Politalks.News/Rajasthan. कांग्रेस (Congress) की सर्वोच्च वर्किंग कमेटी के सदस्य रघुवीर मीणा (Raghuveer Meena) का कहना है कि कांग्रेस में सभी नेताओं को पद को महत्व देने के बजाय संगठन के लिए काम करना चाहिए. कांग्रेस में चेहरे के बजाय पार्टी के नाम पर चुनाव लड़ा जाता है, सरकार के तीन साल पूरे होने और मंत्रिमंडल पुनर्गठन पर दैनिक भास्कर से बातचीत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के बेहद करीबी माने जाने वाले रघुवीर मीणा ने सचिन पायलट (Sachin Pilot) को लेकर भी खुलकर बात की. मीणा ने पायलट को पार्टी के लिए महत्वपूर्ण बताया. साथ ही पायलट को संगठन को सबसे ऊपर रखने की नसीहत भी दे डाली.
सवाल – मंत्रिमंडल गठन के बाद कहा जा रहा था कि पार्टी में असंतोष खत्म होगा. मगर ऐसा हुआ नहीं?
रघुवीर मीणा – राजनीति में वर्चस्व की लड़ाई होती है. एक सीमा तक होती है मगर उसके बाद सब मिलकर फैसले करते हैं. एक दौर आया था जब सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच वर्चस्व की लड़ाई हो गई थी. हाईकमान, प्रभारी महासचिव ने संतुलन बढ़ाने की कोशिश की. रैली के बाद संगठन और राजनीतिक नियुक्तियों के जरिए जो असंतोष थोड़ा बहुत है उसे भी खत्म कर देंगे.
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सवाल- मंत्रिमंडल गठन में सचिन पायलट गुट के लोगों को भी जगह दी गई. कई जो सरकार को छोड़कर गए उन्हें भी पद मिले, मगर जो साथ थे उन्हें वफादारी का ईनाम नहीं मिला?
रघुवीर मीणा- प्रदेश में सुशासन, कल्याणकारी योजनाओं का इम्पलीमेंटेशन हो यह हमारी प्राथमिकता है. सरकार को स्थायित्व देना हमारे लिए लाभ के पद प्राप्त करने से ज्यादा जरूरी है. ये बड़ा दिल रखकर अशोक गहलोत ने फैसला लिया है.
सवाल- ऐसा कहा जा रहा है कि 2023 का चुनाव सचिन पायलट के नेतृत्व में या उन्हें चेहरा बनाकर लड़ा जा सकता है?
रघुवीर मीणा- ऐसा फॉर्मूला कभी कांग्रेस ने नहीं बनाया कि चेहरा आगे रखकर चुनाव लड़ा हो. भाजपा नगर पालिका के चुनाव में भी नरेंद्र मोदी का चेहरा आगे रखकर चुनाव लड़ती है. ऐसा कांग्रेस ने कभी नहीं किया है. सब सामूहिक प्रयास करते हैं और विधायक दल की बैठक में जो तय होता है उसके आधार पर फैसला होता है.
सवाल- सचिन पायलट ने 2018 में सरकार बनवाई, आज उनके पास कोई पद नहीं है, आपको नहीं लगता है उनके साथ गलत हुआ?
रघुवीर मीणा- सचिन पायलट ने काफी मेहनत की, इसमें कोई दोराय नहीं है. पार्टी ने उन्हें जिम्मेदारी सौंपी थी कि वे युवा हैं और भागादौड़ी कर प्रदेश में माहौल बनाएंगे और उन्होंने किया भी. मैं भी यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष बना. मैंने यह सोचकर नहीं पद लिया था कि हमे आगे जाकर कुछ बनना है. उन्होंने निश्चित तौर पर रिजल्ट दिया है. पार्टी ने उनको मान-सम्मान हमेशा दिया है. आज यूपी में उनको जिम्मेदारी दी है. प्रियंका गांधी के साथ बराबर लगकर काम कर रहे हैं. आज देश में जो माहौल बनाया गया है कि डर का माहौल पैदा करकर भय फैला कर शासन किया जा रहा है. आपस में भाईचारे को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है. एक विशेष एजेंडे के तहत देश में शासन किया जा रहा है, यह लोकतंत्र के लिए खतरा है, ये देशहित में नहीं. इसलिए पायलट जैसे लोगों को पद के बजाय संगठन को प्राथमिकता देनी चाहिए.
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सवाल- कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि प्रदेश में एंटी इनकम्बैंसी नहीं है, ऐसे में 2023 में सचिन पायलट के पार्टी में महत्व को कैसे देखते हैं?
रघुवीर मीणा- सचिन पायलट को साथ में इसलिए रखना चाहिए कि उनकी उम्र है. उनके पिता ने संगठन में काफी नाम कमाया है, सचिन पायलट को साइड में रखकर काम करने से कुछ ज्यादा हासिल हो जाएगा ऐसा नहीं है. मगर यहां कांग्रेस पार्टी में व्यक्ति को आगे रखने की परम्परा कम रही है. सामूहिक प्रयास में ज्यादा विश्वास करते हैं. कांग्रेस में अगर किसी व्यक्ति ने अगर अपने आप को बड़ा बताने की कोशिश की है तो वो साइड या किनारे हो गया है. नटवर सिंह किसी जमाने में बड़े व्यक्ति थे, 10, जनपथ के करीबी थे. मगर उन्होंने संगठन के साथ अगर कोई गलती की तो साइड हो गए. यहां व्यक्ति नहीं संगठन बड़ा होता है.
सवाल- बीजेपी में भी गुटबाजी है, कांग्रेस ऐसी सूरत में खुद को एकजुट क्यों नहीं करती?
रघुवीर मीणा- प्रदेश में बीजेपी बिखरती जा रही है ये दिख रहा है. वल्लभनगर में चौथे, धरियावद में बीजेपी तीसरे स्थान पर आई. देश के अन्य हिस्सों में भी बीजेपी हार रही है. बीजेपी का जनाधर धीरे-धीरे खत्म हो रहा है. इनकी आपस में गुटबाजी में चरम पर है. वसुंधरा राजे ने देवदर्शन कर यात्रा की तो हमारे गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि जहां वसुंधरा बैठने जा रही हैं वो समय तो चला गया, पहले आना चाहिए था. ये इनका आपसी गुस्सा फूट रहा है. किसी दिन यह ऐसा फूटेगा कि बीजेपी बिखर जाएगी.