एक बार फिर सख्त लाॅकडाउन की ओर बढ़ रहा है भारत!

संक्रमितों की संख्या 3 लाख के पार, सबसे अधिक संक्रमित मरीजों में दुनिया का चौथे नंबर का देश बना भारत, हर दिन मिल रहे 10 हजार से ज्यादा नए संक्रमित, दिल्ली-मुंबई में हालात बेकाबू, कोरोना पाॅजिटिव को नहीं मिल पा रहे अस्पताल

लाॅकडाउन-5
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पॉलिटॉक्स न्यूज/दिल्ली. क्या भारत एक बार फिर संख्त लाॅकडाउन की दिशा में बढ़ रहा है? क्या कोरोना को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के सारे आकलन गड़बड़ा चुके हैं? क्या सबकुछ अनलाॅक कर देश की बड़ी आबादी को खतरे में डाला जा रहा है? क्या कोरोना को नियत्रित करने के सबसे कारगर उपाय लाॅकडाउन को फिर से उपनाना होगा? ऐसे ही कई सवाल इन दिनोें लोगों की चर्चा का विषय बने हुए है. जिस तरह से कोरोना संक्रमितों की संख्या बड़ती चली जा रही है, उसे देखकर माना जा रहा है कि सरकार एक बार फिर संख्त लाॅकडाउन की दिशा में अपने कदम बढ़ा सकती है.

दिल्ली में बेकाबू हुए हालात के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद अटकलें लगाई जा रही है कि दिल्ली में कभी भी सख्त लाॅकडाउन शुरू हो सकता है. ऐसा ही अनुमान कई अन्य राज्यों के लिए भी लगाया जा रहा है, जहां संक्रमित मरीजों की संख्या 10 हजार से 35 हजार के बीच हो चुकी है. इन राज्यों में भी हर दिन संक्रमितों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है और स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ना शुरू हो गया है. हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार भारत में संक्रमितों के ठीक होने की रिकवरी रेट अच्छी है लेकिन लगातार बढ़ता जा रहा कोरोना का ग्राफ चिंता का बड़ा कारण है. यह कुछ ही महीनों में देश में बनने वाली बहुत ही खराब स्थितियों की ओर संकेत कर रहा है.

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कोरोना वर्ल्ड मीटर के अनुसार दुनिया में चौथे स्थान पर आ गया है. तेजी से बढ़ रहे कोरोना मरीजों की संख्या तीन लाख के करीब पहुंच गई है. मरने वालों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है. पिछले 24 घंटे में 11 हजार लोग संक्रमित हुए. वहीं एक दिन में सर्वाधिक 397 मरीजों की मौत हुई.

मुबई और दिल्ली में भयावह स्थिति बन चुकी है. यहां के अस्पतालों में बैड नहीं मिल रहे. कोरोना संक्रमित आवश्यक इलाज से वंचित हो रहे हैं. हालात हर दिन बिगड़ते जा रहे हैं. दिल्ली सरकार के अनुमान के मुताबिक आने वाले 50 दिनों में 80 हजार बैड की आवश्यकता होगी. संक्रमितों का आंकड़ा 5 लाख तक पहुंचने की आशंका जताई गई है. दिल्ली में 35 हजार केस हैं और स्वास्थ्य सेवाओं के हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाॅफ की कमी के साथ-साथ वेंटिलेटर और अन्य संसाधनों की कमी भी साफ नजर आ रही है.

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उधर महाराष्ट में भी हालात विकट हो चुके हैं. यहां संक्रमितों की संख्या एक लाख पहुंचने वाली है. संक्रमितों को अस्पताल भरे होने के कारण समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है. तमिलनाडु में संख्या 38 हजार के पार हो गई है तो गुजरात में 22 हजार पार. 5 से 20 हजार संक्रमित वाले राज्यों की संख्या भी 9 हो चुकी है. देश का कोई ऐसा राज्य नहीं, जहां हर दिन कोरोना का ग्राफ नहीं बढ़ रहा है. राजस्थान में भी कोरोना का ग्राफ 12 हजार की संख्या को छूने वाला है.

देश में लगातार बिगड़ते हालातों को देखते हुए एक फिर सख्त लाॅकडाउन के फार्मूले की चर्चा खड़ी हो गई है. विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना वैक्सीन को बाजार में आने में 18 महीने से अधिक का समय लगेगा. इतना समय विभिन्न उपायों से ही निकालना होगा. इनमें लाॅकडाउन एक बड़ा उपाय है. देश में 60 दिनों के संख्त लाॅकडाउन के कारण ही देश में अभी तक 3 लाख की संख्या पहुंची है, वहीं सरकार का भी कहना है कि यदि सख्त लाॅकडाउन नहीं होता तो अभी देश में 20 लाख से अधिक संक्रमित होते. इसका अर्थ यह हुआ कि लाॅकडाउन खुलने के बाद कोरोना का खतरा बहुत अधिक बढ़ चुका है. देश की सड़कों पर सोशल डिस्टेंसिंग की खुलकर धज्जियां उड़ रही है. सरकारी तंत्र भी इसे नियंत्रित नहीं कर पा रहा है.

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