकार एवं एसबीसी के प्रतिनिधियों के बीच हुए समझौते के अनुसार एसबीसी के लिए चार प्रतिशत पद और प्रक्रियाधीन भर्तियों के चार प्रतिशत अतिरिक्त पद स्वीकृत करने तथा वर्तमान में चल रही भर्तियों में चार प्रतिशत अतिरिक्त पद विभागवार छायापद स्वीकृत करने के आदेश जारी होने के उपरांत भी कुछेक भर्तियों को छोड़कर शेष भर्तियों में पूरा पांच प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया जा रहा है. मुझे प्राप्त प्रतिवेदनों के अनुसार जिन भर्तियों में पांच प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया गया है, उनमें से कुछ इस प्रकार हैं-
- पुलिस कांस्टेबल भर्ती-2018
- रीट भर्ती-2018
- पंचायतीराज एलडीसी भर्ती-2013
- टेक्निकल हेल्पर भर्ती-2018
- नर्सिंग भर्ती-2013 एवं 2018
- जेल प्रहरी भर्ती-2018
- आशा सुपरवाइजर भर्ती-2016
- कॉमर्शियल असिस्टेंट भर्ती-2018
- द्वितिय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2018 एवं अन्य.’
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गौरतलब है कि कांग्रेस के पिछले कार्यकाल में सरकार ने गुर्जर समाज को 5 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा की थी. साथ ही गुर्जर समाज को ओबीसी में शामिल करने की बात कही थी. बाद में मामला कोर्ट में चला गया. कोर्ट में इस बात पर सवाल उठाया गया कि प्रदेश में पहले से ही 49 फीसदी आरक्षण मिला हुआ है और 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता. ऐसे में समाज को केवल एक फीसदी आरक्षण मिल गया और शेष चार फीसदी आरक्षण का मामला अब तक अटका पड़ा है. इसी के चलते सरकारी भर्तियों में भी 5 फीसदी आरक्षण दिए जाने की मांग लंबे समय से की जा रही है जो अधर झूल में लटकी हुई है.
02 सितंबर को मुख्यमंत्री गहलोत को लिखे गए अपने पत्र में सचिन पायलट ने देवनारायण योजना के तहत विकास कार्यों के रूके होने की बात भी कही है. पायलट ने कहा कि देवनारायण बोर्ड एवं देवनारायण योजना के अंतर्गत आने वाले विकासोन्नमुखी कार्य भी लगभग ठप्प पड़े हैं जो बहुत पीड़ादयक हैं. इस संबंध में समय समय पर लोग मुझसे व्यक्तिश: मिलकर दोनों योजनाओं को बजट देकर उचित ढंग से क्रियान्विति की भी पूरजोर मांग करते हैं.
अंत में पूर्व पीसीसी चीफ और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पालयट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उक्त बिन्दुओं पर शीघ्र कार्यवाही करने का अनुरोध किया है.