ajit doval on netaji subhash chandra boss
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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने अगर नेताजी बोस ज़िंदा होते तो भारत का बंटवारा नहीं होता. डोभाल नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेमोरियल में भाषण दे रहे थे. अजित डोभाल ने कहा कि नेताजी बोस ने कई बार साहस दिखाया और उनके भीतर महात्मा गांधी को भी चुनौती देने की क्षमता थी. महात्मा गांधी तब अपने राजनीतिक जीवन के शीर्ष पर थे. इसके बाद नेताजी को कांग्रेस छोड़नी पड़ी. डोभाल ने कहा कि इतिहास बोस के प्रति निर्दयी रहा है. साथ ही खुशी जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के योगदानों को फिर से जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं.

अजित डोभाल ने कहा, ‘नेताजी ने कहा था कि मैं पूर्ण स्वतंत्रता से कम किसी चीज के लिए समझौता नहीं करूंगा. वह न केवल इस देश को राजनीतिक पराधीनता से मुक्त कराना चाहते हैं, बल्कि उन्होंने कहा था कि लोगों की राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मानसिकता को बदलने की जरूरत है और उन्हें आकाश में स्वतंत्र पक्षियों की तरह महसूस करना चाहिए. नेताजी के दिमाग में ये विचार आया कि मैं अंग्रेजों से लड़ूंगा, मैं आजादी के लिए भीख नहीं मांगूंगा. ये मेरा अधिकार है और मैं इसे हासिल करके रहूंगा.’

डोभाल ने कहा कि वो अच्छा या बुरा नहीं कह रहे हैं, लेकिन ये साफ है कि भारत या विश्व के इतिहास में ऐसे लोगों में बहुत कम समानताएं हैं, जिनमें धारा के खिलाफ बहने का साहस था. डोभाल ने कहा कि ऐसा करना आसान नहीं था. उस दौरान सिर्फ एक जापान ही था जिसने नेताजी बोस का समर्थन किया, वो तब अकेले थे.

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अपने स्पीच के अंत में अजित डोभाल ने कहा कि अगर नेताजी सुभाष चंद्र बोस होते तो भारत का विभाजन नहीं होता. उन्होंने बताया कि मोहम्मद अली जिन्ना ने भी कहा था कि वो सिर्फ एक नेता को स्वीकार कर सकते हैं और वो हैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस. डोभाल ने कहा कि उनके मन में अक्सर सवाल आता है कि प्रयास महत्वपूर्ण है या परिणाम. नेताजी के प्रयासों पर कोई संदेह नहीं कर सकता, महात्मा गांधी भी उनके प्रशंसक थे.

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