‘देश में 83 फीसदी युवा बेरोजगार’ विपक्ष के इस दावे में कितनी हकीकत, कितना फसाना?

मोदी सरकार ने किया था पिछले 4 सालों में कही थी 8 करोड़ को रोजगार देने का दावा, दावों पर आंकड़ों ने लगाया सवालिया निशाना, देश में 111 करोड़ लोगों का बेरोजगार होने का भी किया जा रहा दावा.

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लोकसभा के बाद राज्यसभा में अब केंद्रीय बजट पर चर्चा शुरू हो गयी है. यहां मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में बेरोजगारों को रोजगार दिए जाने और महंगाई बढ़ने पर विपक्ष सत्तापक्ष एनडीए पर हमलावर है. इस दौरान मोदी सरकार के उस दावे पर भी सवाल उठाए गए हैं जिसमें सरकार ने कहा था कि पिछले 4 साल में देश में 8 करोड़ युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया है. इस पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राज्यसभा में वरिष्ठ सांसद कपिल सिब्बल ने आंकड़े रखते हुए ने केंद्र सरकार के बजट 2024-25 में मौजूद कई खामियों को उजागर किया. साथ ही साथ देश की अर्थव्यवस्था संकट में होने की बात भी कही.

क्या इंटर्नशिप से होगी स्किल जेनरेट

सांसद कपिल सिब्बल ने आगे कहा, ‘हमारी जनसंख्या करीब 140 करोड़ है, लेकिन आईएलओ की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 83 प्रतिशत युवा बेरोजगार हैं. 2000 में बेरोजगारी का यह आंकड़ा करीब 50 प्रतिशत था. बेरोजगारी ऐसी चीज नहीं है जो अचानक हो जाए, यह धीरे-धीरे होती है. बेरोजगारी का संबंध एजुकेशन से भी है. क्या इंटर्नशिप से स्किल जेनरेट हो जाएगा, क्या इंटर्नशिप से उनकी समस्या दूर हो जाएगी.’

111 करोड़ लोग हैं देश में बेरोजगार

राज्यसभा सांसद ने आगे कहा कि बेरोज़गार लोग असंगठित क्षेत्र में हैं. CMIE के आंकड़ों के अनुसार, हमारी 140 करोड़ की आबादी में से 75% लोग कामकाजी आयु वर्ग के हैं, जिनमें से 111 करोड़ लोग बेरोज़गार हैं. अब आप इसी से देश की अर्थव्यवस्था के संकट की कल्पना कर सकते हैं. मुझे लगता है कि वित्त मंत्री को बजट के जरिये लोगों के सामने एक रोडमैप देना चाहिए था, लेकिन दुर्भाग्य से वे हमें यह रोडमैप नहीं दे पाईं.

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वरिष्ठ सांसद कपिल सिब्बल का यह बयान इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि बजट पेश करते हुए सरकार ने दावा किया था कि केंद्र सरकार ने 4 साल में 8 करोड़ देशवासियों को रोजगार उपलब्ध कराया है. साथ ही ये भी कहा गया है कि पिछले दो से तीन सालों में 3 लाख से ज्यादा छोटे, सुक्ष्म और मध्यम केटेगिरी के उद्योग धंधे बंद हुए हैं जिससे 12 लाख लोग बेरोजगार हो गए हैं. अब विपक्षी सांसद ने आंकड़े रखते हुए सरकार के इन दावों को गलत साबित करने की कोशिश की है.

देश की अर्थव्यवस्था संकट में

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने राज्यों को वादा किए गए 42% संसाधनों को आवंटित करने में विफल रहने के लिए सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा कि इसके बजाय केवल 32% प्रदान किया गया. सिब्बल ने देश की अर्थव्यवस्था के संकट में होने की बात भी कही. उन्होंने कहा, ‘मैं निजी तौर पर मानता हूं कि देश की अर्थव्यवस्था काफी संकट में है. मैं इसे कम समय में ही स्पष्ट कर दूंगा. बजट में किसे क्या अलॉट किया गया, उसे छोड़ दीजिए. सबसे अहम ये है कि इस बजट के जरिये सरकार का क्या विजन है, जो मिसिंग है. अब मैं आपको बताता हूं कि क्यों हमारी अर्थव्यवस्था संकट में है.’

 

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