प्रदेश में 15 दिन बढ़ेगा लॉकडाउन, कोरोना में अनाथ हुए बच्चों के लिए सुरक्षा नीति बनाएगी गहलोत सरकार

मंत्रिपरिषद ने संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए प्रदेश में जन अनुशासन लॉकडाउन को 24 मई से 15 दिन और आगे बढ़ाने का दिया सुझाव, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अंतिम फैसला करेंगे कि लॉकडाउन 7 दिन बढ़ेगा या 15 दिन, कोविड संक्रमण के कारण जिन परिवारों के कमाने वाले सदस्य की मौत हो गई है अथवा बच्चे अनाथ हो गए हैं, उन परिवारों के लिए राज्य सरकार एक व्यापक सामाजिक सुरक्षा नीति बनाएगी

कोरोना में अनाथ हुए बच्चों के लिए सुरक्षा नीति बनाएगी गहलोत सरकार
कोरोना में अनाथ हुए बच्चों के लिए सुरक्षा नीति बनाएगी गहलोत सरकार

Politalks.News/Rajasthan. जैसा कि पॉलिटॉक्स ने सबसे पहले बताया था कि राजस्थान में रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़े के तहत जारी लॉकडाउन को आगे भी जारी रखा जाएगा. शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश में कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण एवं सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए जन अनुशासन को व्यापक रूप देने पर बल दिया गया. पॉजिटिव केस की संख्या में कुछ कमी होने के बावजूद अभी संक्रमण दर 15 प्रतिशत से अधिक होने तथा मृत्यु दर भी अधिक होने के कारण लॉकडाउन जैसे सख्त कदमों को जारी रखने पर विचार विमर्श किया गया. मंत्रिपरिषद ने संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए प्रदेश में जन अनुशासन लॉकडाउन को 24 मई से 15 दिन और आगे बढ़ाने का सुझाव दिया.

ऐसे में गहलोत सरकार ने लॉकडाउन की अवधि को 15 दिन और आगे 7 जून तक बढ़ाने की तैयारी कर ली है. बैठक में मंत्रियों और विशेषज्ञों दोनों ने लॉकडाउन को 15 दिन तक बढ़ाने का सुझाव दिया. अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अंतिम फैसला करेंगे कि लॉकडाउन 7 दिन बढ़ेगा या 15 दिन.. मुख्यमंत्री गहलोत की मंजूरी के बाद गृह विभाग नई गाइडलाइन जारी करेगा. गहलोत सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए 10 मई से 24 मई तक के लिए प्रदेश भर में सख्त लॉकडाउन लगाने का फैसला किया था.

यह भी पढ़ें: प्रदेश में दूसरी लहर के जाने से पहले ही कोरोना की तीसरी लहर ने दी दस्तक, दौसा-डूंगरपुर में 853 बच्चे संक्रमित

बैठक में बताया गया कि चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार दूसरी लहर का खतरा अभी टला नहीं है. अस्पताल और चिकित्सा संसाधन अभी भी मरीजों के दबाव का सामना कर रहे हैं. दूसरे देशों के अनुभव बताते हैं कि संक्रमण की दूसरी और तीसरी लहर में ज्यादा अंतर नहीं रहने की आशंका है. ऐसे में लॉकडाउन जैसे कदमों को जारी रखना उचित होगा. विशेषज्ञों ने पहली लहर के बाद कोविड प्रोटोकॉल की पालना में हुई लापरवाही के अनुभव से सबक लेते हुए सख्त कदम जारी रखने और आगामी आवश्यकताओं को ध्यान में रख कर अभी से तैयारियों में जुटने की सलाह दी है. मंत्रिपरिषद ने विशेषज्ञों की सलाह पर गहनता से विचार करते हुए सख्त कदम अभी कुछ दिन और जारी रखने का सुझाव दिया.

इसके साथ बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोविड संक्रमण के कारण जिन परिवारों के कमाने वाले सदस्य की मौत हो गई है अथवा बच्चे अनाथ हो गए हैं, उन परिवारों के लिए राज्य सरकार एक व्यापक सामाजिक सुरक्षा नीति बनाने पर भी विचार कर रही है. वहीं मंत्रिपरिषद ने केंद्र सरकार से कोरोना की वैक्सीन की सुचारू आपूर्ति नहीं होने पर चिंता व्यक्त की. सदस्यों ने कहा कि इसके चलते प्रदेशभर में वैक्सीनेशन की गति धीमी हो गई है. इससे कोरोना संक्रमण की प्रभावी रोकथाम और तीसरी लहर का सामना करने में काफी कठिनाई होगी. मंत्रिपरिषद ने वैक्सीन की समुचित आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार के समक्ष पुरजोर तरीके से मांग रखने पर बल दिया. मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने ब्लैक फंगस महामारी पर भी चिंता व्यक्त की और इसको नियंत्रित करने तथा समुचित उपचार के लिए सभी जरूरी कदम उठाने की बात कही.

यह भी पढ़ें: CM गहलोत ने दिए संकेत प्रदेश में जारी रहेगा लॉकडाउन, तीसरी लहर के लिए पुख्ता तैयारियों के दिए निर्देश

मंत्रियों को फील्ड में जाकर कोविड मैनेजमेंट देखने के निर्देश
मंत्रिपरिषद की बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को अपने प्रभार वाले जिलों का दौरा करने के निर्देश दिए हैं. मंत्रियों को जिलों में कोविड मैनेजमेंट देखने, अस्पतालों का दौरा कर व्यवस्थाएं देखने, जरूरतमंदों को राहत सामग्री बांटने की व्यवस्था की लगातार मॉनिटरिंग करने काे कहा गया है. बैठक में संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए कोविड प्रोटोकॉल की पालना को अधिक प्रभावी बनाने, आईएलआई लक्षणों वाले मरीजों का चिन्हीकरण, मेडिकल किट वितरण, जांच, होम आइसोलेशन एवं उपचार की नियमित निगरानी पर जोर दिया.

मनरेगा में काम फिर शुरू करने पर विचार
ग्रामीण इलाकों में मनरेगा के कामों पर 10 मई से रोक है. कई जनप्रतिनिधियों ने सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मनरेगा के काम फिर से शुरू करने की मांग रखी है. ऐसे में गृहविभाग की नई गाइडलाइन में मनरेगा के कामों को शुरू करने की छूट मिल सकती है.

खाद, बीज और कृषि उपकरणों से जुड़ी दुकानों को छूट संभव
प्रदेश में कृषि सम्बंधित उपकरणों और खाद बीज से जुड़ी दुकानों का समय बढ़ाया जा सकता है. ग्रामीण इलाकों में इसकी लगातार मांग की जा रही है. किसान खरीफ की बुवाई की तैयारियों के लिए खेतों को सुधारने के काम में लगे हैं. इसलिए खाद, बीज, कृषि उपकरणों और उनके मेंटीनेंस से जुड़ी दुकानों को खोलने की छूट देने का प्रावधान हो सकता है.

यह भी पढ़ें: कोरोना के राहत भरे आंकड़ों के बीच गहलोत सरकार की ब्लैक फंगस से निपटने की तैयारी, गाइडलाइन जारी

इसके साथ ही लॉकडाउन की नई गाइडलाइन में किराना और खाद्य सामग्री से जुड़ी दुकानों का समय बढ़ाया जा सकता है. इन दुकानों को अभी सप्ताह में 5 दिन सुबह 6 से 11 बजे तक ही खोलने की अनुमति है. इस समय को बढ़ाया जा सकता है.

Leave a Reply