लोकसभा चुनाव में अपार सफलता के बाद अब बीजेपी ने आगामी तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में सत्ता में लौटने के लिए तैयारी शुरू कर दी है. बीजेपी लोकसभा चुनाव की सफलता को विधानसभा चुनावों में भी दोहराना चाहती है. गौरतलब है कि इस वर्ष महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. फिलहाल तीनों राज्यों में बीजेपी की सरकार है.
पार्टी की रणनीति तय करने के लिए बीजेपी के कार्यवाहक अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तीनों राज्यों का दो-दो दिन दौरा करने का कार्यक्रम बना लिया है. इस दौरान वह स्थानीय बीजेपी नेताओं के साथ मिलकर चुनावी रणनीति पर चर्चा करेंगे. नड्डा 13-14 जुलाई को झारखंड की यात्रा पहले ही कर चुके हैं. वहां उन्होंने पार्टी के कोर ग्रुप के साथ बैठक कर चुनावी रणनीति और उम्मीदवारों के चयन पर विचार किया.
20-21 जुलाई को नड्डा का महाराष्ट्र के दौरे का कार्यक्रम है. इस दौरान वह पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे और बूथ स्तर पर पार्टी की तैयारियों का जायजा लेंगे. गौरतलब है कि महाराष्ट्र में बीजेपी ने हाल ही ऩए प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल की नियुक्ति की है. स्वाभाविक है कि नए प्रदेशाध्यक्ष अपनी नई टीम बनाएंगे. विधानसभा चुनाव होने में छह माह से भी कम समय बाकी है. सूत्रों के मुताबिक नए प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति के बाद अन्य पदाधिकारियों में बदलाव की संभावना बहुत कम है. महाराष्ट्र में बीजेपी की प्रभारी सरोज पांडे राज्य के पांच जिलों का दौरा कर चुकी है. चुनाव से पहले उनका हर जिले तक पहुंचने का प्रयास रहेगा.
महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने भी चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं. पार्टी आदित्य ठाकरे को भावी मुख्यमंत्री घोषित करते हुए चुनाव लड़ेगी. हालांकि सरोज पांडे का कहना है कि चुनाव के बाद मुख्यमंत्री बीजेपी का ही रहेगा, इसमें कोई संशय नहीं है. बीजेपी राज्य में चार तरह के सर्वेक्षण के लिए निजी एजेंसियों की सेवाएं ले रही हैं. सर्वेक्षणों के आधार पर चुनावी रणनीति बनेगी और उम्मीदवारों के नाम तय होंगे.
जेपी नड्डा हरियाणा का भी दौरा करने वाले हैं, जिसकी तारीख अभी तय नहीं है. इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने 15 अगस्त से राज्यव्यापी यात्रा का कार्यक्रम बना लिया है. हरियाणा प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा कि मुख्यमंत्री की यात्रा की तैयारियां जारी हैं. पार्टी का लक्ष्य बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं से संपर्क बनाए रखने का है. चुनाव जीतने में बीजेपी कोई कसर छोड़ना नहीं चाहती.