महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आते ही शिवसेना आक्रमक हो गयी है. भाजपा ने 101 और शिवसेना ने 60 सीटों पर कब्जा जमाया. इसके बाद शिवसेना प्रमुख उद्दव ठाकरे और पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने तीखे तेवर अपनाते हुए स्पष्ट तौर पर सरकार में 50-50 की भागीदारी की मांग की. इसके बाद शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ (Saamana) में एक लेख के जरिए बीजेपी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को घेरने की कोशिश की. इस लेख में शीर्षक लिखा ”तेल लगाए पहलवान बन अखाड़े में कूदे थे सीएम पर बूढ़े शरद पवार ने दिया पटक”.
लेख (Saamana) में कहा गया, ‘मौजूदा चुनाव परिणाम से ‘सत्ताधीशों’ को सबक मिला है. साफ है अब सत्ता की धौंस नहीं चलेगी. महाराष्ट्र की जनता ने गठबंधन को 161 सीटें दी लेकिन इस महाजनादेश नहीं कहा जा सकता. चुनाव से पहले बेहद कमजोर कही जा रही कांग्रेस ने 44 सीटों पर जीत हासिल की जबकि एनसीपी 55 सीटें जीतने में कामयाब हुई. एनसीपी ने इस चुनाव में बड़ी छलांग लगाई है.’
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मुखपत्र में एनसीपी प्रमुख शरद पवार की लीडरशिप की जमकर तारीफ की गई है. सामना में लिखा है कि ‘वह चुनाव में दमदार नेतृत्व और जिद के साथ लड़े. सीएम ने खुद को तेल लगाए हुए एक पहलवान की तरह मैदान में उतारा पर चुनाव परिणाम के बाद उन्हें यह स्वीकार करना होगा कि तेल थोड़ा कम पड़ गया. माटी की कुश्ती के उस्ताद की तरह एनसीपी प्रमुख ने उन्हें पटक दिया.’
शिवसेना के मुखपत्र (Saamana) में छपे इस लेख में भाजपा का नाम लिए बगैर कई हमले किए गए. लेख में लिखा, ‘सत्ता के दुरुपयोग कर राजनीतिक रोटियां सेंकने से किसी को खत्म नहीं किया जा सकता. यह चुनाव परिणाम ऐसा है जैसे अब किसी की धौंस नहीं चलेगी. अब चुनाव खत्म हो चुके हैं. हम जनता की सेवा करने जा रहे हैं. कौन हारा और किसे फायदे हुआ, इसका मंथन कुछ समय बाद किया जाएगा.’
गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने 161 सीटों के साथ बहुमत हासिल किया है. अगर पिछले विधानसभा चुनाव से तुलना करें तो इस चुनाव में भाजपा को 22 सीटों का नुकसान हुआ है. वहीं कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन 99 सीटों पर जीत हासिल करने में सफल रहा. एनसीपी ने पिछले चुनाव के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है. शिवसेना का प्रदर्शन पहले की तरह बरकरार है. चुनाव परिणाम के बाद शिवसेना भाजपा पर ढाई—ढाई साल मुख्यमंत्री पद के लिए दवाब बना रही है. 70 साल के इतिहास में ठाकरे परिवार से उद्दव ठाकरे के सुपुत्र आदित्य ठाकरे वर्ली विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे और जीत दर्ज की. अब शिवसेना समर्थक फडणवीस और प्रदेश भाजपा पर आदित्य ठाकरे को ढाई साल के लिए सीएम बनाने का प्रेशर बना रहे हैं.