मोदी सरकार के मिस-मैनेजमेंट और गलत नीतियों का नतीजा है चीन संकट: सोनिया गांधी

CWC की बैठक में चीन के मुद्दे पर साधा केंद्र सरकार पर निशाना, राहत पैकेज को बताया छलावा, पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने को लेकर भी सरकार को लिया आड़े हाथ, मनमोहन ने दी गंभीर संकट होने की चेतावनी, बीजेपी ने बयानों को बताया शर्मनाक

Sonia Gandhi Vs Modi
Sonia Gandhi Vs Modi

पॉलिटॉक्स न्यूज/दिल्ली. दिल्ली में हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में शामिल कांग्रेस नेताओं ने चीन और अन्य मुद्दों पर सरकार को जमकर घेरा. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चीन के मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा. सोनिया ने सीमा पर चीन संकट के लिए केंद्र सरकार के मिस-मैनेजमेंट और गलत नीतियों को जिम्मेदार बताया. सोनिया ने पेट्रोल-डीजल के रेट बढ़ने और कोरोना को लेकर भी सरकार पर हमले किए और कोरोना महामारी को मोदी सरकार की सबसे बड़ी नाकामी बताया. इधर, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह ने बॉर्डर के मुद्दे पर हालात गंभीर होने की चेतावनी दी. वहीं बीजेपी ने सीडब्ल्यूसी में दिए गए कांग्रेस नेताओं के बयानों को शर्मनाक बताया है.

बीजेपी ने कहा कि ​संकट के ऐसे समय में कांग्रेस नेताओं का सीडब्ल्यूसी बैठक में इस तरह के बयान देना ठीक नहीं है. बीजेपी ने ये भी कहा कि कांग्रेस काल में चीनी सैनिकों ने कई बार भारतीय सीमा में घुसपैठ की और कांग्रेस ने चीन को 43 हजार किमी. भूमि सरेंडर कर दी.

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इससे पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी देश की सेना का मनोबल गिराने का काम कर रहे हैं. उन्होंने सवाल पूछा कि क्या ये है चीनी पार्टी से MoU का असर है? नड्डा ने ये भी कहा कि मनमोहन सरकार के समय 2010 से 2013 के बीच चीन ने 600 बार भारतीय सीमा में घुसपैठ की थी.

दरअसल, 2008 में बीजिंग ओलंपिक के दौरान जब यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी चीन गए थे, तब कांग्रेस पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के बीच समझौता हुआ था. ये समझौता शी जिनपिंग की मौजूदगी में ही हुआ था. इस बात को लेकर बीजेपी बार बार कांग्रेस को घेर रही है.

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दूसरी ओर, सीडब्ल्यूसी की बैठक को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि सीमा पर चीन के साथ जो संकट चल रहा है, वह भाजपा सरकार के मिस-मैनेजमेंट और गलत नीतियों का नतीजा है. सोनिया ने पेट्रोल-डीजल के रेट बढ़ने और कोरोना को लेकर भी सरकार पर हमले किए. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी पर मिस-मैनेजमेंट नरेंद्र मोदी सरकार की सबसे भयानक नाकामियों में गिना जाएगा.

सोनिया गांधी ने बैठक में केंद्र द्वारा घोषित किए 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज को छलावा और खोखला बताया. सोनिया ने कहा, ‘गरीबों के हाथों में सीधा पैसा पहुंचाने और एमएसएमई के संरक्षण की बजाय सरकार ने एक खोखले वित्तीय पैकेज की घोषणा की जिसमें राजकोषीय घटक सकल घरेलू उत्पाद का 1 प्रतिशत से कम था. केंद्र ने राज्य सरकारों के लिए बजट तो जमकर पास किया लेकिन देने के नाम पर कुछ नहीं दिया. जब कच्चे तेल की कीमतें गिर गई हैं, सरकार ने लगातार 17 दिनों तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि करके जनता के साथ चोट की है. वास्तव में सरकार ने लोगों को संकट काल में खुद स्वयं के हालातों पर छोड़ दिया है.’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कोरोना महामारी के गलत प्रबंधन को मोदी सरकार की सबसे विनाशकारी विफलताओं में से एक के रूप में दर्ज किए जाने की बात कही.

पूर्व प्रधानमंत्री और वर्तमान राज्यसभा सांसद डॉ. मनमोहन सिंह ने भी मोदी सरकार पर बड़ा प्रहार करते हुए बॉर्डर पर मजबूती से निपटने की जरूरत बताई. डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि बॉर्डर के मुद्दे पर मजबूती से नहीं निपटा गया तो हालात गंभीर हो सकते हैं. बीते दिन भी पूर्व प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सोच-समझकर बयान देने की नसीयत दी थी.

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इधर, देश के पूर्व वित्तमंत्री ​पी.चिदंबरम ने जेपी नड्डा पर पलटवार करते हुए कहा कि सही है कि मनमोहन सरकार में तीन सालों में 600 बार चीनियों ने घुसपैठ करने की कोशिश की लेकिन चीन द्वारा किसी भी भारतीय क्षेत्र पर कब्जा नहीं किया गया और न ही हिंसक झड़पों में भारतीय सैनिकों की जान नहीं गई थी. अपने अगले ट्वीट में चिदंबरम ने नड्डा पर निशाना साधा और कहा कि वे पीएम मोदी से 2015 से अब तक 2264 चीनी घुसपैठों की व्याख्या करने को कहें.

इस मौके पर ऐके एंटोनी, अहमद पटेल, नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा सांसद मलिक्कार्जुन खड़गे, अशोक गहलोत, अमरिंदर सिंह, मुकुल वासनिक, आनंद शर्मा, हरिश रावत, भुपेश बघेल, नारायण स्वामी, आरपीएन सिंह, पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार, जतिन प्रसाद और राहुल गांधी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए उपस्थित रहे.

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