हॉर्स ट्रेडिंग के लिए अभी भी आ रहे हैं फोन, छापा तो उनके पड़ना चाहिए था जो खुद संजीवनी स्कैम में फंसा है

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गजेन्द्र सिंह शेखावत पर निशाना साधते हुए कहा कि राजस्थान के केंद्रीय मंत्री ने गेम प्ले किया ओवर एंबिशियस बनकर, उनको थोड़ा धैर्य रखना चाहिए था, वे नए-नए एमपी बने हैं इसलिए राजस्थान की परम्पराओं, यहाँ के लोगों और राजनेताओं का मिजाज़ को भूल गए और टेकऑफ होने के पहले ही धराशायी हो गए

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Politalks.News/Rajasthan. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों की खरीद फरोख्त को लेकर एक बार फिर बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि अभी भी हॉर्स ट्रेडिंग की कोशिश की जा रही है, अभी भी फ़ोन आ रहे हैं. वहीं सीएम गहलोत ने केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत पर एक बार फिर निशाना साधते हुए कहा कि राजस्थान के केंद्रीय मंत्री ने गेम प्ले किया ओवर एंबिशियस बनकर, उनको थोड़ा धैर्य रखना चाहिए था. वे नए-नए एमपी बने हैं इसलिए राजस्थान की परम्पराओं, यहाँ के लोगों और राजनेताओं का मिजाज़ को भूल गए और टेकऑफ होने के पहले ही धराशायी हो गए.

राजस्थान में बड़े रूप में थी सरकार गिराने की तैयारी

जैसलमेर में महिला विधायकों के साथ रक्षाबंधन का पर्व मनाकर जयपुर लौटे मुख्यमंत्री गहलोत ने जयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिस रूप में सरकार को टॉपल करने का प्रयास किया गया, ये तीसरा अटेंप्ट था, दो अटेंप्ट पहले हो चुके थे और कर्नाटक में, मध्यप्रदेश का सबसे मालूम है. राजस्थान के अंदर और बड़े रूप में उनकी तैयारी थी. दूसरे राज्यों का उदाहरण देते हुए सीएम ने कहा कि कहां तो 73 और कहां 122 हमारे पास थे, तब भी धन-बल के आधार पर यहां गेम खेला गया. हॉर्स ट्रेडिंग अभी भी की जा रही है. अभी भी टेलीफोन आते हैं और क्या-क्या नहीं कहा जा रहा है सब जानकारी में आता है वापस हमारे. भारत सरकार में जो बैठे हुए हैं नेता, जिनके नाम मैं पहले ले चुका हूं, मैं नहीं समझता कि जनता की नजर से कोई बचेगा, अल्टीमेटली सच्चाई की जीत होगी.

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छापा तो उनके यहां पड़ना चाहिए था जो खुद संजीवनी स्कैम में फंसा है

गजेन्द्र सिंह शेखावत का नाम लिए बगैर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ऐसा व्यक्ति जो पूरी चुनी हुई सरकार को टॉपल करने के गेम में शामिल हो, जो खुद संजीवनी सोसायटी के स्कैम में फंसा हुआ हो, दुःख इस बात का है कि छापा तो उनके यहां पड़ना चाहिए सीबीआई का भी, या ईडी का भी, पड़ रहा है उन लोगों के ऊपर जिनके नाम, जिनके संबंध, जिनके रिश्ते हम लोगों से जुड़े हुए हैं, बेवजह पड़ रहे हैं, कोई कारण भी नहीं है. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा राजस्थान के केंद्रीय मंत्री जी ने जो गेम प्ले किया ओवर एंबिशियस बनकर, उनको थोड़ा धैर्य रखना चाहिए था, वो तो पूरे मैदान में ही कूद पड़े. सारी राजस्थान की परंपराओं को और यहां का जो मिजाज़ है लोगों का, पॉलीटिशियन का, उसको भी भूल गए क्योंकि नए-नए एमपी बन गए, फिर जल्दी चांस मिल गया मंत्री बनने का केंद्र में तो जल्दबाज़ी हो गई. इसीलिए मैंने कहा कि टेकऑफ होने के पहले ही वो खुद ही धराशायी हो गए. अब चाहे उनकी पार्टी कितना ही सोच ले उनके बारे में, जनता उनके नाम को कभी स्वीकार नहीं करेगी.

जनता कैसे माफ कर सकती है?

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि जब कोरोना का संकटकाल चल रहा है, उस दरम्यान सरकार गिराने की साजिश को अंजाम दिया जा रहा था. हमने तो कोविड की लड़ाई में केंद्र सरकार का सहयोग किया, उनकी सराहना की लेकिन कोरोना से असली लड़ाई राज्य की सरकारों ने की, क्योंकि जनता से सीधा वास्ता उन्हीं का पड़ता है. राजस्थान में भी जीवन और आजीविका बचाने का काम जारी था, पर कोरोना ख़त्म नहीं हुआ उससे पहले इस तरह के हथकंडे अपनाए गए, इसे जनता कैसे माफ कर सकती है?

हाईकमान जो फैसला करता है, हम जैसे अनुशासित सिपाही को तो वो मंजूर होता है

सचिन पायलट खेमे की तरफ से आ रहे बयान और विधानसभा में आकर पक्ष में वोट देने की संभावित रणनीति के सवाल पर मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि ये वो जानें, उनका ज़मीर जाने, मैं तो आपको कह चुका हूं उनके बारे में कि ये फैसले हम तो करते नहीं हैं, उनका किसी से संपर्क है वो मुझे मालूम नहीं है. हाईकमान जो फैसला करता है, हम जैसे अनुशासित सिपाही को तो वो मंजूर होता है.

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बागियों के क्षेत्रों में भी विकास हो रहा है

बागी विधायकों के क्षेत्रों में विकास कार्य से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉलेज खोलनी हैं, विकास करना है, अगर वहां के MLA ने मान लीजिए रिवॉल्ट किया है, इसको आप असंतुष्ट गतिविधि नहीं कह सकते हो, इसको कहना चाहिए रिवॉल्ट किया है, तो मेरा फर्ज बनता है मैं उनके क्षेत्रों की जनता की भलाई के काम करूं, जनता ने क्या कसूर किया? जनता ने उनको जिताकर भेजा था विधानसभा के अंदर, अगर उन्होंने मान लीजिए नाइत्तेफाक़ी रखी मुझसे, उनका बदला जो है या कहना चाहिए कि उनके कारण से जनता सफ़र नहीं करनी चाहिए, ये मेरी सोच हमेशा से रही है.

बागी विधायकों की कभी नहीं रही शिकायत बल्कि हमेशा तारीफ ही की

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा जो विधायक गए हैं उनकी शिकायत कोई थी ही नहीं कामों से अब क्योंकि बाड़ेबंदी में बैठे हुए हैं वहां पर इसलिए जानबूझकर कह रहे हैं कि हमारे काम नहीं हो रहे थे, हम असंतुष्ट थे. आज तक कोई शिकायत उन्होंने की ही नहीं, बल्कि तारीफ की, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में तारीफ की, मिलते थे तो तारीफ करते थे, कोई उनको शिकायत नहीं थी, पर अब शिकायतें पैदा करने का प्रयास करते हैं. मैं समझता हूं कि जनता सब देख रही है और इसीलिए मैंने कहा कि हम जब निकलते हैं तो थड़ी पर, दुकान पर, चौराहों पर खड़ी जनता विक्ट्री का साइन करती है, हाथ वेव करती है, क्यों कर रही है? जनता समझ रही है, हो क्या रहा है राजस्थान के अंदर.

लोकतंत्र को बचाने के लिए सबकुछ किया जा रहा है

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि रक्षाबंधन पर्व पर विधायकों को घर जाने से वंचित होना पडा है, जिसका उन्हें दुःख है. लेकिन देश में लोकतंत्र को मजबूत रखना मौजूदा समय में सभी की प्राथमिकता है. लोकतंत्र को बचाने के लिए सबकुछ किया जा रहा है.

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