Politalks.News/Rajasthan. क्या राहुल गांधी ‘कांग्रेस की सर्जरी’ करने की तैयारी में हैं. एक के बाद एक राहुल जो फैसले ले रहे हैं उसके बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि जल्द ही प्रदेशों में कांग्रेस का चेहरा बदला हुआ दिखाई देने वाला है. पंजाब और उत्तराखंड के बाद अब राजस्थान का सियासी मसला राहुल गांधी की प्राथमिकता में है. बताया जा रहा है कि राहुल गांधी ने पिछले 17 साल के अपने सक्रिय राजनीति जीवन में कई नए नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी और कई पुराने नेताओं को आगे किया. इनमें से कुछ लोग अब भी पार्टी के लिए काम कर रहे हैं और राहुल के भरोसेमंद हैं, कई लोग हाशिए में चले गए हैं और कई लोग पार्टी छोड़ कर चले गए हैं. बताया जा रहा है कि राहुल इन दिनों पुराने नेताओं को वापस लाने और उन्हें फिर से नई जिम्मेदारी देने की योजना पर काम कर रहे हैं. कांग्रेस के जानकार सूत्रों का कहना है कि चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी राहुल गांधी को इसकी सलाह दी है. पीके की सलाह पर कुछ नेताओं को वापस लाने की तैयारी हो रही है और कुछ नेताओं को झाड़-पोंछ कर नई जिम्मेदारी देने की तैयारी की जा रही है.
राहुल गांधी और कांग्रेस के जानकार सूत्रों की माने तो राजस्थान का सियासी मसला भी प्राथमिकता में है. बताया जा रहा है कि सचिन पायलट को राजस्थान में एक बार फिर पीसीसी चीफ बनाया जा सकता है. राहुल गांधी पार्टी की मजबूती के लिए ये कदम उठाने के लिए राजी हो गए हैं. सूत्रों की माने तो मंत्रिमंडल पुनर्गठन को लेकर सीएम गहलोत की ओर से अपनी बात पर अड़े रहने से ये बीच का रास्ता निकाला गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पायलट गुट के तीन विधायकों से ज्यादा को मंत्री नहीं बनाने पर अड़े हैं और कह रहे हैं कि इससे सत्ता और संगठन का संतुलन बिगड़ जाएगा. दोनों ही खेमे अपनी अपनी मांगों पर अड़े हैं.
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कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अब राहुल गांधी ने ये रास्ता निकाला है कि युवा नेता और राजस्थान में जनाधार रखने वाले सचिन पायलट को पीसीसी का चीफ बनाया जाए ताकि संगठन और विधायकों में पायलट की स्थिति मजबूत हो. राहुल के इस भारी कदम पर सीएम गहलोत को भी कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. एक बार प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने के बाद सचिन पायलट से पूरे प्रदेश का दौरा भी करवाया जा सकता है. इस दौरान ही या इसके बाद मंत्रिमंडल पुनर्गठन किया जा सकता है.
बता दें, सोनिया गांधी के अमेरिका जाने की तैयारी में है. सोनिया गांधी के अमेरिका जाने से पहले ही प्रदेशाध्यक्षों की घोषणा की जा सकती है. उनके कार्यक्रम में कोविड वैक्सीनेशन के चलते देरी हुई है. दरअसल सोनिया गांधी का 5 अगस्त को अमेरिका जाने का कार्यक्रम था लेकिन सोनिया ने कोवैक्सीन लगवाई थी जिसके चलते उन्हे नियमों के चलते दौरा पोस्टपोंड करना पड़ा. अब सोनिया गांधी ने जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन लगवा ली है और वे जल्दी ही अमेरिका जाने की तैयारी में हैं.
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राहुल गांधी के बुलावे पर कुछ नेता अपने आप ही वापस आ गए हैं, जैसे झारखंड में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार ने वापसी कर ली है. हालांकि उनको अभी तत्काल कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिलने वाली है. पार्टी छोड़ कर जाने वाले कुछ नेता ऐसे हैं, जिनकी वापसी तत्काल संभव नहीं है, जैसे मध्यप्रदेश के ‘महाराज’ ज्योतिरादित्य सिंधिया और बिहार में अशोक चौधरी. लेकिन कुछ नेता वापसी कर सकते हैं. जैसे कि बताया जा रहा है कि हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष रहे अशोक तंवर की घर वापसी हो सकती है. हालांकि राहुल के इस कदम से हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंदर सिंह हुड्डा बहुत नाराज होंगे लेकिन पार्टी में इसकी तैयारी हो रही है. पार्टी सूत्रों की माने तो भूपेन्दर हुड्डा को प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने की तैयारी पूरी कर ली गई है.
साथ ही महाराष्ट्र के मिलिंद देवड़ा को भी बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चा है. तमिलनाडू में कार्ति चिदंबरम और कर्नाटक में सिद्धारमैया की वापसी हो सकती है. असल में राहुल के यहां धारणा बनी है कि उनके जो सहयोगी पुराने नेता पार्टी छोड़ कर गए हैं वे पुराने नेताओं से प्रताड़ित होकर गए हैं इसलिए उन्हें वापस लाने में कोई दिक्कत नहीं है. अब पुराने साथियों को जिम्मेदारी देकर वो अपनी टीम को मजबूत करना चाहते हैं.