Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को वित्त विधेयक और विनियोग विधेयक पारित होने के साथ ही वित्तीय वर्ष 2021-22 का आम बजट पारित हो गया. वहीं इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई बड़ी घोषणाएं कर कई वर्गों को एक साथ खुश कर दिया. सीएम गहलोत द्वारा की गई घोषणाओं में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय जो बनी वो है सवर्ण वर्ग के लिए आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग (EWS) के आरक्षण के दायरे में आने वालों के लिए की गई बड़ी घोषणा. इसके साथ सीएम गहलोत ने EWS कैटेगिरी के युवाओं को अन्य केटेगिरी के समान सरकारी नौकरी की भर्तियों सहित अन्य मामलों में आयु सीमा और फीस में छूट देने की घोषणा भी की है. इसके अलावा मुख्यमंत्री गहलोत ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कोरोनाकाल से संक्रमण से मृत्यु होने पर पत्रकारों और राशन डीलरों के परिजनों को 50 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.
5 लाख तक कैशलेस बीमा का लाभ 1 मई से
प्रदेश में होने वाले उपचुनाव से पहले सवर्ण वर्ग को साधने के लिए मुख्यमंत्री की द्वारा की गई घोषणा से अब EWS श्रेणी में आने वाले महिलाओं की तरह पुरूष अभ्यर्थियों को भी आयु सीमा में छूट का लाभ मिलेगा. इसके साथ ही आवेदन फीस में भी में छूट की घोषणा से दोनों (पुरूष व महिला वर्ग) को लाभ मिलेगा. इधर मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) और सोशियो इकनॉमिक ऐंड कास्ट सेंसस (SECC) से जुड़े लाभार्थियों को छोड़कर शेष बचे अन्य परिवारों का रजिस्ट्रेशन एक अप्रेल से किया जाएगा. इस योजना में 5 लाख रुपए तक का कैशलेस चिकित्सा बीमा का लाभ मिलेगा, जिसके लिए रजिस्ट्रेशन करवाने वाले से 50% प्रिमीयम राशि ली जाएगी. इस योजना का लाभ लोगों को एक मई से मिलने लगेगा.
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राज्य कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले – उपार्जित अवकाश की एवज में नकद भुगतान
हाल ही में सरकारी कर्मचारियों को कोरोना काल में रोके गए वेतन का भुगतान होने के बाद अब गहलोत सरकार ने राज्य कर्मचारियों को एक ओर बड़ी सौगात देने की घोषणा की है. सीएम गहलोत ने राज्य कर्मचारियों को देय उपार्जित अवकाश की एवज में नकद भुगतान की स्वीकृतियां जारी करने की घोषणा की है. इसका मतलब यह है कि अगर कोई कर्मचारी अपनी पीएल या अन्य उपार्जित अवकाश नहीं लेता तो उसके बदले उसे नकद भुगतान किया जाएगा.
महिलाओं के लिए बैक टू वर्क योजना के साथ अब 20 हजार बुजुर्ग जा सकेंगे तीर्थ की यात्रा
इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन कामकाजी महिलाओं को वापस जॉब दिलाने की भी घोषणा की है, जो शादी के बाद घर परिवार संभालने के लिए जॉब छोड़ देती हैं. ऐसी ट्रेंड प्रोफेशनल और कामकाजी महिलाओं को वापस जॉब दिलवाने या उन्हे वर्क फ्रॉम होम का अवसर दिलाने के उदेश्य से प्राइवेट सेक्टर के सहयोग से बैक टू वर्क योजना शुरू की जाएगी. इसके तहत आगामी 3 सालों में ऐसी 15 हजार महिलाओं को जॉब वापस दिलाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री गहलोत ने वृद्धजन तीर्थ योजना के तहत हर साल देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों पर भेजे जाने वाले 10 हजार वृद्धजनों के स्थान पर अब 20 हजार को भेजा जाएगा.
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भ्रष्टाचारियों पर नकेल की तैयारी
प्रदेश में में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए भी गहलोत सरकार ने अहम घोषणा की है. सीएम गहलोत ने भ्रष्ट अधिकारियों को ट्रेप करवाने वाले परिवादियों को आर्थिक संबंल देने के लिए एक अलग से रिवॉलविंग फंड बनाने का निर्णय किया है. इसके तहत इस फंड में 1 करोड़ रुपए की रकम का प्रावधान होगा. कोई परिवादी जो आर्थिक रूप से कमजोर है और ट्रेप करवाने के दौरान राशि उसके पास उपलब्ध नहीं है तो रिश्वत में मांगी जाने वाली राशि को इस फंड से उपलब्ध करवाया जाएगा.
इसके साथ ही राज्य में चिटफंड कंपनियों या मल्टी स्टेट क्रेडिट कॉओपरेटिव सोसायटियों की धोखाधड़ी को रोकने के लिए गहलोत सरकार आगामी दिनों में एक विजीलेंस ऑथोरिटी का गठन करेगी. रजिस्ट्रार कॉपरेटिव के अधीन बनने वाले इस सेल में पुलिस, सहकारिता और विधि शाखा के अधिकारी-कर्मचारी होंगे. ये ऑथोरिटी राज्य में संचालित क्रेडिट सोसायटियों या चिटफंड कंपनियों की साल में कम से कम 2 बार एकाउंटस की जांच करेगी.