कोरोना से प्रभावी मुकाबले के लिए गहलोत ने पीएम मोदी को सुझाए 15 सूत्री प्रस्ताव, मोदी ने गहलोत के निर्णयों को सराहा

पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा कोविड-19 महामारी के खिलाफ अब तक लिए गए निर्णयों की सराहना की, गहलोत ने कोरोना संक्रमण से जारी जंग में राज्यों को अधिक मजबूती देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के सामने रखे 15 सूत्री प्रस्ताव

पीएम मोदी ने सीएम गहलोत के साथ की ऑनलाइन वार्ता
पीएम मोदी ने सीएम गहलोत के साथ की ऑनलाइन वार्ता

पॉलिटॉक्स न्यूज/राजस्थान. वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों और लॉकडाउन की स्थिति की समीक्षा हेतु सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चौथी बार ऑनलाइन वार्ता की. वार्ता के दौरान पीएम मोदी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा कोविड-19 महामारी के खिलाफ इस जंग में अब तक लिए गए निर्णयों की सराहना की. पीएम मोदी ने राजस्थान में कोरोना संकट का मजबूती से मुकाबला करने के लिए उठाए गए कदमों पर सीएम गहलोत से विस्तृत चर्चा की. इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने कोरोना संक्रमण से जारी जंग में राज्यों को अधिक मजबूती देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के सामने 15 सूत्री प्रस्ताव रखे.

राज्यों को दिया जाए 1 लाख करोड़ का अनुदान

पीएम मोदी से चौथी बार हुई ऑनलाइन वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर अपनी मांग को दोहराते हुए कहा कि लॉकडाउन के कारण राज्यों के राजस्व संग्रहण पर विपरीत असर पड़ा है, ऐसे में उन्हें 1 लाख करोड़ रूपये का अनुदान उपलब्ध करवाया जाए. इसका आधार प्रति व्यक्ति जनसंख्या, कोविड महामारी का प्रकोप अथवा जी.एस.टी. काउन्सिल या अन्तर्राज्यीय परिषद द्वारा निर्धारित मापदण्ड भी हो सकते हैं.

जीएसटी क्षतिपूर्ति को दस वर्ष किया जाए

सीएम गहलोत ने पीएम मोदी के सामने प्रस्ताव रखा कि कोरोना के कारण हर राज्य की स्थानीय परिस्थितियों एवं आर्थिक स्थिति को देखते हुये जीएसटी की व्यवस्था के अन्तर्गत राज्यों को दी जाने वाली क्षतिपूर्ति की अवधि को 5 वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष किया जाए.

ऋणों के भुगतान की किस्तों पर दें 6 माह का ब्याज मुक्त मोरेटोरियम

ऋणों के भुगतान के सम्बंध में इस बार भी अपनी मांग को दोहराते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार एवं इसके बोर्ड, कॉरपोरेशन तथा कंपनियों को भारत सरकार एवं उसके विभिन्न संस्थानों जैसे पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन से लिए गए ऋणों के भुगतान की किस्ताें पर मूल एवं ब्याज, दोनों पर 6 माह का ब्याज मुक्त मोरेटोरियम दिया जाए.

कृषि उत्पादन के 50 प्रतिशत तक हो एमएसपी पर खरीद

एक अन्य सुझाव देते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि संकट की इस घड़ी में किसानों को संबल देना हम सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए. किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिले इसके लिए जरूरी है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की सीमा को कृषि उत्पादन के 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाए.

उद्योग एवं व्यापार जगत को मिले व्यापक आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज

उद्योग एव व्यापार जगत को प्रोत्साहन सम्बन्धी अपनी मांग को इस बार फिर दोहराते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि कोरोना महामारी का बड़ा प्रतिकूल प्रभाव उद्योग एवं व्यापार जगत पर पड़ा है. करीब डेढ़ महीने से औद्योगिक गतिविधियां ठप पड़ी हैं. ऐसे में उन्हें उबारने के लिए केन्द्र द्वारा एक व्यापक आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज दिया जाए. यह पैकेज उसी प्रकार का हो जैसा वर्ष 2008 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समय दिया गया था. कोविड-19 के इस संकट काल में अमेरिका, यूके, जापान आदि देशों ने वृह्द स्तर पर पैकेज दिए हैं.

अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए राजकोषीय व्यय को बढ़ावा दें

सीएम गहलोत ने पीएम मोदी के सामने प्रस्ताव रखा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में अर्थव्यस्था को उबारने के लिए राजकोषीय व्यय को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. इसके लिए भारत सरकार को केन्द्र प्रवृर्तित योजनाओं की केन्द्रांश की राशि की प्रथम किस्त शीघ्र बिना किसी शर्त के जारी करनी चाहिए एवं राशि जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाना चाहिए.

श्रमिकों के वेतन भुगतान के लिए केन्द्र लाए स्कीम

सीएम गहलोत ने आगे कहा कि लॉकडाउन के दौरान अधिकतर एमएसएमई उद्योग बंद होने के कारण अपने श्रमिकों को वेतन एवं मजदूरी देने की स्थिति में नहीं है. भारत सरकार को इन श्रमिकों के वेतन भुगतान के लिए निर्णय लेकर इनके वेतन का एक हिस्सा 6 माह तक के लिए देना चाहिए. इस सम्बन्ध में कई देशों द्वारा उद्योग एवं व्यापार को संकट से उबारने के लिए नीतिगत निर्णय लिए गए हैं. इस पर भारत सरकार को एक योजना बनानी चाहिये.

अटके प्रवासी श्रमिकों को घर पहुंचाने के लिए बने राष्ट्रीय योजना

प्रवासी श्रमिकों को लेकर पिछले कुछ दिनों से सबसे ज्यादा चिंतित मुख्यमंत्री गहलोत ने पीएम मोदी से कहा कि लॉकडाउन के करीब 35 दिन बीत जाने के बाद प्रवासी मजदूरों एवं छोटे दुकानदारों के दिलों में यह बात घर कर गई है कि उन्हें एक बार अपने परिवार के बीच जाना चाहिए. घर नहीं जा पाने के कारण वे असहनीय मानसिक पीड़ा से गुज़र रहे हैं. पूर्व में भी हमने इस ओर केन्द्र का ध्यान आकर्षित किया है. केन्द्र को चाहिए कि वह राष्ट्रीय स्तर पर राज्यों से शीघ्र विचार-विमर्श कर एक योजना बनाए जिससे कि आपसी समन्वय स्थापित करते हुए चरणबद्ध ढंग से अन्तर्राज्यीय परिवहन एवं विशेष रेल गाड़ियों के माध्यम से ऐसे प्रवासियों को उनके पैतृक स्थानों पर पहुंचाया जा सके.

बहाल हो इंटर स्टेट सप्लाई चेन

सीएम गहलोत ने आगे कहा कि आर्थिक गतिविधियां तब तक पटरी पर नहीं आएंगी जब तक राज्यों के बीच सप्लाई चेन बहाल नहीं की जाए. उन्होंने कहा कि खुदरा क्रय-विक्रय को सुचारू करने के लिए अन्तर्राज्यीय आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावी बनाना होगा. इसके लिए भारत सरकार को शीघ्र कार्यवाही करनी चाहिए.

राज्यों को मिले आर्थिक एवं औद्योगिक गतिविधियों के लिए स्वतंत्रता

एक अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखते हुए सीएम गहलोत ने वार्ता में कहा कि मोडिफाइड लॉकडाउन में आर्थिक गतिविधियों एवं व्यापार तथा उद्योग को चरणबद्ध रूप से पुनः क्रियाशील करना भी आवश्यक है. हर राज्य की स्थानीय परिस्थितियाँ भिन्न होती हैं, ऐसे में भारत सरकार राष्ट्रव्यापी समान निर्देशों के स्थान पर राज्यों को स्थानीय स्तर पर मापदण्ड निर्धारित करने की स्वतंत्रता प्रदान करे.

चिकित्सा उपकरणों की हो केन्द्रीकृत खरीद

रैपिड टेस्ट किट के फेल होने के बाद अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दे पर सीएम गहलोत ने एक बार फिर प्रस्ताव रखा कि कोरोना से प्रभावी रूप से लड़ने के लिए पीपीई किट्स, मास्क, टेस्टिंग किट्स, वेन्टीलेटर्स आदि की खरीद के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि इनकी गुणवत्ता अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हो. ऐसे में भारत सरकार केन्द्रीकृत खरीद करके इन वस्तुओं को आवश्यकतानुसार राज्यों को उपलब्ध करवाए.

वर्ष 2019-20 की जनसंख्या हो खाद्य सुरक्षा का आधार

सीएम गहलोत ने आगे कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसए) के लाभार्थियों के चयन की सीमा वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार है. वर्तमान विशेष परिस्थितियों को देखते हुए इसे 2019-20 की अनुमानित जनसंख्या के आधार पर तुरन्त बढ़ाया जाये.

वेज एंड मीन्स एडवांस पर ब्याज में छूट की मांग

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संकटकाल को देखते हुए राज्यों को वेज एंड मीन्स एडवांस की सीमा 60 प्रतिशत करने के केन्द्र के फैसले का स्वागत किया और इस राशि पर ब्याज में छूट देने की मांग भी की.

राज्यों को मिलने वाली शुद्ध ऋण सीमा 3 से बढ़ाकर 5 प्रतिशत हो

सीएम गहलोत ने एक और महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखते हुए पीएम मोदी से कहा कि राज्यों को मिलने वाली शुद्ध ऋण सीमा 3 प्रतिशत से बढाकर 5 प्रतिशत बिना शर्तों के की जाए. इस मुश्किल समय में राज्य सरकार जरूरतमंद, निराश्रित एवं बेसहारा लोगों को संबल देने के लिए तमाम जरूरी कदम उठा रही हैं. ऐसे में उन्हें वित्तीय संसाधनों की कमी नहीं रहे इसके लिए यह अनुमत किया जाए.

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जीएसटी की क्षतिपूर्ति एवं सीएसटी क्लेम की राशि शीघ्र उपलब्ध कराएं

सीएम गहलोत ने पीएम मोदी से अनुरोध किया कि केन्द्र राजस्व की भारी कमी से जूझ रही राज्य सरकारों को जीएसटी की क्षतिपूर्ति एवं पूर्व के सीएसटी क्लेम की राशि शीघ्र उपलब्ध कराए. सीएम गहलोत ने आगे कहा कि इनके समय पर नहीं मिलने से राज्य सरकारों पर आर्थिक दबाव बढ़ रहा है.

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