देश में लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण का मतदान खत्म होने के बाद तमाम न्यूज़ चैनल्स ने ऐजेंसियों के साथ मिलकर चुनाव के दौरान किए गए सर्वे को सामने रखा है. इनमें से ज्यादातर एग्ज़िट पोल्स ने यह अनुमान लगाया है कि देश में पुन: मोदी सरकार बनने जा रही है. लेकिन कुछ-एक एग्ज़िट पोल का यह भी मानना है कि एनडीए को पूर्ण बहुमत नहीं मिल रहा है. एनडीए को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में देश के ऐसे कौनसे बड़े दल हैं जो उनके साथ जा सकते हैं, डालिए एक नजर…

वाईएसआर कांग्रेस:
आंध्र प्रदेश में इस बार वाईएसआर कांग्रेस का प्रदर्शन काबिलेतारीफ रहने वाला है. आंध्र प्रदेश में लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी हुए हैं. जगन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस यहां 19 से 21 सीट लोकसभा की सीटें जीतने जा रही है. इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि किसी को भी बहुमत नहीं मिलने की परिस्थिति में जगन रेड्डी किसके साथ जाएंगे. जगन के अभी तक के क्रियाकलापों के अनुसार तो ऐसा ही लग रहा है कि जगन दिल्ली में मोदी की गाड़ी में ही सवारी करेंगे.

टीआरएस:
तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव काफी लंबे समय से तीसरे मोर्चे को लेकर कवायद कर रहे हैं. हालांकि वो अभी तक इसमें असफल रहे है. जब कोई व्यक्ति इस समय साझा विपक्ष की कवायद को छोड़कर तीसरे मोर्चे की बात करता है, वो कहीं न कही बीजेपी को ही समर्थन कर रहा है. अनुमान भी ये ही है कि जरूरत पड़ने पर चंद्रशेखर बीजेपी के साथ चले जाएंगे.

बीजू जनता दलः
बहुमत कम रहने के स्थिति में एनडीए को जिस दल पर सबसे अधिक भरोसा है, वो है नवीन पटनायक का बीजू जनता दल. ओडिशा में बीजेडी और बीजेपी ने 10 साल तक गठबंधन सरकार चलाई है. इसलिए यह तो तय है कि चुनाव नतीजों के बाद नवीन पटनायक मोदी के साथ जाएंगे. हाल ही में नवीन पटनायक ने आपदा प्रबंधन के मामले में पीएम मोदी की जमकर तारीफ भी की थी.

दूसरी ओर, नरेंद्र मोदी को रोकने के लिए कई दल यूपीए के साथ जा सकते हैं. इस लिस्ट में …

  • टीएमसी
  • समाजवादी पार्टी (SP)
  • बहुजन समाज पार्टी (BS)
  • राष्ट्रीय लोकदल
  • टीडीपी
  • एआईयूडीएफ
  • इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग
  • नेशनल कॉन्फ्रेंस
  • पीडीपी आदि दलों के शामिल होने की उम्मीद है.

Leave a Reply