प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम को विमानन घोटाले की जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए समन भेजा है. यह घोटाला अंतराष्ट्रीय वायु मार्ग तय करने से संबंधित है, जिसमें निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए एयर इंडिया को नुकसान पहुंचाने के आरोप हैं. ईडी इस मामले में मनी लांड्रिंग की जांच कर रहा है. चिदंबरम के 23 अगस्त को ईडी के दिल्ली स्थित दफ्तर में तलब किया गया है.
यह घोटाला यूपीए सरकार के दौरान हुआ था और उस समय चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे. चिदंबरम से एयर इंडिया के लिए 111 विमान खरीदने के मामले में भी पूछताछ हो सकती है. यह करीब 70,000 करोड़ रुपए का सौदा था. सीएजी ने 2011 में सरकार के 111 विमान खरीदने के फैसले पर सवाल उठाए थे. इनमें 48 विमान एयर बस से और 68 बोइंग कंपनी से 2006 में एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के लिए 70,000 करोड़ रुपए में खरीदे गए थे.
इस मामले में ईडी तत्कालीन विमानन मंत्री प्रफुल्ल पटेल से पूछताछ कर चुका है. ईडी के अधिकारियों का कहना है कि सौदे की प्रक्रिया तय करने के लिए बने मंत्री समूह के प्रमुख चिदंबरम थे. इस लिए उनसे पूछताछ करना जरूरी है. ईडी दो अन्य मामलों में भी चिदंबरम के खिलाफ मनी लांड्रिंग की जांच कर रहा है. एक मामला एयरसेल-मैक्सिस सौदे से जुड़ा है, दूसरा आईएनएक्स मीडिया से जुड़ा है. इन मामलो में चिदंबरम से कई बार पूछताछ की जा चुकी है.
चिदंबरम एयरसेल-मैक्सिस सौदे में ईडी की जांच को गलतियों और गड़बड़ियों का पुलिंदा बता चुके हैं. इस बीच चिदंपरम के पुत्र कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम और उनकी पत्नी ने मद्रास हाईकोर्ट में अपील करते हुए मांग की है कि उनका मामला आर्थिक अपराध अदालत से विशेष अपराध अदालत में नहीं भेजा जाए, जो विधायकों और सांसदों के खिलाफ मामलों की सुनवाई करती है.