Politalks.News/Rajasthan. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत कृषि क्षेत्र के उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय किए हैं. सीएम गहलोत ने राज्य के वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट में घोषित 50 हजार कृषि विद्युत कनेक्शनों को पूरा करने के लिए बूंद-बूंद सिंचाई योजना के तहत प्राप्त आवेदनों के साथ-साथ नए आवेदन प्राप्त करने और प्राथमिकता के आधार पर सामान्य श्रेणी के मांग पत्र जारी कर कनेक्शन देने के निर्देश दिए हैं, ताकि किसानों को राहत प्रदान की जा सके.
गुरुवार शाम मुख्यमंत्री आवास पर वीसी के माध्यम से करीब ढाई घंटे तक चली ऊर्जा विभाग की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए, जिसके तहत:-
यह भी पढ़ें: कृषि बिलों को लेकर आखिर चुप क्यों हैं किसान नेता हनुमान बेनीवाल?
- कोविड-19 महामारी के दौर में किसानों की मांग को देखते हुए सीएम गहलोत ने निर्देश दिए कि कृषि विद्युत उपभोक्ता अपने कनेक्शन के स्वीकृत भार को स्वयं की घोषणा अनुसार बिना अतिरिक्त राशि जमा करवा कर बढ़ा सकेंगे.
- किसान कृषि कनेक्शन की इस स्वैच्छिक भार वृद्धि योजना का लाभ 31 दिसम्बर तक उठा सकेंगे.
- कोविड-19 से उत्पन्न आर्थिक परिस्थितियों के कारण ऐसे कृषि उपभोक्ता जो अपना बिल जमा नहीं करवा पाएं हैं, उन्हें राहत देते हुए निर्णय लिया कि लम्बित बिल 31 अक्टूबर, 2020 तक जमा करवाने वाले कृषि उपभोक्ताओं से पेनल्टी अथवा विलम्ब भुगतान अधिशुल्क (एलपीएस) नहीं वसूला जाएगा. यह राहत बीपीएल एवं लघु श्रेणी के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को भी दी जाएगी.
- अवैध विद्युत लाइनों एवं अवैध ट्रांसफार्मरों के माध्यम से बिजली चोरी एवं इनसे होने वाली दुर्घटनाओं में किसानों की मौत चिंतनीय है. ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए मुख्यमंत्री गहलोत ने अधिकारियों को अधिक सतर्कता बरतने के निर्देश दिए.
- कृषि कनेक्शनों में बिजली चोरी पकड़े जाने पर होने वाली वीसीआर की कार्यवाही के मामलों में 20 प्रतिशत राशि जमा कराने पर कृषि उपभोक्ता के प्रकरण को वीसीआर कमेटी के समक्ष पेश कर गुण-अवगुण के आधार पर निर्णय करने के लिए प्रस्तुत किया जा सकेगा अथवा निर्धारित की गई राशि की 50 प्रतिशत राशि एकमुश्त जमा कर वीसीआर प्रकरण का सम्पूर्ण निस्तारण किया जा सकेगा.