पॉलिटॉक्स ब्यूरो. 8 फरवरी को होने वाले दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए प्रचार का शोर आज शाम 5 बजे थम गया है. चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत लगा दी. दिल्ली की सड़कों पर जगह-जगह रोड शो, जनसभा, भाषण के माध्यम से प्रचार नजर आया. भाजपा की ओर से गृहमंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा, लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान, महाबली खली, सनी देओल और मनोज तिवारी जैसे नेताओं ने अपना पूरा दमखम लगाया तो वहीं आम आदमी पार्टी के लिए केजरीवाल और मनीष सिसोदिया सहित सभी उम्मीदवारों ने जोर लगाया. नियमों के अनुसार अब ये नेता चुनाव तक किसी भी तरह की रैली, जनसभा या सार्वजनिक मंच से संबोधन, भाषण या साक्षात्कार नहीं दे सकते हैं, लेकिन घर-घर जाकर लोगों से मतदान की अपील जरूर की जा सकती है.
दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने मतदान से जुड़ी तमाम तैयारियां पूरी कर ली हैं. 8 फरवरी को होने वाले मतदान के लिए 2689 स्थानों पर 13750 मतदान केंद्र बनाए जा रहे हैं. इस चुनाव के लिए निर्वाचन विभाग लगभग 70 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है. 8 फरवरी को सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान किया जा सकेगा, जिसके नतीजे 11 फरवरी को घोषित किए जाएंगे.
बता दें, चुनाव के मद्देनजर दिल्ली में 8 फरवरी शनिवार को सुबह 4 बजे से ही मेट्रो सेवा शुरू कर दी जाएगी ताकि चुनाव ड्यूटी में तैनात कर्मचारी और आम लोग सुविधा का लाभ उठा सकें. मतदान के दिन सुबह 4 बजे से सुबह 6 बजे तक 30 मिनट के अंतराल से मेट्रो सेवा संचालित होगी. वहीं 6 बजे के बाद से मेट्रो अपने रोजाना के रूटीन के हिसाब से चलेंगी.
गौरतलब है कि कुल 1,47,86,382 मतदाताओं वाली दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर कुल 672 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं. दिल्ली में मुख्य मुकाबला सत्ताधारी आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच है. वहीं 15 साल तक राज्य की सत्ता में रही कांग्रेस भी अपनी खोई जमीन वापस हासिल करने की कोशिशों में लगी है. आम आदमी पार्टी ने 70, बीजेपी ने 67 और कांग्रेस ने 66 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं वहीं बीजेपी ने 1 सीट अपनी सहयोगी लोजपा तो 2 सीटें जदयू के लिए छोड़ी हैं और कांग्रेस ने 4 सीटें अपनी सहयोगी आरजेडी के लिए छोड़ी हैं.
दिल्ली के चुनाव प्रचार अभियान में आम आदमी पार्टी की कमान सीएम केजरीवाल ने संभाल रखी थी. वहीं केजरीवाल को चुनौती देने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह ने आखिरी वक्त में मोर्चा संभाला और लगातार 13 दिन तक प्रचार अभियान में हिस्सा लिया. हालांकि केजरीवाल प्रचार के दौरान सबसे आगे रहे और उन्होंने 68 विधानसभा क्षेत्रों में जाकर पार्टी उम्मीदवारों के लिए कैंपेन किया. वहीं अमित शाह ने 13 दिन में 47 चुनावी सभाएं की जिनमें 35 रैलियां और 9 रोड शो शामिल रहे. पीएम मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी ने भी आखिरी दौर के चुनाव प्रचार में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया.