सियासी संग्राम पर ‘सुप्रीम’ फैसले से पहले दिग्विजय सिंह बैंगलुरु में हुए गिरफ्तार तो प्रदेश में जारी है सियासी लेटर वॉर

हिरासत में लिए गए दिग्विजय सिंह ने पुलिस स्टेशन में ही शुरू की भूख हड़ताल, शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर अब से कुछ देर में सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई, मुख्यमंत्री कमलनाथ, विधानसभा अध्यक्ष और राज्यपाल लालजी टंडन के बीच चिट्ठियों का आदान-प्रदान जारी

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पॉलिटॉक्स न्यूज़/मध्यप्रदेश. प्रदेश में चल रहे जबरदस्त सियासी घमासान का परिणाम आज देखने को मिल सकता है, शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर अब से कुछ देर में सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई करेगा. दूसरी ओर मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ, विधानसभा अध्यक्ष और राज्यपाल लालजी टंडन के बीच चिट्ठियों का आदान-प्रदान जारी है. वहीं बड़ी खबर यह है कि मध्यप्रदेश से कांग्रेस के राज्यसभा प्रत्याशी दिग्विजय सिंह को बेंगलुरु में हिरासत में ले लिया गया है. बागी विधायकों से मिलने पहुंचे दिग्विजय रिजॉर्ट के सामने ही धरने पर बैठ गए थे, जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया. ताजा मिली जानकारी के अनुसार हिरासत में लिए गए दिग्विजय सिंह ने पुलिस स्टेशन में ही भूख हड़ताल शुरू कर दी है. सिंह ने आरोप लगाया कि लोकतंत्र की हत्या की जा रही है और उन्हें विधायकों से नहीं मिलने दिया जा रहा है. ऐसे में एमपी का ये सियासी ऊंट किस करवट बैठता है इसपर हर किसी की नज़र है.

बुधवार को अलसुबह कांग्रेस नेता और राज्यसभा प्रत्याशी दिग्विजय सिंह बेंगलुरु के रामाडा होटल पहुंचे जहां कांग्रेस के विधायक ठहरे हुए हैं, लेकिन पुलिस ने उन्हें अन्दर जाने से रोक लिया. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए जानकारी दी, ‘मैं बेंगलुरु के रमाडा होटल पहुंच गया हूं. पुलिस हमें रोक रही है. वहीं मीडिया से बातचीत में दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं मध्य प्रदेश से राज्यसभा का उम्मीदवार हूं, 26 मार्च को मतदान होना है. मेरे 22 विधायक यहां रोके हुए हैं. वो लोग मुझसे बात करना चाहते हैं. उनके फोन छीन लिए गए हैं. पुलिस वाले उनसे बात भी नहीं करने दे रहे हैं कहते हैं कि इनकी सुरक्षा को खतरा है.

होटल के बाहर ही धरने पर बैठ गए दिग्विजय सिंह
उन्होंने कहा, ‘मैंने कहा मैं गांधीवादी आदमी हूं मेरे पास न बम है, न पिस्तौल है, न हथियार है, न रायफल है. मुझे अकेले ले जाएं उनसे मिलवा दें. मुझे संतुष्टि हो जाएगी मैं वापस चला जाऊंगा.’ जानकारी के मुताबिक होटल में जाने से रोके जाने पर नाराज़ दिग्विजय होटल के बाहर ही धरने पर बैठ गए. जिसके बाद उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस के 20 से ज्यादा विधायक होटल में ठहरे हुए हैं.

वहीं प्रदेश में मचे सियासी घमासान के बीच अब गवर्नर लालजी टंडन ने पत्र लिखकर ही स्‍पीकर की चिट्ठी का जवाब दिया है. बता दें, विधानसभा अध्‍यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने प्रदेश के राज्‍यपाल लालजी टंडन को चिट्ठी लिखकर विधायकों की सुरक्षा की मांग की थी. इसका जवाब देते हुए राज्‍यपाल ने स्‍पष्‍ट शब्‍दों में कहा है कि विधायकों की सुरक्षा की जिम्‍मेदारी कार्यपालिका की है. उन्‍होंने आगे लिखा, ‘आप (स्‍पीकर) उससे (कार्यपालिका) ही सुरक्षा चाहते होंगे, लेकिन यह पत्र मुझे प्रेषित हुआ प्रतीत होता है.’ गवर्नर ने चिट्ठी के आखिर में लिखा, ‘मुझे अत्‍यंत हर्ष होगा कि मैं किसी भी रूप में आपकी वर्तमान चिंता और कष्‍ट का समाधान कर सकूं.’

लालजी टंडन ने विधानसभा अध्‍यक्ष को लिखे पत्र में कहा कि माननीय सदस्‍यों की अनुपस्थिति के लिए कारण उनकी सुरक्षा के संबंध में उनकी चिंता की वह प्रशंसा करते हैं. गवर्नर ने लिखा, ‘विगत 8-10 दिनों से आज जिस पीड़ा से गुजर रहे होंगे, उसका मुझे अंदाजा हो रहा है. जहां तक माननीय सदस्‍यों (विधायकों) के त्‍यागपत्र स्‍वीकार किए जाने के संबंध में प्रश्‍न है, मैं आपके द्वारा 22 में से 6 माननीय सदस्‍यां के त्‍यागपत्र स्‍वीकार किए जाने के निष्‍पक्ष, साहसपूर्ण एवं शीध्र किए गए निराकरण की भी तारीफ करता हूं.’ साथ ही राज्‍यपाल ने स्‍पीकर को लिखी चिट्ठी में कहा कि विधायकों के त्‍यागपत्र स्‍वीकार करने की कानूनी प्रक्रिया के बारे में उन्‍हें जानकारी होगी.

बता दें, एमपी केनिस सियासी संग्राम में हर किसी की नज़र बेंगलुरु में बैठे 16 बागी विधायकों पर भी है. उनकी ओर से भी सुरक्षा और इस्तीफे की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. मंगलवार को विधायकों ने मीडिया के सामने कमलनाथ पर आरोप लगाए थे और कहा था कि वे यहां बंधक नहीं हैं, अपनी मर्जी से आए हैं. अब बुधवार को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह बेंगलुरु पहुंचे हैं, लेकिन पुलिस ने उन्हें विधायकों से मिलने को रोक दिया है.

गौरतलब है कि एक तरफ भाजपा ने बहुमत परीक्षण करवाने के लिए अदालत का रुख किया है, तो वहीं कांग्रेस की ओर से भी अपने बागी विधायकों की तलाश के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया गया है. मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के व्हिप ने अदालत में याचिका दायर की है. राज्य में अस्थिर माहौल बनाने और कांग्रेस के 16 विधायकों को किडनैप करने के आरोप के साथ ये याचिका दायर की गई है. भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को सदन में बहुमत परीक्षण ना हो पाने के बाद सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. अदालत ने मंगलवार को सुनवाई तो नहीं की लेकिन स्पीकर, राज्य सरकार और बागी विधायकों को नोटिस जरूर दे दिया. अब इसी याचिका पर आज सुबह 10.30 बजे सुनवाई होगी. इस मामले को जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस हेमंत गुप्ता की बेंच सुनेगी.

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