पॉलिटॉक्स ब्यूरो. भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार सदन में नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill) लेकर आ रही है. ये बिल सोमवार को लोकसभा और उसके बाद राज्यसभा में पेश किया जाएगा. लेकिन क्या नागरिकता संशोधन बिल वोट बैंक की पॉलिटिक्स के लिए पास किया जा रहा है? केंद्र सरकार से यह प्रश्न पूछा है कभी एनडीए के सहयोगी राजनीतिक दल रहे शिवसेना ने. शिवसेना ने अपने मुखपत्र के जरिए नागरिकता संशोधन बिल पर सवाल उठाए हैं. सामना में कश्मीरी पंड़ितों का भी मुद्दा उठाया गया है. संपादकीय में लिखा गया है कि कश्मीरी पंडितों को कश्मीर में लाने के लिए सरकार कुछ कर रही है या नहीं.
शिवसेना ने सामना में लिखा, ‘मोदी सरकार ने साफ कर दिया है कि वह नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) पर अडिग है. लेकिन क्या यह विधेयक वोट बैंक की पॉलिटिक्स के लिए ये बिल पास किया जा रहा है? हम मानते हैं कि हिंदुओं के पास भारत के अलावा कोई दूसरा देश नहीं है लेकिन अगर वोट बैंक के लिए नागरिकता बिल को पास करने की कोशिश की जा रही है तो यह देश के लिए ठीक नहीं है.’
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शिवसेना ने कहा, ‘हमारी मांग है कि जिन बाहरी लोगों को नागरिकता दी जाएगी, उन्हें 25 सालों तक मतदान का अधिकार नहीं दिया जाए. इस बारे में देश के गृह मंत्री अमित शाह को सोचना चाहिए. क्या यह स्वीकार्य है.’ सामना में आगे लिखा है, ‘दूसरे देशों में जुल्म झेल रहे हिन्दुओं, इसाइयों, सिखों, पारसी और जैन को नागरिकता देने के बजाय अमित शाह और नरेंद्र मोदी को अपनी सख्त छवि का इस्तेमाल करते हुए इन देशों की सरकारों से बात करनी चाहिए और वहां पर हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार को रोकना चाहिए’. शिवसेना ने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह को इन दो में से एक उपायों को अपनाना चाहिए और राष्ट्रीय हित में काम करना चाहिए. (Citizenship Amendment Bill)
सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि ये सच है कि इस्लामिक देशों में हिन्दुओं के साथ अन्याय हो रहा है. उन्हें द्वितीय श्रेणी का नागरिक माना जा रहा है. इसलिए हिन्दुओं को भारत में शरण लेने की जरूरत पड़ रही है.
Politalks Bureau. The Central Government of the Bharatiya Janata Party is bringing the Citizenship Amendment Bill into the House. Perhaps this bill will be introduced in the Lok Sabha on Monday and then in the Rajya Sabha. But is the citizenship amendment bill being passed for vote bank politics? The Central Government has asked this question, Shiv Sena, once a political party partner of NDA. The Shiv Sena has raised questions on the Citizenship Amendment Bill through its mouthpiece. The issue of Kashmiri birds has also been raised in the encounter. It has been written in the editorial whether the government is doing anything to bring Kashmiri Pandits to Kashmir or not.
Shiv Sena wrote in the face, ‘Modi government has made it clear that it is adamant on the citizenship amendment bill. But is this bill being passed for the politics of vote bank? We believe that Hindus do not have any country other than India but if it is trying to pass the citizenship bill for vote bank, then it is not good for the country.
Shiv Sena said, ‘Our demand is that outsiders who will be given citizenship, should not be given the right to vote for 25 years. Home Minister Amit Shah should think about this. Is it acceptable Further in the encounter, it is written, ‘Instead of granting citizenship to Hindus, Christians, Sikhs, Parsis and Jains suffering in other countries, Amit Shah and Narendra Modi should use their strict image and talk to the governments of these countries and there But the atrocities on Hindus should be stopped ‘. The Shiv Sena has said that PM Narendra Modi and Amit Shah should adopt one of these two measures and work in the national interest.
It is written in Saamana editorial that it is true that injustice is being done to Hindus in Islamic countries. They are considered as second class citizens. That is why Hindus need to take refuge in India.