बेरोजगारी पर विपक्ष को मिला गडकरी के बाद RSS नेता का साथ, गरीबी है दानव जैसी चुनौती- दत्तात्रेय

'गरीबी' हमारे सामने दानव जैसी चुनौती' के रूप में आ रही है सामने, देश की 50% आबादी के पास देश की आय का केवल 13 प्रतिशत हिस्सा है, वहीं, बाकी 50% लोगों के पास 87% इनकम है, जो नहीं है सही- दत्तात्रेय होसबोले, हमारा देश धनवान है पर जनता गरीब है- नीतिन गडकरी

‘हमारा देश होता जा रहा है धनवान लेकिन जनता है गरीब’
‘हमारा देश होता जा रहा है धनवान लेकिन जनता है गरीब’

Politalks.News/Delhi. देश भर में बेरोजगारी ने अपने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. संस्था सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट के अनुसार देश में फिलहाल बेरोजगारी दर 7.06 प्रतिशत है लेकिन जनता अब भी त्रस्त है. बढ़ती बेरोजगारी को लेकर विपक्षी पार्टियां तो पहले से केंद्र सरकार पर हमलवार है. लेकिन अब केंद्रीय मंत्री के साथ साथ RSS के नेता भी बढ़ती बेरोजगारी पर सवाल उठा रहे हैं. अक्सर अपने बयानों और अपनी बेबाकी को लेकर चर्चा में रहने वाले केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी ने पिछले हफ्ते बड़ा बयान देते हुए कहा था कि, ‘हमारा देश आज धनवान होता जा रहा है लेकिन जनता गरीब है.’ इसी क्रम में अब आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने बेरोजगारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि, ‘बेरोजगारी खत्म करने के लिए सरकार को जल्द से जल्द प्रयास करने चाहिए.’

बढ़ती बेरोजगारी आज देश के लिए सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है. अगर समय रहते इस पर काबू नहीं पाया गया तो ये और भी ज्यादा विकराल रूप अख्तियार कर सकती है. यही कारण है कि बढ़ती बेरोजगारी को लेकर विपक्ष के साथ साथ अब अपने भी सवाल उठाने लगे हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने देश में कथित रूप से बढ़ती आय असमानता और बेरोजगारी पर चिंता व्यक्त की है. आरएसएस के महासचिव ने कहा कि, ‘गरीबी ‘हमारे सामने दानव जैसी चुनौती’ के रूप में सामने आ रही है. भारत की शीर्ष एक प्रतिशत आबादी के पास देश की आय का पांचवां हिस्सा है. साथ ही देश की 50% आबादी के पास देश की आय का केवल 13 प्रतिशत हिस्सा है. वहीं, बाकी 50% लोगों के पास 87% इनकम है, जो सही नहीं है.’

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रविवार को स्वदेशी जागरण मंच की ओर से स्वाबलंबी भारत अभियान के तहत आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि, ‘कई प्रगति के बावजूद अभी भी कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां देश चुनौतियों का सामना कर रहा है. 20 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं, जो बेहद ही दुखद है.’ आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा होसबोले ने कहा कि, ’23 करोड़ से अधिक लोगों की आय 375 रुपये प्रति दिन से कम है. देश में चार करोड़ बेरोजगार हैं. श्रम बल सर्वेक्षण के मुताबिक हमारे यहां बेरोजगारी दर 7.6% है. देश में चार करोड़ बेरोजगार हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में 2.2 करोड़ और शहरी क्षेत्रों में 1.8 करोड़ बेरोजगार हैं. श्रम बल सर्वेक्षण में बेरोजगारी दर 7.6 प्रतिशत आंकी गई है. रोजगार पैदा करने के लिए हमें न केवल अखिल भारतीय योजनाओं की आवश्यकता है, बल्कि स्थानीय योजनाओं की भी आवश्यकता है.’

वहीं केंद्रीय परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी ने भी बढ़ती बेरोजगारी पर चिंता जाहिर की है. नीतिन गडकरी ने पिछले गुरुवार को नागपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए बड़ा बयान दिया था. अब उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. नीतिन गडकरी ने अपने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘वर्तमान में देश के भीतर सामाजिक एवं आर्थिक समानता की जरुरत है. समाज के गरीबों और अमीर लोगों के बीच फैसला इन दिनों और भी ज्यादा बढ़ गया है. भारत दुनिया की 5 वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और एक समृद्ध देश होने के बावजूद यहाँ के लोग गरीबी, भुखमरी बेरोजगारी जातिवाद, अस्पृश्यता और महंगाई का सामना कर रहे हैं. हमारा देश आज धनवान होता जा रहा है लेकिन जनता गरीब है.’

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नीतिन गडकरी ने जोर देते हुए कहा कि, ‘समाजिक समता और आर्थिक समता समाज में स्थापित हो. हमारे समाज में अमीर और गरीब लोगों के बीच की खाई और भी ज्यादा गहरी होती जा रहे है. जैसे समाजिक विश्मत बढ़ी है वैसे ही आर्थिक विषमता भी बड़ी है. हमारे देश में आज भी 124 जिले ऐसे हैं जो सामजिक, आर्थिक और शैक्षणिक तौर पर पिछड़े हुए हैं. यहां पर स्कूल के साथ साथ अपस्ताल वगैरह नहीं है. किसानों को फसलों के उचित दाम नहीं मिल रहे तो युवाओं के लिए रोजगार नहीं है.’

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