rajasthan vidhansabha election 2023
rajasthan vidhansabha election 2023

SpecialStory. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 (Rajasthan Assembly Election 2023) के लिए प्रदेश की राजनीति में सियासी उठा-पटक शुरू हो चुकी है. दल बदले जा रहे हैं. कुछ नेता अपनी ही जड़ों को खोखली किए जा रहे हैं. वहीं साढ़े चार साल जनता के बीच शक्ल नहीं न दिखाने वाले नेता अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठकर अपनी भलमनसाहत दिखा रहे हैं. राजनीतिक दलों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए जतन भी शुरू कर दिए हैं लेकिन मारवाड़ की जनता पर इस बार भी किसी भी राजनीतिक दल का कोई असर शायद नहीं होने वाला है. एक तरफ जहां प्रदेश में सियासी जादू दिखाने के लिए शह-मात का खेल शुरू हो चुका है, वहीं मारवाड़-गोड़वाल क्षेत्र अभी भी अपनी मर्जी पर कायम है और सभी राजनीति दलों के लोक लुभावन से दूर है.

गहलोत का गढ़ जोधपुर, बीजेपी शेखावत के भरोसे

जोधपुर के कांग्रेस नेता अशोक गहलोत इस समय प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और चौथी बार फिर से सीएम बनने के प्रयास में हैं. चुनावी साल के आखिर में मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता को जो रियायतें दी हैं, उससे प्रदेश का गरीब तबका उनके पक्ष में हैं. ग्रामीण राजस्थान हमेशा से कांग्रेस के समर्थन में रहता है. इसके विपरीत पिछले चुनावों में भी मारवाड़ में बीजेपी ने कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी थी. बीजेपी की चुनाव प्रचार की बागड़ौर यहां जोधपुर सांसद और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के हाथों में है. बीते दस सालों में शेखावत बीजेपी का बड़ा चेहरा बनकर उभरे हैं.

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यहां कांग्रेस ने नए जिले बनाकर मतदाताओं को राजनीतिक संदेश देने का प्रयास किया है. सीएम गहलोत का गृह जिला होने के चलते जहां कांग्रेस अपने आपको मजबूत मानकर चल रही है, वहीं बीजेपी गहलोत को उनके ही घर में मात देने के लिए नई रणनीति पर काम कर रही है. इसके लिए रक्षा मंत्री राजनाथ  सिंह ने रामदेवरा से परिवर्तन यात्रा को हरी झंडी दिखा दी है. यह यात्रा प्रदेश के 51 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी. वहीं कांग्रेस यात्रा का जवाब यात्रा से देने की तैयारी कर रही है. इधर मारवाड़-गोड़वाल क्षेत्र अपनी अपणायत के लिए जाना जाता है लेकिन राजनीतिक फैसला लेने के लिए यहां का हर मतदाता अपने मन की सुनता है.

कहीं बीजेपी तो कहीं कांग्रेस रही थी आगे

मारवाड़ के जोधपुर संभाग में विधानसभा की कुल 33 सीटें हैं जो हार जीत में अहम भूमिका निभाती है. विधानसभा चुनाव 2018 में जैसलमेर, जोधपुर और बाड़मेर जिले में कांग्रेस ने बढ़त ली तो पाली, सिरोही और जालौर में कांग्रेस को शिखस्त मिली. इन तीन जिलों की 14 सीटों में से कांग्रेस को केवल एक सांचौर सीट पर जीत मिली. सिरोही और पाली में तो कांग्रेस का खाता तक न खुल सका. रालोपा को ​जोधपुर की भोपालगढ़ सीट पर जीत मिली. कुल मिलाकर मारवाड़-गोड़वाल की 33 सीटों में से 16 पर कांग्रेस और 14 पर बीजेपी को विजयश्री हासिल हुई. एक रालोपा और दो सीटें निर्दलीय की झोली में आयी.

इस बार फिर होगा रोचक ​मुकाबला

मारवाड़-गोड़वाल की 33 सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के साथ तीसरे मोर्चे की भी कड़ी नजर है. इस कारण से आगामी विधानसभा चुनाव में यहां रोचक मुकाबला होना तय है. 2003 के विधानसभा चुनावों में 32 में से 23 सीट बीजेपी जबकि 8 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी. एक सीट निर्दलीय के कब्जे में थी. 2008 के विस चुनाव में 33 में से कांग्रेस को 16 जबकि बीजेपी को 15 सीटें मिली. दो पर निर्दलीयों ने कब्जा जमाया. इसके बाद 2013 में 33 में से 30 बीजेपी को और केवल तीन सीटें कांग्रेस को मिली.

नए जिले बनने से कहीं खुशी, कहीं गम

कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में जोधपुर संभाग के पाली जिले को नया संभाग मुख्यालय बनाया गया है. वहीं सांचौर, फलोदी और जोधपुर ग्रामीण नए जिले बनाए हैं. नए जिले बनने से कई जगह लोगों ने खुशी जताई तो कहीं लोगों ने विरोध किया. जालोर स जिले उपखड भीनमाल को जिला नहीं बनाए जाने पर वहां लोगों ने आंदोलन किया. इसके अलावा पाली जिले के रायपुर मारवाड़ और जैतारण उपखंड को नवगठित ब्यावर जिले में शामिल कर दिया है. सुमेरपुर और जैतारण को जिला बनाए जाने की भी मांग उठी.

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