पॉलिटॉक्स ब्यूरो. महाराष्ट्र के राज्यपाल (Maharashtra Governor) भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दिया है. शनिवार आधी रात को राज्य विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने से बमुश्किल चार घंटे पहले राज्यपाल ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री और बीजेपी विधायक दल के नेता देवेंद्र फडणवीस को पत्र भेजकर यह बताने के लिए कहा कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र में सरकार बनाने की इच्छुक है या नहीं? अब बीजेपी को 11 नवंबर तक विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा. महाराष्ट्र में 13वीं विधानसभा का कार्यकाल आज समाप्त हो गया है. हालांकि अभी तक राज्य में नई सरकार के गठन को लेकर स्थिति साफ नहीं हो सकी है.
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— Governor of Maharashtra (@maha_governor) November 9, 2019
बता दें कि महाराष्ट्र के 59 वर्षों के सियासी इतिहास में केवल दो बार राज्य में राष्ट्रपति शासन रहा है. सन 1980 में फरवरी से जून और बाद में साल 2014 में सितंबर से अक्टूबर तक महज 33 दिन तक राष्ट्रपति शासन लागू हुआ था. विश्लेषकों की मानें तो बीजेपी यदि सरकार बनाने से इंकार कर देती है, तो राज्यपाल (Maharashtra Governor) के पास दूसरे सबसे बड़े दल, यानी शिवसेना को सरकार बनाने के लिए बुलाना पड़ेगा.
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राज्यपाल (Maharashtra Governor) के बीजेपी को सरकार बनाने का न्यौता देने के बाद महाराष्ट्र में सियासी घमासान और तेज हो गया है. एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने कहा है कि यदि फ्लोर टेस्ट होता है तो उनकी पार्टी बीजेपी के खिलाफ वोट करेगी. नवाब मलिक ने ये भी कहा कि यदि शिवसेना ने भी भाजपा के खिलाफ वोट किया उनकी पार्टी अन्य विकल्पों पर भी विचार कर सकती है. वहीं शिवसेना ने कहा है कि यदि कोई सरकार बनाने के लिए तैयार नहीं है तो शिवसेना इसका जिम्मा संभाल सकती है.
शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि अगर कोई सरकार बनाने को तैयार नहीं है तो हम यह जिम्मा संभाल सकते हैं. यही नहीं राउत ने कांग्रेस से भी नजदीकी के संकेत दिए. राउत ने कहा कि कांग्रेस राज्य की दुश्मन नहीं है. सभी पार्टियों के बीच कुछ मुद्दों पर मतभेद होते हैं. दूसरी ओर शिवसेना ने एनसीपी से नजदीकी बढ़ाने के संकेत दिए हैं. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में एनसीपी प्रमुख शरद पवार की तारीफ की है. सामना में कहा गया है कि राज्य में सरकार के गठन में दिग्गज नेता शरद पवार की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो सकती है.
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वहीं कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने भी राज्यपाल (Maharashtra Governor) से कांग्रेस-एनसीपी को सरकार बनाने का न्योदा देने की अपील की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, भाजपा और शिवसेना ने सरकार बनाने से इनकार कर दिया है, ऐसे में राज्यपाल को सूबे के दूसरे सबसे बड़े गठबंधन राकांपा और कांग्रेस को सरकार बनाने का न्यौता देना चाहिए. वहीं भाजपा ने कहा है कि वह कोर कमेटी की बैठक के बाद राज्यपाल को बताएगी कि वह सरकार बनाना चाहती है, या नहीं. भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में ही तय होगा कि भाजपा का सरकार बनाने को लेकर क्या रुख होगा.
Maharashtra’s Governor should invite NCP-Congress – the second largest alliance – to form the government now that BJP-Shivsena have refused to do so
— Milind Deora मिलिंद देवरा (@milinddeora) November 10, 2019
इसी बीच महाराष्ट्र में विधायकों की खरीद-फरोख्त की आशंका भी बढ़ गई है. शिवसेना ने जहां बीजेपी द्वारा हॉर्स ट्रेडिंग के डर से अपने सभी विधायकों को शारदा रिसॉर्ट से मलाड के रिट्रीट होटल में शिफ्ट कर दिया है. जहां जानकारों की मानें तो आदित्य ठाकरे पूरी रात होटल में ही रुके रहे और विधायकों के साथ मीटिंग की. वहीं कांग्रेस ने भी अपने 34 विधायकों को राजस्थान भेज दिया है. बीते दिनों कांग्रेस ने विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया था. कांग्रेस के नेता विजय वडेट्टीवार ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र में विधायकों को पार्टी बदलने के लिए 25 करोड़ से 50 करोड़ रुपए तक की पेशकश की जा रही है. दूसरी ओर शिवसेना भी अपने विधायकों की खरीद-फरोख्त की आशंका से सचेत है.
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बता दें, महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल नौ नवंबर को समाप्त हो गया है और भाजपा-शिवसेना के बीच सरकार गठन को लेकर जारी गतिरोध खत्म नहीं हुआ है. महाराष्ट्र विधानसभा के नतीजे 24 अक्टूबर को जारी हुए थे, लेकिन कल तक किसी भी दल या गठबंधन ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया था. यही वजह है कि राज्यपाल (Maharashtra Governor) ने सरकार बनाने की संभावनाओं को तलाशने के लिए 105 सीटें जीतनेवाली सबसे बड़ी पार्टी भाजपा को सरकार बनाने के लिए न्यौता दिया है. हालांकि, 56 सीटें जीतने वाली शिवसेना 170 से ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा कर रही है.