Politalks.News/Karnataka. कर्नाटक में दिग्गज भाजपा नेता सिद्धारमैया को हटाकर बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद से सरकार पर आए दिन कोई न कोई आरोप लगता ही नजर आ रहा है. ताजा मामले के अनुसार सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर आरोप लगा है कि मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने दीवाली पर कुछ पत्रकारों को मिठाई के डिब्बे में एक लाख से लेकर ढाई लाख तक का कैश दिया. मामले के सामने आने के बाद से तमाम विपक्षी पार्टियों ने बोम्मई सरकार को निशाने पर ले लिया है. इसी कड़ी में कांग्रेस ने शनिवार को इस मामले को ‘मिठाई का डिब्बा रिश्वत‘ नाम देते हुए इसकी न्यायिक जांच की मांग की है. तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.
आपको बता दें, मीडिया(न्यू मिनट) में आई कुछ रिपोर्ट के अनुसार, मिठाई के डिब्बे पाने वाले लगभग एक दर्जन पत्रकारों में से तीन ने कैश मिलने की बात स्वीकार की है. इनमें से दो ने बताया कि उन्होंने इसे मुख्यमंत्री कार्यालय को वापस दे दिया है. एक एंटी करपशन एक्टीविस्ट ग्रुप ने कर्नाटक लोकायुक्त पुलिस में बसवराज बोम्मई के मीडिया सलाहकार के खिलाफ पत्रकारों को कथित रूप से रिश्वत देने का प्रयास करने के लिए शिकायत भी दी है. एक अन्य पत्रकार ने न्यू मिनट मीडिया को बताया कि, ‘मैंने अपने संपादकों इसकी सूचना दी थी. मैंने सीएमओ अधिकारियों से कहा कि मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता और यह गलत है’. पत्रकार ने बताया कि उनके मिठाई के डिब्बे में 1 लाख रुपये कैश थे.
अगले साल 2023 के अप्रैल-मई माह में होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले सामने आए इस मामले पर सियासी बवाल मचना भी लाजमी है. तो कर्नाटक कांग्रेस ने ट्वीट्स की एक श्रृंखला के जरिए बोम्मई सरकार को जमकर घेरा. मामले में कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा है, “40 प्रतिशत सरकार ने पत्रकारों को एक लाख रुपए नकद देकर उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की.” यही नहीं सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से 3 सवाल पूछते हुए लिखा कि, ‘क्या श्रीमान बोम्मई जवाब देंगे- 1. क्या यह मुख्यमंत्री द्वारा “रिश्वत” नहीं है? 2. एक लाख रुपए का स्रोत क्या है? क्या यह सरकारी खजाने का पैसा है या मुख्यमंत्री ने खुद दिया है? 3. क्या ईडी या आयकर विभाग इसका संज्ञान लेगा?” एक अन्य ट्वीट में सुरजेवाला ने कहा कि, ‘कर्नाटक के साहसी पत्रकारों को सलाम, इन्होंने सीएम बोम्मई और उनके कार्यालय के रिश्वतकांड को उजागर किया.’
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वहीं कर्नाटक कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए भाजपा से सवाल किया- ‘क्या करदाताओं के पैसे का दुरुपयोग कर रिश्वत दी गई थी? इस पैसे का स्रोत क्या है? कितनी रिश्वत दी गई और बदले में आपको क्या मिला? हमने बिना वजह मुख्यमंत्री को पेसीएम नहीं कहा.’ यहां आपको बता दें कि कांग्रेस ने बीते सितंबर माह में भाजपा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए डिजिटल भुगतान ऐप ‘पेटीएम‘ से मिलता-जुलता नाम ‘पेसीएम‘ रखकर एक अभियान शुरू किया था. कैंपेन का एक क्यूआर कोड भी है, जिसमें मुख्यमंत्री बोम्मई की तस्वीर लगी है. इसमें आरोप लगाया गया है कि भाजपा सरकार सार्वजनिक कार्यों पर 40 प्रतिशत कमीशन लेती है. इस बीच, भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए दावा किया कि आरोप सच्चाई से बहुत दूर है.
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इसके साथ ही कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति ने इस मिठाई के डिब्बे में कैश दिन जाने के मामले की न्यायिक जांच की मांग की और इसे मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से पत्रकारों को ‘स्वीट बॉक्स ब्राइब’ यानी ‘मिठाई के डिब्बे में रिश्वत‘ करार दिया है.’ मामले में कांग्रेस ने आगे कहा कि राज्य के लोगों को पता होना चाहिए कि कितना पैसा रिश्वत के तौर पर दिया गया है और कितना पैसा प्राप्त किया गया है और कितना लौटाया गया. वहीं दूसरी तरफ सीएमओ के सूत्रों ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए दावा किया कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई इससे अनभिज्ञ हैं कि पत्रकारों को ‘नकदी’ दी गई है.