‘रायशुमारी’ में माननीयों के तेवर से मंत्रियों के उड़े तोते, नाराजगी बनी आधार तो मंत्रिमंडल का ‘पुनर्गठन’ तय!

'रायशुमारी' होती जा रही पेचीदा, विधायकों को पहली बार मिला अपने 'मन की बात' रखने का मौका, मंत्रियों के खिलाफ खोला जा रहा मोर्चा, शिकायतों की आंधी बनी आधार तो गिर जाएंगे कई पुराने बरगद, अगला चुनाव कैसे जीता जाए इस पर सभी की एक राय गहलोत-पायलट को लाना होगा साथ, पॉलिटॉक्स ने सबस पहले ही बता दिया था कि ना होगा विस्तार ना ही फेरबदल होगा पूरा 'पुनर्गठन'

'रायशुमारी' होती जा रही पेचीदा
'रायशुमारी' होती जा रही पेचीदा

Poliatalks.News/Rajasthan. प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन की विधायकों के साथ रायशुमारी का आज दूसरा और आखिरी दिन है. माकन आज चार संभाग के विधायकों से वन-टू-वन संवाद कर रहे हैं. इस ‘संवाद‘ कार्यक्रम ने कई दिग्गज मंत्रियों की बैचेनी को बढ़ा दिया है, विधायकों द्वारा मंत्रियों की शिकायतों के बाद अब उन्हें डर है कि कहीं ये फीडबैक उनका मंत्री पद न छीन ले. अगर रायशुमारी को मंत्रियों के हटाने का आधार बनाया जाता है तो ये मानकर चलिए की गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल का ‘पुनर्गठन’ होना तय है. वहीं आज के विधायकों के साथ इस वन-टू-वन संवाद के बाद सभी विधायकों को सीएम गहलोत की ओर से डिनर भी दिया जा रहा है.

आपको बता दें, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन आज अजमेर उदयपुर, जोधपुर और बीकानेर संभाग के विधायकों से जिलावार मिल रहे हैं. अजमेर, नागौर, भीलवाड़ा, टोंक, उदयपुर, राजसमंद, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, चित्तौड़, बांसवाड़ा, बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बाड़मेर, जोधपुर, जैसलमेर, जालौर, पाली, सिरोही के विधायकों से फीडबैक लिया जाएगा. फीडबैक खत्म होने के बाद रात को सीएमआर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से सभी विधायकों को रात्रिभोज दिया जाएगा. इससे पहले कल अजय माकन ने जयपुर, कोटा और भरतपुर सम्भाग के 66 विधायकों से फीडबैक लिया था.

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गहलोत कैबिनेट विस्तार-फेरबदल और संगठन में बदलाव की कवायद के तहत प्रभारी अजय माकन ने बुधवार को विधायकों से वन-टू-वन संवाद किया. पहले दिन 12 जिलों के निर्दलीय समेत 66 कांग्रेस विधायकों से अजय माकन ने सवाल पूछे. सूत्रों की मानें तो रायशुमारी में विधायकों ने मंत्रियों की जमकर शिकायत की. वहीं फीडबैक देने के बाद बाहर आकर मीडिया के सामने किसी ने कुछ नहीं कहा. बुधवार को हुई रायशुमारी में विधायकों के निशाने पर गहलोत सरकार के मंत्री रहे खासकर नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, शिक्षामंत्री गोविंदसिंह डोटासरा को सबसे ज्यादा विधायकों की नाराजगी का सामना करना पड़ा है. आज भी यह दौर जारी रहने की संभावना जताई जा रही है.

वहीं सूत्रों की माने तो ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा को लेकर भी विधायकों ने जबरदस्त नाराजगी जाहिर की है. विधायकों ने कहा- रघु शर्मा और बीडी कल्ला तो मिलते ही नहीं, काम तो बाद की बात है. बीडी कल्ला के खिलाफ विभाग के प्रोजेक्ट्स में गड़बड़ियों और विधायकों के काम नहीं करने की शिकायत की. वहीं एक पायलट समर्थक विधायक ने बीडी कल्ला पर जल जीवन मिशन के टेंडर देने में भाई-भतीजावाद का आरोप भी लगाया है. वहीं चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के खिलाफ विधायकों ने ट्रांसफर-पोस्टिंग में मनमानी करने की शिकायत की है. फीडबैक के दौरान जयपुर जिले से एक विधायक ने प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के व्यवहार को लेकर शिकायत की है. उन्होंने कहा कि डोटासरा जी ठीक से बात नहीं करते हैं, काम तो दूर की बात है.

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यही नहीं आश्चर्य तो तब हुआ जब विधायकों से रायशुमारी के दौरान जब अजय माकन ने जयपुर के प्रभारी मंत्री के बारे में विधायकों से फीडबैक लिया तो पायलट समर्थक एक विधायक ने कहा कि कौन है यहां का प्रभारी मंत्री? मैं तो जानता ही नहीं. वहीं एक विधायक ने कहा कि शांति धारीवाल जयपुर के प्रभारी ने नाते तो जीरो हैं, लेकिन बकौल मंत्री वो हमारे हीरो है. हाड़ौती संभाग के हमेशा नाराज रहने वाले एक कांग्रेस विधायक ने इस फीडबैक कार्यक्रम पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं, ये विधायक साहब समर्थकों से बोले- ‘मैं 6 बार चुनाव जीता हूं, जो 3 बार चुनाव हार गए, वे मेरा फीडबैक क्या लेंगे?’.

वहीं रायशुमारी के दौरान विधायकों के फीडबैक को प्रभारी अजय माकन ने अपने आई पैड में नोट किया है. वहीं पास में उनका स्टॉफ भी सारी बातें कम्प्यूटर में दर्ज कर रहा था. सियासी हलकों में चर्चा है कि विधायकों का यह फीडबैक मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाने का आधार भी बनेगा. हालांकि अंतिम निर्णय आलाकमान सीएम गहलोत की राय और सचिन पायलट से बात करके करेगा.

वहीं अगर इस रायशुमारी के आधार पर मंत्रियों को हटाया जाता है तो फिर गहलोत मंत्रिमंडल का विस्तार या फेरबदल नहीं, बल्कि जैसा की पॉलिटॉक्स पहले ही कह चुका है की गहलोत मंत्रिमंडल का पुनर्गठन ही होगा…. क्योंकि मंत्रिपरिषद में 9 पद तो पहले से ही खाली हैं, 5 से 6 मंत्री विधायकों के लगातार निशाने पर हैं. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का मंत्री पद अगर एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के आधार पर जाता है तो एक सीट ये खाली होती है. वहीं अब जब कांग्रेस के पास खुद का पूरा बहुमत दिख रहा है गहलोत सरकार सेफ है तो फिर एक मंत्री जो की राष्ट्रीय लोकदल से आते हैं सुभाष गर्ग उनको भी राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट किया जाना तय माना जा रहा है. ऐसा किए जाने पर कुल गणित ये रहेगी की करीब मंत्रिमंडल में 15 से 16 सीटें मंत्रिमंडल में खाली हो रही हैं. फिर कुछ मंत्रियों नॉनपरफॉरमेंस के चलते वैसे भी गाज गिरना तय माना जा रहा है, ऐसे में यह संख्या 19 से 20 तक भी पहुंच सकती है.

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राजस्थान में कांग्रेस की सरकार रिपीट कैसे हो? रायशुमारी के दौरान अजय माकन द्वारा सभी विधायकों से पूछा जा रहा यह सवाल सबसे ज्यादा चर्चित है. इसके बारे में विधायकों ने सुझाव दिए हैं…. सूत्रों की मानें तो अधिकांश विधायकों की ये ही राय सामने आ रही है कि अगले चुनाव में जीत के लिए सीएम अशोक गहलोत भी जरूरी है तो सचिन पायलट भी, किसी के भी बिना सियासी घमासान जीत पाना मुश्किल होगा और अगर दोनों एक साथ आ जाते हैं तो बीजेपी के लिए राजस्थान में नहीं होगा कोई चांस. अब विधायकों की रायशुमारी, डिनर और कल मेनिफेस्टो कमेटी की बैठक के बाद आलाकमान इन दोनों को एक साथ लाने का क्या फॉर्मूला बनाता है इस पर सभी की नजरें रहेंगी.

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