सोनिया को लिखी चिट्ठी में फ़ालेयरो का खुलासा- दिग्विजय के कारण नहीं बनी थी गोवा में कांग्रेस सरकार

फ़ालेयरो ने कांग्रेस पार्टी के पतन का दावा करते हुए दिग्विजय सिंह की विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़ा कर दिया, बहुमत होते हुए भी गोवा में सरकार नहीं बनी क्योंकि प्रभारी (दिग्विजय सिंह) ने उन्हें राज्यपाल के पास जाने से रोक दिया और 24 विधायकों के समर्थन तक इंतजार करने को कहा, मुझे पार्टी के पतन को रोकने और उसकी बेहतरी के लिए बदलाव की कोई उम्मीद या फिर इच्छाशक्ति भी नहीं दिखती

दिग्गी ने राज्यपाल के पास जाने से रोका
दिग्गी ने राज्यपाल के पास जाने से रोका

Politalks.News/GoaPolitics. देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में हर दिन कुछ ऐसा होता है जिससे पार्टी के भीतर भारी अंतर्कलह का पता चलता है. बीते रोज सोमवार को गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और नवेलिम से विधायक लुइजिन्हो फ़ालेयरो ने पहले विधानसभा सदस्यता और फिर कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा देने के साथ ही फ़ालेयरो ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक चिट्ठी लिखते हुए पार्टी के प्रति अपने मन में दबी पूरी भड़ास निकाली. फ़ालेयरो ने कांग्रेस पार्टी के पतन का दावा करते हुए दिग्गज कांग्रेसी नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़ा कर दिया.

दरअसल, गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुइजिन्हो फ़ालेयरो ने सोनिया गांधी को लिखी अपने इस्तीफे की चिट्ठी में बिना नाम लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह पर आरोप लगाया कि उनकी वजह से 2017 में गोवा में कांग्रेस की सरकार नहीं बन पाई. फेलेरो ने आरोप लगाया कि 2017 विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के पास बहुमत के लिए जरूरी 21 विधायकों का समर्थन था लेकिन कांग्रेस प्रभारी द्वारा उन्हें राज्यपाल के पास जाने से रोक दिया गया.

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यहां आपको बता दें कि साल 2017 में दिग्विजय सिंह गोवा कांग्रेस के प्रभारी थे. पूर्व गोवा सीएम फ़ालेयरो ने कहा कि तब उनकी अगुवाई कांग्रेस के 17 विधायक जीते थे इसके अलावा एक निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस के समर्थन में था. कुल चार विधायकों के समर्थन से कांग्रेस के पास 21 विधायक थे, यानी बहुमत का आंकड़ा था. फ़ालेयरो ने आरोप लगाया कि प्रभारी (दिग्विजय सिंह) ने उन्हें राज्यपाल के पास जाने से रोक दिया और 24 विधायकों के समर्थन तक इंतजार करने को कहा.

फेलेरो ने आगे लिखा कि इसके बाद बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा जुटा कर सरकार बना ली. सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में फ़ालेयरो ने कहा कि इस घटनाक्रम से उन्हें ठगा सा महसूस हुआ और झटका लगा. फेलेरो ने कहा कि बीते साढ़े चार सालों में गोवा के अंदर कांग्रेस 18 विधायकों से सिमट कर महज 5 पर रह गई है. 13 विधायकों के कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया. फेलेरो ने कहा कि गोवा में वो कांग्रेस नहीं बची जिसके लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी, इसलिए वो कांग्रेस से इस्तीफा दे रहे हैं.

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आपको बता दें, इस्तीफा देने से कुछ मिनट पहले फ़ालेयरो ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी की प्रशंसा की और कहा कि देश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने के लिए उनके जैसे नेता की जरूरत है. यही नहीं पूर्व सीएम लुइजिन्हो फ़ालेयरो ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे अपने त्याग पत्र में कहा कि उन्हें कांग्रेस के पतन को रोकने के लिए पार्टी में कोई इच्छाशक्ति नजर नहीं आती. फ़ालेयरो ने पत्र में यह भी साफ तौर पर लिखा कि पार्टी की बेहतरी के लिए बदलाव की कोई उम्मीद भी उन्हें दिखाई नहीं देती. लुइज़िन्हो फलेरियो ने सोनिया गांधी को अपने त्याग पत्र में लिखा कि, ‘मुझे पार्टी के पतन को रोकने और उसकी बेहतरी के लिए बदलाव की कोई उम्मीद या फिर इच्छाशक्ति भी नहीं दिखती है’

बता दें कि कांग्रेस छोड़ने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री फ़ालेयरो के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की प्रबल संभावना है. सोमवार को विधायकी से इस्तीफा देने के पहले ही फ़ालेयरो ने ममता बनर्जी को स्ट्रीट फाइटर बताया और यह भी कहा कि बीजेपी को ममता बनर्जी ही चुनौती दे सकती हैं. अगले साल होने वाले गोवा विधानसभा चुनावों में टीएमसी ने भी मैदान में उतरने का ऐलान किया है.

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