पहलगाम में टूरिस्ट पर आतंकी हमले के बाद देशभर में रोष है. पड़ौसी देश पर केंद्र सरकार द्वारा प्रतिक्रिया की जा रही है. इस घटना पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के एक मंत्री के विवादित बोल ने विवाद खड़ा कर दिया है. महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे ने कहा कि हिंदुओं को दुकानदारों से कुछ भी खरीदने से पहले उनका धर्म पूछना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर वे आपका धर्म पूछकर आपको मार रहे हैं, तो आपको खरीदारी से पहले उनका धर्म पूछना चाहिए और हिंदू संगठनों को भी ऐसी मांग उठानी चाहिए. राणे ने यह टिप्पणी पहलगाम हमले के बाद की है जहां आतंकियों ने धर्म पूछकर गोलियां मारीं थीं. इसमें 26 लोगों की मौत हुई थी.
रत्नागिरी जिले के दापोली कस्बे में एक सभा को संबोधित करते हुए राणे ने कहा, “उन्होंने (आतंकियों) हमें मारने से पहले हमारा धर्म पूछा इसलिए अब हिंदुओं को भी कुछ भी खरीदने से पहले दुकानदार का धर्म पूछना चाहिए. जब भी आप खरीदारी करने जाएं, उनका धर्म पूछें. अगर वे कहते हैं कि वे हिंदू हैं, तो उन्हें हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए कहें. अगर वे हनुमान चालीसा का पाठ नहीं कर पाते हैं, तो उनसे कुछ भी न खरीदें.’
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राणे ने सभा में कहा कि अगर वे धर्म के बारे में इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं तो हमें उनसे चीजें क्यों खरीदनी चाहिए और उन्हें अमीर क्यों बनाना चाहिए? आप लोगों को यह संकल्प लेना होगा.
समुदाय विशेष पर भी टिप्पणी
सरकार में मंत्री नितेश राणे ने मुगल बादशाह औरंगजेब का जिक्र करते हुए समुदाय विशेष पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘औरंगजेब को देखिए. उसने अपने पिता और भाई का भी सम्मान नहीं किया, अपने पिता और भाई को भी नहीं बख्शा. अगर उसने अपने पिता और भाई का सम्मान नहीं किया, तो वे आप लोगों का कैसे सम्मान कर सकते हैं.’
मालूम हो, दक्षिण कश्मीर के पहगाम में बैसरन घाटी में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने 26 पर्टकों को मार दिया. ये वो निर्दोष लोग थे जो अपने परिवार के साथ कुछ यादगार पल बिताने के लिए कश्मीर घूमने आए थे. आतंकियों ने पहले टूरिस्ट स्पॉट पर मौजूद आदमियों से धर्म के आधार पर अलग-अलग हो जाने को कहा. फिर धर्म पूछा, कलमा पढ़ाया और जो कलमा नहीं पढ़ पाया, उसे गोली मार दी. इस घटना के देशभर में पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ विरोध जताया जा रहा है. देश के कई हिस्सों में कैंडल मार्च निकाला गया है. भारत सरकार भी पड़ौसी देश के खिलाफ आक्रामक रूख अपना रही है. इसके तहत सिंधू नदी समझौता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है.