राजस्थान यूथ कांग्रेस के चुनाव सम्पन्न, प्रदेशाध्यक्ष पद पर बड़े अंतर से मुकेश भाकर की जीत पक्की

मुकेश भाकर की शुरू से ही जीत तय मानी जा रही थी, लेकिन वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष अशोक चांदना के अमरदीन फकीर को समर्थन देने के बाद चुनावी समीकरण थोड़े बदलते नजर आने लगे थे

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पॉलिटॉक्स न्यूज़. राजस्थान में युवा कांग्रेस के चुनाव आज सम्पन्न हो गए हैं. युवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष, प्रदेश कार्यकारिणी और जिला कार्यकारिणी के लिए 22 और 23 फरवरी दो दिन तक चुनाव हुए. प्रदेश के 4.10 लाख युवा मतदाताओं के लिए शनिवार को 106 विधानसभा क्षेत्रों में वोटिंग हुई लेकिन कई प्रकार की तकनीकी खामियों और बार-बार सर्वर डाउन होने के चलते रविवार को फिर से पूरी 200 विधानसभा क्षेत्रों में सुबह 9 बजे से वोटिंग शुरू हुई. हालांकि भारतीय युवा कांग्रेस की ओर से बताया गया कि रविवार को वोटिंग के दौरान सर्वर डाउन की समस्या से जूझना नहीं पड़ा और आज प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में अच्छा मतदान हुआ.

तकनीकी खामियों के चलते शनिवार को उम्मीद से बहुत कम वोटिंग होने के कारण प्रत्याशियों का चुनावी गणित बिगड़ गया. अब दोनों दिन की वोटिंग को लेकर प्रत्याशी अपने-अपने हिसाब से आंकलन कर रहे हैं. वहीं पॉलिटॉक्स के सोशल मीडिया पर किए गए एक पोल सर्वे के अनुसार लाडनूं विधायक मुकेश भाकर राजस्थान यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर शानदार जीत दर्ज के रहे हैं. पॉलिटॉक्स ने पोल के माध्यम से अपने वीवर्स और यूज़र्स से पूछा की आखिर कौन बनेगा यूथ कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष…? इस पोल के तहत प्राप्त नतीजों के तहत युवा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए 78 प्रतिशत लोगों की पसंद मुकेश भाकर, 12 प्रतिशत ने अमरदीन फकीर और 10 प्रतिशत लोगों ने सुमित भगासरा को अपनी पसंद बताया. मतदान के दौरान भी मुकेश भाकर की टीम बहुत एक्टिव दिखाई दी और भाकर का स्ट्रोंग ज़ोन माने जाने वाले जिलों में मतदान सर्वाधिक हुआ.

पॉलिटॉक्स ने इसके साथ ही यूथ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के किए प्रदेश के सभी जिलों में एक सर्वे भी करवाया, उसके अनुसार भी मुकेश भाकर को ही लोगों ने अपनी पहली पसंद बताया. अमरदीन फकीर और सुमित भगासरा क्रमशः दूसरे और तीसरे नम्बर पर रहे. इस दौरान यह भी सामने आया कि लाडनूं विधायक मुकेश भाकर की टीम प्रदेश के सभी जिलों में चुनाव के दौरान अन्य के मुकाबले बहुत ज्यादा एक्टिव रही. प्रदेश के अधिकांश जिलों में भाकर की टीम के सदस्यों ने खुद भी चुनाव लड़ा और भाकर को प्रदेश अध्यक्ष के लिए वोट भी दिलवाए.

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बता दें, प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए मुकेश भाकर की शुरू से ही जीत तय मानी जा रही थी, लेकिन वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष अशोक चांदना के अमरदीन फकीर को समर्थन देने के बाद चुनावी समीकरण थोड़े बदलते नजर आने लगे थे, लेकिन चुनाव होने के बाद अब यह तस्वीर बिलकुल साफ हो गई है.

मुकेश भाकर युवा प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए वैसे तो पिछले सात साल से तैयारी कर रहे थे, लेकिन लाडनूं विधायक बनने के बाद पिछले 13 महीने से युवा कांग्रेस के सदस्यों के बीच बेहद एक्टिव रहे. साथ ही भाकर ने इस दौरान प्रदेश के लगभग सभी जिलों में दौरा कर युवाओं के बीच अपने आप को बनाये रखा इसका फायदा भी इन्हें यहाँ मिलता दिखाई दे रहा है. इसके साथ ही चुनाव प्रचार में भी भाकर ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. प्रचार के सभी माध्यम सोशल मीडिया, होर्डिंग्स, कॉलिंग, वॉल पोस्टर, बल्क एसएमएस सभी माध्यमों से भाकर ने पूरी तरह प्रचार प्रसार भी किया. जिसका फायदा भी यहाँ भाकर को मिलता दिखाई दे रहा है.

गौरतलब है कि मुकेश भाकर वर्तमान में नागौर जिले के लाडनूं विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी हैं. छात्र राजनीति के समय से युवाओं में पकड रखने वाले भाकर 2013 से 2015 तक एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वहीं 2015 से 2016 तक एनएसयूआई में राष्ट्रीय सचिव भी रह चुके हैं. सात साल पहले हुए प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में भी भाकर बहुत एक्टिव थे और अशोक चांदना को चुनाव जीतवाने में अहम भूमिका भाकर ने निभाई थी और इसी अनुभव का फायदा मुकेश भाकर को इन चुनावों में हुआ.