Wednesday, January 15, 2025
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‘सस्ती लोकप्रियता पाने के ​करते हैं ऐसी बातें..’ विस अध्यक्ष देवनानी का विपक्ष पर बड़ा हमला

एक दिवसीय कोटा प्रवास पर थे राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, प्राचीन शिक्षा प्रणाली एवं शिक्षक परंपरा को जीवित करने के साथ संस्कार युक्त शिक्षा पद्धति पर रखें विचार.

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राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विपक्ष पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि बाबा साहब डॉ.अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान की जड़ें बहुत मजबूत है. संविधान खतरे में हैं.., जो भी इस तरह की बातें करते हैं, वो सिर्फ सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए करते है. यह सिर्फ मौखिक जमा खर्च जैसी बाते है. यह बात राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अपने एक दिवसीय कोटा प्रवास के दौरान कही. देवनानी विद्या भारती शिक्षा संस्थान, कोटा के प्रतिभा सम्मान समारोह में सम्मिलित होने यहां पधारे थे.

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विपक्ष पर तंज कसते हुए विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि पिछले कार्यकाल (गहलोत सरकार) में पांच हजार प्रश्न पेंडिंग पड़े थे. इसका कारण समय पर जवाब नहीं मिलना रहा. हमने ब्यूरोक्रेट्स के साथ बैठक करके यह निर्देश दिए है कि विधानसभा में विधायक आमजन से जुडे विषयों को लेकर जो भी प्रश्न उठाते हैं, उनको जल्द से जल्द जवाब मिले, ताकि आमजन से जुड़ी समस्याओं का समाधान समय पर हो सके. इसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहा है.

प्राचीन शिक्षा प्रणाली को करना होगा जीवित

विस अध्यक्ष देवनानी ने शिक्षा पद्धति पर कहा कि भारत सबसे प्राचीन राष्ट्र है. इसी आधार पर भारत को विश्व का नेतृत्व करने का अवसर मिलता रहा है. भारत पहले भी विश्व गुरु था और आज भी विश्व गुरु है. भारत को फिर से विकसित भारत बनाने के लिए हमारी प्राचीन शिक्षा प्रणाली और शिक्षक परंपरा को जीवित करना होगा. उन्होंने कहा कि आज ऐसे नागरिक की जरूरत है जो राष्ट्र को सबसे पहले, फिर समाज और सबसे अंत में स्वयं को माने.

संस्कार युक्त शिक्षा पर दिया जा रहा जोर

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि नई शिक्षा नीति संस्कार युक्त शिक्षा पर जोर दे रही है. रोजगार परक शिक्षा को महत्व मिल रहा है. संस्कार युक्त नागरिक ही जातिवाद, अलगाववाद, आतंकवाद के युग में इन समस्याओं से लड़ सकेगा. उन्होंने आगे कहा कि आज भारत को देश के लिए जीने का भाव रखने वाले नागरिक चाहिए. आज  तरक्की करने के बाद समाज की सेवा का भाव मन में होना चाहिए. अच्छे पुल और सड़कें बनाने मात्र से भारत विकसित नहीं होगा, बल्कि अच्छे संस्कार और राष्ट्रवाद के बीज का रोपण करने से विकसित भारत का संकल्प पूरा हो सकेगा.

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