कृषि कानूनों के विरोध में JJP ने भी खोला मोर्चा, MSP पर सिर्फ बयान क्यों, बिल में शामिल हो- अजय चौटाला

जजपा के अध्यक्ष और खट्टर सरकार में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के पिता हैं अजय चौटाला, MSP के लिखित आश्वासन की मांग, कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों का आज 7वां दिन, कल सरकार के साथ हुई बैठक रही थी बेनतीजा

Ajay Choutala Jjp (file Photo)
Ajay Choutala Jjp (file Photo)

Politalks.News/Haryana/JJP. हरियाणा में बीजेपी के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन की सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने भी कृषि कानूनों के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जजपा के संस्थापक और पार्टी अध्यक्ष अजय चौटाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा एमएसपी पर आश्वासन बार-बार दिया गया है. सरकार के दिग्गज़ यह कहते घुम रहे हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) जारी है. अगर ऐसा है तो उसे बिल में शामिल करने में क्या समस्या है. चौटाला ने केंद्र से किसानों को MSP जारी रहने का आश्वासन लिखित में देने की मांग की है.

अजय चौटाला ने केंद्र सरकार से कहा कि सरकार शीघ्र किसानों की समस्या का समाधान करे और एमएसपी लागू करने के लिये सरकार किसानों को पुख्ता आश्वासन दें. चौटाला ने उम्मीद जताई है कि किसान संगठनों व केंद्र सरकार के बीच होने वाली वार्ता के सकारात्मक परिणाम आएंगे. चौटाला की यह टिप्पणी हरियाणा में निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान के राज्य में बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार से समर्थन वापस लेने के एक दिन बाद सामने आई है. सोमबीर सांगवान ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को समर्थन देने का ऐलान किया था. निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने हरियाणा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है.

विधायक सोमबीर सांगवान ने कहा कि किसानों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया है, उसको देखते हुए मैं सरकार से अपना समर्थन वापस लेता हूं. इससे पहले हरियाणा में दादरी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने राज्‍य पशुधन विकास बोर्ड के चेयरमैन पद से भी इस्तीफा दे दिया था. इससे पहले जजपा के दो विधायक किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुए थे और किसानों के हक में इस्तीफे की पेशकश कर दी थी. उसके बाद डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को मामला संभालने सामने आना पड़ा था.

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केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के प्रदर्शन का आज 7वां दिन है. किसान यूनियनों का कहना है कि सितंबर में केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि-विपणन कानून एमएसपी प्रणाली को खत्म कर देंगे. इधर केंद्र का कहना है कि एमएसपी प्रणाली जारी रहेगी. हालांकि इसका कानून में लिखित में कोई प्रावधान नहीं है. ऐसे में प्रदर्शनकारी किसान लिखित आश्वासन मांग रहे हैं. कुछ ने कानून में संशोधन का सुझाव भी दिया है.

गौरतलब है कि बीते दिन किसानों के 35 प्रतिनिधियों और सरकार के ​बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में बैठक हुई थी जिसमें केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल रहे. करीब साढ़े तीन घंटे चली इस बैठक में सरकार की ओर से कमेटी बनाने की सलाह को किसानों ने पूरजोर तरीके से ठुकराते हुए कृषि कानूनों को वापिस लेने की मांग रखी. हालांकि सरकार भी पीछे हटने के मूड में नहीं दिख रही.

किसान और सरकार के बीच चौथे चरण की वार्ता कल दोपहर होनी है. इस बीच किसानों का प्रदर्शन कई जगहों पर उग्र हो रहा है जिसे देखते हुए दिल्ली की बॉर्डर को सील कर दिया गया है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के आवास को घेरने की भी कोशिश की, जिस पर सुरक्षा बलों ने वाटर कैनन का इस्तेमाल कर भीड़ को तितर बितर किया.

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