Politalks.News/Rajasthan. संसद में पास हुए तीन कृषि बिलों को लेकर देशभर में आक्रोश है और करीब करीब सभी राज्यों में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इसी कड़ी में आज देशव्यापी ‘भारत बंद’ का आव्हान किया गया है. राजस्थान कांग्रेस भी बिलों के विरोध में एक पखवाड़े तक विरोध प्रदर्शन का कार्यक्रम आयोजित कर रही है. सदन में पास हुए बिलों के समर्थन में आते हुए राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश कांग्रेस के इस आयोजन को नौटंकी करार दिया है. उन्होंने कहा कि किसानों के हितार्थ तीनों बिलों के लिए प्रदेश कांग्रेस को केन्द्र सरकार को धन्यवाद ज्ञापित करना चाहिए, न कि विरोध-प्रदर्शन.
सदन में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने बयान जारी कर कहा कि मात्र अपने अस्तित्व को बचाने की जुगत में लगी कांग्रेस पार्टी को संसद में किसानों के हित में पारित हुए कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020 एवं कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 सहित हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा रबी की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में औसतन 25 फीसद की बढ़ोतरी को लेकर केन्द्र सरकार को धन्यवाद ज्ञापित करना चाहिए, न कि विरोध-प्रदर्शन. प्रदेश कांग्रेस की ओर से 25 सितंबर से 10 अक्टूबर तक कृषि बिलों के विरोध में प्रदर्शन कार्यक्रम रखा गया है.
राजेंद्र राठौड़ ने देश के दोनों सदनों में पारित हुए ऐतिहासिक कृषि विधेयकों को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से किये जाने वाले प्रदर्शन को नौटंकी करार देते हुए कहा है कि किसान हितैषी विधेयक को लेकर कांग्रेस किसानों को बरगलाने का जो कुत्सित प्रयास कर रही है उसमें वे कभी सफल नहीं होगी.
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राठौड़ ने कहा कि स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को दरकिनार करने वाली कांग्रेस पार्टी केन्द्र सरकार द्वारा विधेयकों के माध्यम से उनके सुझावों को अमल में लाने पर आज घड़ियाली आंसू बहा रही है जबकि किसान भली-भांति समझ रहा है कि यह विधेयक उनकी समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करने वाला है.
बीजेपी नेता राठौड़ ने कहा कि सच तो यह है कि 52 वर्ष तक देश में शासन करने वाली कांग्रेस को केन्द्र सरकार द्वारा किसानों की दशकों पुरानी मांग के तहत अपनी फसल को देश में कहीं भी बेचने का व्यापक अधिकार पच नहीं रहा है. किसानो को गुमराह कर रही कांग्रेस अपने ही लोकसभा चुनावी घोषणा पत्र को विस्तार से पढ़ लेती तो उन्हें विरोध-प्रदर्शन के नाम पर ढोंग करने की आवश्यकता नहीं होती.
कांग्रेस पर अपने ही घोषणा पत्र को झूठलाने का आरोप लगाते हुए राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस को लोकसभा चुनाव 2019 के घोषणा पत्र को लागू करने का जनादेश नहीं मिला और जब केंद्र सरकार ने जनादेश की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए देश के किसानों को अपनी उपज किसी भी व्यक्ति व किसी भी व्यापारी को किसी भी स्थान पर विक्रय करने का अधिकार देकर किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में कदम उठाए हैं तो अब कांग्रेस अपने ही घोषणा पत्र को झूठलाने में लगी हुई है.
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि यूपीए सरकार ने 2007 में जिस एपीएमसी मॉडल एक्ट को बनाकर कांग्रेस शासित प्रदेशों में लागू करवाकर संविदा खेती का देश में आगाज किया, आज उसी का विरोध-प्रदर्शन कर कांग्रेस की कथनी व करनी में अंतर को जगजाहिर कर रहा है.
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राठौड़ ने कहा कि पूरे देश में कृषि मंडी टैक्स व कृषक कल्याण फीस के नाम पर 2.6 फीसद सर्वाधिक कर (टैक्स) राजस्थान में है तथा राज्य सरकार ने हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन द्वारा राज्य की कृषि मंडियों में अगर कोई किसान फसल को लेकर आए चाहे उस फसल का विक्रय हो या नहीं हो, उस पर अधिक मंडी टैक्स वसूलने के अधिकार को लेकर किसानों की स्वतंत्रता का हनन किया है.
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पारित विधेयक में स्पष्ट है कि किसानों को कृषि उपज मंडी की जंजीरों के बंधन से मुक्त किया जा रहा है यानी कृषि उपज मंडिया तो यथावत् रहेगी, कुछ खत्म नहीं होगा अपितु किसानों के लिए ये वैकल्पिक व्यवस्था का प्रावधान किया गया है कि किसान अब बिना किसी कर (टैक्स) के किसी भी स्थान पर अपनी उपज को बेच सकते हैं.
कांग्रेस के इन प्रदर्शनों को नौटंकी करार देते हुए राठौड़ ने कहा कि देश में सर्वाधिक कृषि मंडी टैक्स वसूलने वाली कांग्रेस सरकार के नुमाइंदे विरोध-प्रदर्शन करने की नौटंकी कर रहे हैं और वे सबसे पहले ये बताएं कि क्या प्रदेश में लगे सर्वाधिक मंडी टैक्स को वापिस लोगे?