पॉलिटॉक्स ब्यूरो. महाराष्ट्र (Maharashtra) में विधानसभा चुनाव का माहौल चरम पर पहुंचा हुआ है. आसमान में विमानों की आवाजाही एकदम बढ़ गई है. कहीं चार्टर्ड विमान उड़ रहे हैं तो कहीं किराये के हेलीकॉप्टर. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अनेक बड़े नेता सारे जरूरी काम छोड़ कर पूरी ताकत से अपनी पार्टी को चुनाव जिताने में जुटे हुए हैं. चुनावी बंदूकें पूरी क्षमता से गरज रही हैं. महाराष्ट्र और हरियाणा में भाजपा पूरी तरह आश्वस्त है कि उसका जीतना तय है, फिर भी उसके नेता पार्टी को जिताने में कोई भी कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहते. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा कार्यकर्ताओं में लगातार जोश फूंकने में लगे हुए हैं.
PM मोदी ने गुरुवार को महाराष्ट्र (Maharashtra) के परली में भाजपा की चुनावी सभा को संबोधित किया और कांग्रेस-राकांपा नेताओं पर शब्दों के प्रहार किए. उन्होंने कहा कि ये नेता स्वार्थ सिद्धि में लगे हुए हैं. विरोधी दल के नेताओं को यह चिंता हो रही है कि भाजपा के कार्यकर्ता इतनी मेहनत क्यों कर रहे हैं. मैं आज बीड़ से उनको बता दूं कि भाजपा के पास लगन से कार्य करने वाले कार्यकर्ता हैं तभी वो दिलों को जीतते हैं और दलों को जिताते हैं.
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मोदी के प्रहार पर राकांपा शरद पवार ने मुंबई में पलटवार किया. उन्होंने एक समाचार एजेंसी के साथ इंटरव्यू में कहा कि महाराष्ट्र में कांग्रेस कमजोर नहीं है और जमीनी स्तर पर बड़ी ही सक्रियता से कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने के फैसले का महाराष्ट्र में कोई असर नहीं दिख रहा है. महाराष्ट्र में इस बार लोग बदलाव के मूड में हैं.
महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने पालघर के दहाणू में भाजपा की चुनावी रैली में कहा कि विपक्षी कांग्रेस, राकांपा और माकपा के सामने अस्तित्व का संकट पैदा हो गया है. उन्होंने कहा, यह मेरे लिए सवाल है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी पार्टी के प्रचार के लिए भाषण देते हैं या भाजपा के लिए. अपने भाषण में वह कहते हैं कि लोग पिछले 60 वर्षों से कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं. लेकिन उन्हें नहीं पता कि अधिकतर समय तक उनकी पार्टी की ही सरकार रही है. फड़नवीस ने कहा कि राकांपा में बड़ी संख्या में नेता पार्टी छोड़ रहे हैं, जबकि माकपा की स्थिति भी खराब हो गई है, क्योंकि पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा के लोगों ने पार्टी को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि दहाणू के लोग भी इस चुनाव में माकपा को हरा देंगे. यह देश में माकपा का अंत है.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुंबई (Maharashtra) में कारोबारियों के एक कार्यक्रम को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार लाने की जरूरत है और इसके लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए. अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए कारणों का सही निदान करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि डबल इंजन वाली सरकार का खूब प्रचार किया गया लेकिन महाराष्ट्र में यह डबल इंजन फेल साबित हुआ.
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केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने दिल्ली में मनमोहन सिंह के बयान के जवाब में कहा कि डॉ. सिंह को अपनी गलतियों पर विचार करना चाहिए और यह पता लगाना चाहिए कि वह अर्थव्यवस्था की मजबूती को कायम क्यों नहीं रख सके और ईमानदार सरकार क्यों नहीं दे सके. अपने शासनकाल के दौरान डॉ. सिंह इतने असहाय क्यों थे कि उन्हें 10, जनपथ के आदेशों का पालन करना पड़ता था और वह अपने बलबूते कोई भी फैसला नहीं कर सकते थे.
गौरतलब है कि मनमोहन सिंह अर्थव्यवस्था में मंदी के दौर पर लगातार अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं. मुंबई में कारोबारियों के बीच उनका संबोधन महत्वपूर्ण था, क्योंकि महाराष्ट्र (Maharashtra) में विधानसभा चुनाव का माहौल है और बदलती आर्थिक परिस्थितियों में मुंबई का आर्थिक राजधानी होने का दर्जा संकट में है. इसको लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मनमोहन सिंह की आलोचना कर चुकी है. चुनाव के मौके पर मनमोहन सिंह के बयान भाजपा को असुविधाजनक मालूम पड़ रहे हैं.