नवंबर में प्रदेश की सियासत में दिखेगा अजब नजारा, महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस-भाजपा उतरेगी सड़कों पर

अजब होगा सियासी नवंबर, महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस-बीजेपी की सड़कों पर नजर आएगी सियासी 'जंग', महंगाई के खिलाफ कांग्रेस का जन जागरण अभियान तो बीजेपी ने बनाया डीजल-पेट्रोल से वैट कम करने को मुद्दा, कांग्रेस के जन जागरण अभियान पर हुआ मोदीवार! अब एक ही मुद्दे पर सत्ता-विपक्ष आमने-सामने, दोनों एक दूसरे पर लगा रहे महंगाई बढ़ाने का आरोप, इन सियासी आरोपों के बीच पिस रही है जनता

अजग-गजब 'सियासत-ए-नवंबर'
अजग-गजब 'सियासत-ए-नवंबर'

Politalks.News/Rajasthan. दिवाली की छुट्टियों के बाद शुरू हो रहे सियासी माह नवम्बर में राजस्थान में अजब नजारा देखने को मिलेगा. कांग्रेस जहां उपचुनाव में शानदार जीत का जश्न मनाकर तो भाजपा करारी हार का गम भुलाकर सड़कों पर उतरने की तैयारी में हैं. सबसे मजे की बात यह कि दोनों ही पार्टियां महंगाई के मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतर रहीं हैं. सत्ता और विपक्ष दोनों एक ही मुद्दे पर विरोध जताएंगे एक दूसरे का! माजरा समझने के लिए दोनों ही पार्टियों की रणनीति आपको बताते हैं. कांग्रेस जन जागरण अभियान के तहत बढ़ती महंगाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की एक सीरिज चलाने वाली है तो वहीं भाजपा गहलोत सरकार द्वारा डीजल और पेट्रोल का वैट कम नहीं करने का मुद्दा भुनाने की तैयारी में है.

कांग्रेस के जनजागरण अभियान पर मोदी वार!
हालांकि कांग्रेस के देशव्यापी जन जागरण अभियान की थोड़ी हवा तो मोदी सरकार ने निकाल दी है. मोदी सरकार के पेट्रोल-डीजल की कुछ कीमतें घटाने के फैसले से मुद्दा डायवर्ट हो गया है. महंगाई के मुद्दे पर केंद्र और बीजेपी पर हमलावर नजर आ रही कांग्रेस को अब रणनीति में बदलाव करना पड़ सकता है. दरअसल, कांग्रेस ने बेतहाशा बढ़ती पेट्रोल-डीजल और गैस सिलेंडर की कीमतों को लेकर पिछले दिनों आंदोलन की घोषणा की थी. दो सप्ताह तक जनजागरण अभियान के तहत कांग्रेस नेता महंगाई के मुद्दे को उठाने वाले हैं. लेकिन केंद्र सरकार के पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने के फैसले से डीजल करीब 11 रुपए और पेट्रोल करीब 6 रुपए लीटर के आसपास सस्ता हो गया है. इसके साथ ही भाजपा शासित राज्यों ने अपने हिस्से का वैट घटाकर कांग्रेस शासित राज्यों को मुश्किल में डाल दिया है.

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भाजपा कर रही गहलोत सरकार से पेट्रोल-डीजल से वैट कम करने की मांग

मोदी सरकार के साथ कई बीजेपी शाषित राज्यों द्वारा वैट कम किया गया है लेकिन राजस्थान की गहलोत सरकार ने अपने हिस्से के वैट में कमी नहीं की है. ऐसे में प्रदेश भाजपा ने राजस्थान में पेट्रोल-डीजल में वैट कम नहीं करने को मुद्दा बना लिया है. बीजेपी ने इसके लिए मुहिम भी शुरू कर दी है. बीजेपी नेता इस मुद्दे पर प्रदर्शन की तैयारी भी कर रहे हैं. अब बीजेपी ने राजस्थान सरकार से डीजल पेट्रोल पर वैट कम करने की मांग करना शुरू कर दिया है. इसके लिए कांग्रेस के जनजागरण अभियान के जवाब में अब बीजेपी भी वैट कम करने का मुद्दा गर्माएगी.

बीजेपी का पलटवार, कहा- वैट घटाए राजस्थान सरकार

बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने पेट्रोल-डीजल पर वैट कम नहीं करने को लेकर गहलोत सरकार को निशाने पर लिया है. सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘केंद्र ने तो राहत दे दी लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री वैट कम करने की जगह केवल बयानबाजी कर रहे हैं. मोदी सरकार द्वारा डीजल-पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने से आम आदमी को काफी राहत मिली है, साथ ही राजस्थान की गहलोत सरकार से मेरी मांग है कि डीजल पेट्रोल पर वैट कम कर प्रदेश के नागरिकों को राहत प्रदान करें, सिर्फ केंद्र सरकार पर सियासी बयानबाजी करने से कुछ नहीं होगा’.

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महंगाई के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएंगे- डोटासरा

इधर बढ़ती महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि, ‘उपचुनावों में जनता ने जब बीजेपी को चारों खाने चित्त किया तब जाकर केंद्र ने एक महीने में बढ़ाई कीमतों को कम किया है. महंगाई से आम जनता अब भी त्रस्त है. कांग्रेस जनजागरण अभियान में इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएगी’.

गहलोत सरकार ने वैट घटाने से किया इनकार

इधर, मोदी सरकार की ओर से राहत दिए जाने के बाद भाजपा शासित राज्य एक के बाद एक वैट की दरें घटा रहे हैं. वहीं पेट्रोल-डीजल पर अलग से वैट कम करने को लेकर सीएम अशोक गहलोत इनकार कर चुके हैं. सीएम गहलोत ने कहा था कि, ‘केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल पर जब एक्साइज ड्यूटी कम करती है तो स्टेट वैट अपने आप कम हो जाता है. केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी और कम करे, हम स्टेट वैट के राजस्व का नुकसान उठाने को तैयार हैं’.

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