पॉलिटॉक्स ब्यूरो. रविवार को जयपुर के ब्युना विस्टा रिसोर्ट में महाराष्ट्र के कांग्रेस विधायक दल (Maharashtra Congress) की बैठक हुई. बैठक में सर्वसम्मति से जनादेश को स्वीकार करते हुए विपक्ष में बैठने का निर्णय लिया गया. ज्यादातर विधायकों ने विपक्ष में बैठने को माना सही. बैठक में यह भी तय हुआ कि एनसीपी के साथ गठबंधन बरकरार रहेगा. सरकार बनाने और शिवेसना को समर्थन देने का फैसला छोड़ा हाईकमान पर छोडा गया है. अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस पर अंतिम फैसला करेंगी.
बता दें, महाराष्ट्र (Maharashtra Congress) में सरकार गठन को लेकर एक बार फिर गहमागहमी बढ़ गई है. राज्यपाल द्वारा बीजेपी को सरकार गठन का ऑफर दिए जाने के बाद शिवसेना एक्शन मोड में आ गई है. पार्टी ने अपने विधायकों को होटल में शिफ्ट कर दिया है, जिनके साथ आदित्य ठाकरे ने रातभर बैठक की है.
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वहीं भाजपा ने कहा है कि वह रविवार को कोर कमेटी की बैठक के बाद राज्यपाल को बताएगी कि वह सरकार बनाना चाहती है, या नहीं. भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में ही तय होगा कि भाजपा का सरकार बनाने को लेकर क्या रुख होगा.
इसी बीच खरीद-फरोख्त की आशंका को देखते हुए महाराष्ट्र कांग्रेस के अपने 34 विधायकों को राजस्थान भेज दिया है. बीते दिनों कांग्रेस ने विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया था. कांग्रेस के नेता विजय वडेट्टीवार ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र में विधायकों को पार्टी बदलने के लिए 25 करोड़ से 50 करोड़ रुपए तक की पेशकश की जा रही है.
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गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा के नतीजे 24 अक्टूबर को जारी हुए थे, लेकिन कल तक किसी भी दल या गठबंधन ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया था. यही वजह है कि राज्यपाल ने सरकार बनाने की संभावनाओं को तलाशने के लिए 105 सीटें जीतनेवाली सबसे बड़ी पार्टी भाजपा को सरकार बनाने के लिए न्यौता दिया है. हालांकि, 56 सीटें जीतने वाली शिवसेना 170 से ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा कर रही है. (Maharashtra Congress)