पॉलिटॉक्स न्यूज. भारत और चीन के बीच लद्दाख के पास जारी तनाव पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता प्रस्ताव पर भारत और चीन एकमत हो गए हैं. भारत के बाद अब चीन ने भी इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. चीन ने कहा कि सीमा विवाद में किसी तीसरे की जरूरत नहीं है. इससे पहले भारत भी ट्रंप की मध्यस्थता के प्रस्ताव को मना कर चुका है. शुक्रवार सुबह ही ट्रंप ने कहा कि मैने पीएम मोदी से फोन पर बात की है और सीमा विवाद पर मोदी का मूड ठीक नहीं है.
We have informed both India and China that the United States is ready, willing and able to mediate or arbitrate their now raging border dispute. Thank you!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) May 27, 2020
गौतरलब है कि मई महीने की शुरुआत से ही लद्दाख में भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने हैं. 6-7 मई को चीन और भारत के सैनिकों की सीमा की निगरानी के दौरान पेंग्योंग लेक इलाके में झड़प भी हुई थी. चीन की ओर से पहले यहां घुसपैठ की कोशिश की गई, जिसके बाद दोनों देशों के सैनिकों में झड़प हुई और हाथापाई तक नौबत पहुंच गई. तभी से दोनों देशों में तनाव जारी है. इसके बाद चीन की ओर से लद्दाख के पास सैनिकों की संख्या बढ़ाकर 5000 के करीब कर दी गई, साथ ही बेस बनाने की खबरें भी आईं. ऐसे में भारत भी पूरी तरह से मुस्तैद है और जवाब में भारत ने अभी लद्दाख में सैनिकों की संख्या को बढ़ाया, साथ ही कदम पीछे ना हटने की बात कही है.
यह भी पढ़ें: क्या सच में भारत के खिलाफ नेपाल को मिल रही चीन से आंतरिक मदद!
इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्वीट करते हुए भारत और चीन के सीमा विवाद पर मध्यस्थता का प्रस्ताव रखा. ट्रंप ने कहा कि भारत और चीन अगर चाहें तो अमेरिका दोनों के बॉर्डर विवाद को खत्म करवा सकता है और आपसी सुलह करवा सकता है. हालांकि, भारत की ओर से डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया. भारत ने कहा कि वह अपने द्विपक्षीय मसले को खुद ही चीन के साथ सुलझा सकता है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत-चीन आपसी बातचीत से इसका हल निकाल रहे हैं. वहीं ट्रंप ने आज फिर ट्वीट कर कहा कि पीएम मोदी चीन से जारी विवाद पर अच्छे मूड में नहीं हैं.
इधर, शुक्रवार सुबह चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत और चीन आपस में किसी भी विवाद को हल कर सकते हैं. सीमा विवाद में किसी तीसरे की जरूरत नहीं है. इससे पहले चीन और नेपाल संकट पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दो टूक जवाब देते हुए कहा था कि नरेंद्र मोदी के भारत को कोई भी आंख नहीं दिखा सकता. कानून मंत्री के बयान के तुरंत बाद चीन की ओर से एक अधिकारिक बयान जारी हुआ जिसमें कहा गया कि चीन शांति समझौते का पालन करेगा.
यह भी पढ़ें: ‘मोदी के होते हुए भारत को कोई आंख नहीं दिखा सकता’ चीन-नेपाल संकट पर रविशंकर की दो टूक
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मसले पर प्रधानमंत्री कार्यालय में चर्चा की थी. पीएम मोदी ने लद्दाख मामले पर पूरी रिपोर्ट ली, इसके अलावा तीनों सेना के प्रमुखों से विकल्प सुझाने के लिए कहा गया. इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी मौजूद रहे, इस दौरान सेना प्रमुखों, सीडीएस से इस मसले पर ब्लू प्रिंट मांगा गया है. पीएम मोदी की बैठक से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मसले पर बैठक की थी और ये फैसला हुआ था कि भारत लद्दाख बॉर्डर पर अपनी सड़क का निर्माण नहीं रोकेगा.