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देश में आए लोकसभा चुनाव के नतीजों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व में बीजेपी ने विशाल जीत हासिल की है. भारत के चुनावी इतिहास में किसी गैर कांग्रेसी दल ने सबसे ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की. बीजेपी ने कुल 542 में से 352 सीटों पर विजयश्री हासिल की है. बीजेपी ने कई राज्यों में तो विपक्ष का सूपड़ा ही साफ कर दिया.

लेकिन मोदी की इस प्रचंड सुनामी के बावजूद बीजेपी को कई राज्यों से निराशा हाथ लगी. इन राज्यों में तो बीजेपी का खाता तक नहीं खुल सका. यह आंकड़े बीजेपी के उस दावे को झटका देते हैं जिसमें बीजेपी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करती है. इस आंकड़ों को देखते हुए यह साफ तौर पर कहा जा सकता है कि बीजेपी आज भी कई राज्यों में प्रभावी नहीं है. वहां उसकी मौजूदगी नाम-मात्र की भी नहीं है.

नीचे उन राज्यों के बारे में बता रहे हैं जहां बीजेपी अपना खाता भी नहीं खोल पायी है…

केरलः केरल में 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया था. इसके बाद बीजेपी के भीतर यह उम्मीद जगी थी कि केरल में उसका जनाधार बढ़ेगा. लेकिन लोकसभा चुनाव में केरल से आए नतीजे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को निराश करने वाले हैं. यहां बीजेपी अध्यक्ष के तमाम प्रयासों के बावजूद बीजेपी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. केरल में लोकसभा की 20 सीटे हैं जिसमें से कांग्रेस ने अकेले के दम पर 15 सीटों पर जीत हासिल की है. बीजेपी ने केरल में लगभग 13 प्रतिशत मत तो हासिल किए लेकिन वो इन वोटों को सीटों में तब्दील नहीं कर पायी. यहां बीजेपी का खाता नहीं खुल सका.

आंध्रप्रदेशः केरल के बाद जिस राज्य में बीजेपी का खाता नहीं खुला, वो आंध्रप्रदेश है. 2014 के चुनाव में बीजेपी ने संयुक्त आंध्रा में तीन सीटों पर जीत हासिल की थी. लेकिन उनकी इस जीत का कारण चंद्राबाबु नायडू की पार्टी तेलगू देशम के साथ बीजेपी का गठबंधन होना था. 2018 में चंद्रबाबु नायडू ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया था. वो बीजेपी के खिलाफ जुलाई, 2018 में सदन में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए. लेकिन अविश्वास प्रस्ताव अल्पमत में होने के कारण धाराशायी हो गया था. तभी बीजेपी को अंदेशा हो गया था कि 2019 में आंध्र-प्रदेश में उसके लिए परिस्थितियां बहुत मुश्किल होने वाली हैं.

रही सही कसर आंध्र-प्रदेश में आई जगनमोहन रेड्डी की सुनामी ने पूरी कर दी. जगन की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने प्रदेश की 25 सीटों में से 23 पर जीत हासिल की. आंध्र-प्रदेश में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा के चुनाव भी हुए है लेकिन बीजेपी के लिए वहां के नतीजों में भी अच्छी खबर नहीं आई. विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी खाली हाथ ही रह गई.

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