Politalks.News/Rajasthan. पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने एक बार दोहराया है कि प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियां जनवरी माह में ही होंगी. बुधवार को अपने निवास पर मीडिया से रूबरू होते हुए राजनीतिक नियुक्तियों सवाल पर पायलट ने कहा कि तय समय सीमा में सभी काम होंगे. सचिन पायलट ने कहा कि राजनीतिक नियुक्तियों के लिए जनवरी माह का समय तय किया गया था. मुझे लगता है प्रभारी अजय माकन लगातार इस दिशा में काम कर रहे हैं. हम सभी की इच्छा है कि उन्हीं लोगों को मौका मिले जिन्होंने पार्टी के अच्छा काम किया है. पायलट ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पार्टी में काम हो रहा है.
वल्लभनगर से कांग्रेस विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत के निधन पर प्रतिक्रिया देते हुए सचिन पायलट भावुक हो गए, मीडिया को प्रतिक्रिया देते हुए कुछ देर नि:शब्द रहे. फिर सचिन पायलट ने रुंधे गले से कहा कि, “गजेंद्र सिंह शक्तावत का हमेशा पार्टी फोरम से लेकर हर जगह साथ मिला. उनका असमय जाना पार्टी ही नहीं मेरे लिए सबसे ज्यादा व्यक्तिगत नुकसान हुआ है, उनके परिवार से मेरा पुराना जुड़ाव रहा है. वे लोकप्रिय विधायक थे, उनकी कमी हमेशा खलेगी.”
आपको बता दें, गजेंद्र सिंह शक्तावत सचिन पायलट के कट्टर समर्थक थे, सचिन पायलट ने जब जुलाई में बगावत की उस वक्त गजेंद्र शक्तावत शुरू से लेकर आखिर तक मजबूती से पायलट के साथ रहे थे, जब पायलट गुट से सुलह हो गई और बाड़ेबंदी खत्म करके मानेसर से उदयपुर लौटे तो भी वे अपने स्टैंड पर कायम थे. गजेंद्र सिंह शक्तावत के जाने से सचिन पायलट ने मेवाड़ में अपना एक मजबूत समर्थक खो दिया है, यही वजह है कि शक्तावत को याद करते हुए पायलट भावुक हो गए.
केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 50 दिन से भी ज्यादा समय से आंदोलनरत किसानों पर भाजपा नेताओं की ओर से की जा रही बयानबाजी को पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने शर्मनाक बताया है. पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार अपनी जिद पर अड़ी है, केंद्र की मोदी सरकार किसानों की जिंदगी की कीमत को समझ नहीं रही है. बता दें, हाल ही में बीजेपी से दौसा सांसद जसकौर मीणा ने अपने एक बयान में किसानों को खालिस्तानी आतंकवादी कहा है.
सचिन पायलट ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसान उग्र नहीं हो रहा है. वह इस सर्दी में भी शांति से अपनी बात को मनवाने का काम कर रहा है. जो समिति बनाई गयी है उसको लेकर किसान खुश नहीं है. पायलट ने कहा कि किसानों की मांग के सामने केंद्र सरकार को झुकना पड़ेगा.
पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने केन्द्र सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुये कहा कि केन्द्र को ना तो किसानों के प्रति सहानुभूति है ना ही किसान संगठनों के प्रति. पायलट बोले कि किसान दिल्ली की सर्दी में दो महीने से बैठे हैं. सरकार को कानून वापिस लेने चाहिये. राहुल गांधी ने पिछली साल फरवरी में कहा था कि कोरोना फैलने वाला है. लेकिन किसी ने उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया और देश मे इतने लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. इस बार किसान बिल पर भी वही हो रहा है.