Politalks.News/Uttarpardesh. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव का घमासान तेज होता जा रहा है. सभी पार्टियों के अपने-अपने दावे हैं. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के 400 सीटों के दावे पर अब वो बीजेपी सहित अन्य पार्टियों के निशाने पर आ गए हैं. सोशल मीडिया पर भी अखिलेश की जोरदार छीछालेदर हो रही है. लोग पूछ रहे हैं कि बाकी की तीन सीटें किसके लिए छोड़ दी हैं. दरअसल यूपी में विधानसभा की 403 सीटें हैं और अखिलेश ने अब 400 सीटें जीतने का दावा कर दिया है.
गुरुवार को अखिलेश यादव ने लखनऊ में साइकिल रैली से पहले दावा किया था कि, ‘सत्तारूढ़ बीजेपी से उत्तर प्रदेश की जनता कि नाराजगी देखकर लगता है कि उनकी पार्टी राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव में 400 सीटें हासिल करेगी, सपा अध्यक्ष ने दावा किया कि सरकार हर मुद्दे पर नाकाम है, अभी तक हम 350 बोलते थे लेकिन जिस तरह की नाराजगी जनता के बीच है, हो सकता है हम 400 सीटें जीत जाएं’, आज तो स्थिति ऐसी है कि बीजेपी के पास प्रत्याशी कम पड़ जाएंगे. प्रत्याशी टिकट ही नहीं मांगेंगे’.
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के 400 सीटें जीतने के दावे पर योगी सरकार में नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने पलटवार करते हुए कहा कि, ‘अखिलेश ने 3 सीटें क्यों छोड़ दी? आशुतोष टंडन ने कहा कि, ‘अखिलेश यादव मुंगेरी लाल के हसीन सपने देख रहे हैं. वे सुबह सोकर उठने के बाद केवल ट्वीट करना जानते हैं. वह ट्वीट करके जनता का विश्वास नहीं जीत सकते हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा 300 सीटें जीतकर एक बार फिर सरकार बनाएगी’.
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यादव के 400 सीटें जीतने के दावे पर योगी आदित्यनाथ सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, ‘400 का सपना देख रहे सपा नेता के सामने चुनाव में 40 सीटें बचाने की बड़ी चुनौती है’. गुंडों, माफियाओं और भ्रष्टाचारियों का गैंग चलाने वाले अखिलेश यादव के मुंह से कानून व्यवस्था और न्याय की बात अच्छी नहीं लगती. किसानों को तबाह करने वाले अखिलेश को किसानों की खुशहाली और कृषि विकास को देखना चाहिए. योगी सरकार ने चार साल में किसान, नौजवान, मजदूरों और ग्रामीणों की किस्मत बदलने का काम किया है. जिन गन्ना किसानों का पैसा अखिलेश सरकार नहीं दे पाई थी. वह भी योगी सरकार ने किसानों को दिया’.
बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि, ‘अखिलेश यादव पिछले चार साल से ‘वर्क फ्रॉम होम’ कर रहे हैं. अब विधानसभा चुनाव नजदीक आते देख उन्होंने सक्रियता दिखाई है, लेकिन चुनाव में उनकी पार्टी को इसका कोई फायदा नहीं होगा’.
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भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘बड़ी देर कर दी हुजूर आते-आते. डेढ़ साल के बाद अखिलेश यादव घर से बाहर आए हैं. जब कोरोना काल चल रहा था तो अखिलेश जनता को बरगलाने का काम कर रहे थे. उनके जख्मों पर नमक लगाने का काम कर रहे थे. जनता यह सब भूली नहीं है. उनकी साइकिल यात्रा मंजिल तक कभी नहीं पहुंच पाएगी’.
सपा की साइकिल यात्रा के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा, ‘राज्य के लोग जानते हैं कि कांग्रेस ने पिछले चार सालों में उनके मुद्दों के लिये संघर्ष किया है. हम जनता के मुद्दों पर सड़कों पर थे. सपा मुख्य विपक्षी दल है, लेकिन वह कांग्रेस ही है जो हर मौके पर लोगों के साथ खड़ी रही.
अखिलेश के 400 सीटों के दावे पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि, ‘प्रबुद्ध वर्ग विचार संगोष्ठी की सफलता के बाद समाजवादी पार्टी को अब जनेश्वर मिश्र व भाजपा सरकार द्वारा सताए हुए उनके समाज की याद आई है, यह सब इनकी राजनीतिक स्वार्थ व सस्ती लोकप्रियता के लिए नाटकबाजी नहीं है तो और क्या है?, मायावती ने कहा कि, ‘जनेश्वर मिश्र की जयंती पर उनको हार्दिक श्रद्धा सुमन अर्पित किया है. जनेश्वर मिश्र के नाम पर लखनऊ में जो पार्क हैं, उसे बसपा सरकार ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर बनाया, लेकिन सपा सरकार ने जातिवादी सोच व द्वेष के कारण इसका नाम भी नए जिलों आदि की तरह बदल दिया, यह कैसा सम्मान है’
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इधर सोशल मीडिया पर यूजर्स पूछ रहे हैं. अखिलेश जी आप कौनसा नशा करके आए थे, ये टॉप क्वालिटी का नशा हमें भी करना है. साथ ही कुछ यूजर्स ने कहा कि हमें भी वहीं गांजा चाहिए जो अखिलेश भैय्या ने लिया था.