पॉलिटॉक्स ब्यूरो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब से राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में आभार रैली को संबाधित किया है, आमजन को छोड़िए, बुद्धिजनों तक में उनके बयान को गफलत पैदा हो गई है. दरअसल रविवार को हुई बीजेपी की रैली में पीएम मोदी ने कहा कि वर्तमान में NRC को नहीं ला रहे हैं. जबकि अपनी पिछली रैलियों में गृहमंत्री अमित शाह ने तीखी स्वर में कहा कि नागरिकता कानून के बाद भविष्य में एनआरसी को देशभर में लागू किया जाएगा. अब इस बात पर देश में दो धड़े बन गए. एक जो मान रहा है कि एनआरसी पक्का लागू होगा. वहीं दूसरा धड़ा मान रहा है कि पीएम ने अमित शाह की बात को खारिज कर दिया.
राहुल रोशन ने ट्वीट हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘अमित शाह ने कहा कि भविष्य में NRC आएगा और पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि वर्तमान में NRC नहीं ला रहे हैं. कुछ बुद्धिमान इस पर यही कहर सकते हैं कि मोदी ने शाह की बात को खारिज किया‘.
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हालांकि गौर करने वाली ये है कि मोदीजी ने केवल ये कहा है कि ‘वर्तमान’ में एनआरसी नहीं ला रहे. यानि उन्होंने गृहमंत्री को किसी भी तरह से खारिज नहीं किया. खैर… लेकिन अब ये मुद्दा सोशल मीडिया पर फिर से आग की तरह फैल रहा है.
इस पर अपनी राय रखते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि आज देश को किस रजिस्टर की जरूरत है? NRC (राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर)? या फिर NRU (राष्ट्रीय बेरोजगार रजिस्टर)?
What does the country need today? NRC (National Register of Citizens) or NRU (National Register of Unemployed)?
आज देश को किस रजिस्टर की जरूरत है? NRC/ राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर? या फिर NRU/ राष्ट्रीय बेरोजगार रजिस्टर?
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— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) December 21, 2019
इसके बाद कुछ पत्रकारों और वरिष्ठजन ने अपने अपने विचार सोशल मीडिया पर साझा किए. आइए जानते हैं उनकी एनआरसी पर उनकी राय…
Violence has become a low-risk high-return adventure — with zero consequences.
Now, invert that equation: turn violence into a high-risk low-return misadventure — with serious consequences.
Reupping my essay https://t.co/jA1xRtiNuH#CAA#CitizenshipAmmendmentAct
— Gautam Chikermane (@gchikermane) December 20, 2019
हर भारतीय का एक ही पहचान पत्र क्यों नहीं हो सकता? जनगणना के समय ही नागरिकता क्यों तय नहीं हो सकती? करोड़ों-अरबों रुपए ख़र्च कर मतदाता सूची, आधार, राशन कार्ड आदि बनाने का क्या अर्थ है? यहाँ तक कि लोकसभा-विधानसभा के लिए अलग और स्थानीय निकाय चुनाव के लिए अलग मतदाता सूचियाँ क्यों?
— Akhilesh Sharma अखिलेश शर्मा (@akhileshsharma1) December 21, 2019
अपने डेढ़ घंटे से ज्यादा के भाषण में पीएम मोदी ने CAA और NRC को लेकर तमाम आशंकाओं को पुरजोर तरीके से समाप्त करने की कोशिश की। उम्मीद यही कि अब इस मसले पर कोई हिंसा नहीं होगी।
— VIKRANT YADAV (@ReporterVikrant) December 22, 2019
CAA is a life jacket.
NRC is everyone being pushed out of the plane as they have to prove themselves all over again.
But Muslims don’t get the life jacket.
Distributing life jackets is not the problem. Giving them only to a few and pushing everyone off the plane is.
— Chetan Bhagat (@chetan_bhagat) December 19, 2019
Bilkul. Yahi hona chahiye. One masterlist with every details, DOB, Gender, POR,EdQl,EmplStatus,MaritalStatus,income,dependents,Assets etc.Check box, permission to grant access to information rests with individual. Population register linked to voter ID,Aadhar,Passport, Pan .
— vibhakar (@vibhakarrajan) December 21, 2019
I am opposed to #CAA_NRC.
I am opposed to Hindutva.But as a devout Hindu and a secular Indian, I take strong objection to the derogatory use of the sacred Hindu symbol ॐ in this protest poster.
Beware of Hindu-hating “secularists”. pic.twitter.com/Ad8H0uEOxF
— Sudheendra Kulkarni (@SudheenKulkarni) December 20, 2019
They are not admitting it, but it appears the government is backtracking on NRC. Major win for constitutionalist protestors.
— Karuna Nundy (@karunanundy) December 22, 2019