Politalks.News/WestBengal. 2021 में होने वाले बंगाल विधानसभा चुनाव को देखते हुए तमाम राजनीतिक पार्टियां अभी से सक्रीय हो गई हैं. बीजेपी ने जहां बंगाल चुनाव में 200 सीटें जीतने का दावा किया है, तो वहीं बिहार विधानसभा चुनाव में मिली सफलता के बाद असदुद्दीन ओवैसी अपनी पार्टी का परचम बंगाल में भी फहराने की तैयारी कर रहे हैं. बंगाल में अगले साल अप्रैल या मई में होने वाले चुनावों को लेकर आज AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर चुनाव पर चर्चा की. बैठक के बाद ओवैसी ने कहा- आगामी बंगाल चुनाव को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं से उनके विचार विस्तृत रूप से जाने और बंगाल की राजनीतिक स्थिति का जायजा लिया.
बता दें बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली बढ़त के साथ ओवैसी ने बंगाल और उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत के साथ लड़ने का एलान कर दिया था, और कहा था कि अब उनका अगला लक्ष्य बंगाल और उत्तर प्रदेश है. बंगाल में मुस्लिम वोटरों की संख्या करीब 27 फीसदी है ऐसे में ओवैसी आगामी चुनाव में निर्णायक भूमिका में आ सकते है .
असदुद्दीन ओवैसी ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ विस्तृत चर्चा की बैठक के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा, कि “आज AIMIM के पश्चिम बंगाल के पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ सार्थक मीटिंग हुई. मैंने आगामी चुनाव को लेकर उनके विचार विस्तृत रूप से जानें और राज्य की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की. इस मीटिंग में शामिल सभी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद.
आपको बता दें की बंगाल में मुस्लिम वोटरों पर ममता बनर्जी की टीएमसी का एकछत्र राज है. इसके बाद दूसरे नंबर पर कांग्रेस को मुस्लिम वोट सबसे अधिक मिलते है, ऐसे में ओवैसी की पार्टी AIMIM, टीएमसी और कांग्रेस के वोटबैंक में सेंधमारी कर किंगमेकर की भूमिका में आना चाहती है. ओवैसी के इस कदम से कांग्रेस के साथ साथ टीएमसी की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही है. बंगाल में तीन जिले ऐसे है जहाँ मुस्लिम वोटरों का प्रतिशत 50 से 55 है जबकि कई जिलों में 25 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं ऐसे में ममता सरकार चारों तरफ से घिरी हुई नजर आ रही है.
वहीं बीजेपी भी अब बंगाल फतह करने के लिए पूरी तरह कमर कस चुकी है और एक के बाद एक पार्टी के दिग्गज बंगाल में रैली कर रहे हैं. हाल ही में बीजेपी की राष्ट्रिय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दावा किया था, कि आगामी चुनाव में बीजेपी 200 सीटों पर जीत हासिल करेगी. बीजेपी बंगाल में हिंदुत्व के मुद्दे पर चुनाव लड़ना चाहती है , ऐसे में पहले बीजेपी और अब ओवैसी की बढ़ती सक्रियता ममता बनर्जी के लिए सर दर्द बन चुकी है.
अगर सीटों का हिसाब लगाया जाए तो बंगाल विधानसभा की 294 विधानसभा सीटों में से 90 सीटों पर मुस्लिम मतदाता ही जीत और हार का अंतर तय करते हैं. पिछले विधानसभा चुनाव की बात करे तो विधानसभा की 294 सीटों में से टीएमसी के खाते 220 सीटें हैं, तो कांग्रेस के खाते में महज 44 सीटें है, वहीं सीपीआईएम की 26 तो भारतीय जनता पार्टी महज 3 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई थी. ऐसे में बीजेपी के हालात भी बंगाल में ठीक नहीं है लेकिन ओवैसी के चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद बंगाल में बीजेपी का वोट प्रतिशत बढ़ सकता है, जिसका फायदा उठाना बीजेपी अच्छे से जानती है.