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‘केजरीवाल, JDS और RJD से ज्यादा सांसद तो धर्मेंद्र के घर में हैं’

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देओल फैमेली में इस बार दो एमपी जीत कर संसद पहुंचेे हैं. पहली हेमा मालिनी जो पहले भी सांसद रह चुकी हैं. वहीं सनी देओल गुरदासपुर से चुनाव जीत पहली बार संसद में पहुंच हैं. इस बात को आधार बना प्रख्यात भारतीय उपन्यासकार शोभा डे सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बनी हुई हैं. असल में उन्होंने देओल फैमेली की आड में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जनता दल (सेक्युलर) और राष्ट्रीय जनता दल का मजाक उड़ाया है. इस वजह से ट्वीटर पर उनकी जमकर ट्रोलिंग हो रही है. इससे पहले भी शोभा डे का ‘एवेंजर्सः एंडगेम’ को अभी तक की सबसे बोरिंग फिल्मों में से एक बताने वाले ट्वीट पर उनका जमकर मजाक उड़ा था.

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राम का काम करना है तो राम का काम हो कर रहेगा: RSS प्रमुख

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बीजेपी की प्रचंड जीत से उत्साहित राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की पैरवी करते हुए कहा है कि राम का काम करना है तो राम का काम हो कर रहेगा. भागवन इन दिनों राजस्थान के उदयपुर दौरे पर हैं. बता दें, अयोध्या की विवादित जमीन पर मंदिर बने या नहीं, फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.

भागवत ने आज उदयपुर के बड़गांव इलाके में प्रताप गौरव केंद्र में नवनिर्मित भक्तिधाम प्राणप्रतिष्ठा और जन समर्पण कार्यक्रम में शिरकत की. यहां उन्होंने और रामकथा वाचक संत मोरारी बापू ने महाराणा प्रताप के शौर्य, वीरता, पराक्रम और बलिदान को याद कर उनसे प्रेरणा लेने की बात कही. इस मौके पर दोनों ने प्रताप गौरव केंद्र के निर्माण को भविष्य के लिए शुभ संकेत बताते हुए राष्ट्र निर्माण के लिए युवाओं से सिर्फ राम नाम हीं नहीं जपने, बल्कि राम के लिए काम करने का भी आह्वान किया.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘इतिहास कहता है कि जिस देश के लोग सजग, शीलवान, सक्रिय और बलवान हों, उस देश का भाग्य निरंतर आगे बढ़ता है. हमेशा चर्चा होती है कि भारत विश्वशक्ति बनेगा लेकिन उससे पहले हमारे पास एक डर का एक डंडा अवश्य होना चाहिए, तभी दुनिया मानेगी.’

बता दें, आरएसएस हमेशा से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की पैरोकार रही है. इसके लिए संस्था ने अखिल भारतीय स्तर पर कई आंदोलन भी चलाए हैं और राम मंदिर के निर्माण के लिए बीजेपी सरकार पर दबाव भी बनाती रही है. हालांकि केंद्र की मोदी सरकार यह मसला अदालती फैसले के जरिये निबटाना चाहती है. इस केस में तीन सदस्यीय मध्यस्थता कमेटी की गठन किया गया है. फिलहाल इस केस की सुनवाई 15 अगस्त तक के लिए टल गई है.

कांग्रेस की करारी हार से दुखी लालचंद कटारिया का मंत्रिमंडल से इस्तीफा!

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लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद राजस्थान कांग्रेस में उठापटक का दौर शुरू हो गया है. उनके नाम से एक प्रेस विज्ञप्ति सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने का जिक्र है. विज्ञप्ति में जिक्र है इस्तीफा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के माध्यम से राज्यपाल को भेजा गया है, लेकिन दोनों में से किसी ने इसकी पुष्टि नहीं की है. लालचंद कटारिया ने भी आधिकारिक तौर पर इस बारे में कुछ नहीं कहा है.

आपको बता दें कि लालचंद कटारिया गहलोत सरकार में कृषि मंत्री हैं. लोकसभा चुनाव में उनके झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रदेश में सबसे ज्यादा वोटों से हारी है. सोशल मीडिया पर वायरल प्रेस विज्ञप्ति में राजस्थान में पार्टी के खराब प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए कटारिया ने हार कबूल की है. उन्होंने कहा कि वे जनता की आवाज को विधानसभा में उठाते रहेंगे. उन्होंने साफ किया कि उन्होंने नैतिक आधार पर हार की जिम्मेदारी लेते इस्तीफा दिया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इसको किसी अन्य कारण से जोड़कर न देखा जाए.

आपको बता दें कि मोदी की आंधी में बीजेपी ने राजस्थान में लगातार दूसरी बार 25 की 25 सीटों पर कब्जा जमाया है. कांग्रेस का प्रदेश में सूपड़ा-साफ हो गया है. इस चुनाव में बीजेपी ने न केवल वापस सभी सीटों अपने पास बरकरार रखी, बल्कि जीत के मार्जिन में भी जबरदस्त बढ़ोतरी की है. बीजेपी ने 200 विधानसभा क्षेत्रों में से 185 में बढ़त बनाई जबकि महज 15 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस उम्मीदवार आगे रहे.

30 मई को शपथ लेंगे मोदी, शाम सात बजे राष्ट्रपति भवन में होगा भव्य समारोह

नरेंद्र मोदी सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 30 मई को होगा. राष्ट्रपति भवन की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 30 मई को शाम सात बजे प्रधानमंत्री और उनकी कैबिनेट को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे. समारोह राष्ट्रपति भवन में आयोजित होगा. कार्यक्रम में कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष शिरकत करेंगे. इनमें पड़ोसी देशों सहति अरब देशों के राष्ट्राध्यक्षों के भी आने की संभावना है.

आपको बता दें कि शनिवार को बीजेपी और एनडीए की ओर से नरेंद्र मोदी को सर्वसम्मति से नेता चुने जाने के बाद उन्होंने इसी दिन शाम को राष्ट्रपति के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया था. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन को 542 सीटों में 353 सीटों पर जीत मिली है, जबकि मुख्य विपक्षी यूपीए सिर्फ 96 सीटों पर सिमट गया. अन्य के खाते में 93 सीटें गई हैं. बीजेपी ने अकेले ही 303 सीटें जीती हैं जो कि बहुमत के जादुई आंकड़े से 31 सीटें ज्यादा है.

बीजेपी का प्रदर्शन 2014 के मुकाबले भी काफी अच्छा रहा है और पिछली लोकसभा के मुकाबले इस बार 21 सीटें ज्यादा जीती हैं. 2014 में बीजेपी को अकेले 282 सीटें मिली थी जबकि गठबंधन को 336 सीटें मिली थीं. कांग्रेस का प्रदर्शन 2014 के मुकाबले अच्छा रहा है और उसकी 8 सीटें बढ़ीं हैं, लेकिन ये ऐसा प्रदर्शन है जिसमें उसे इस बार भी लोकसभा में विपक्ष के लिए जरूरी 10 फीसदी सीटें नहीं मिली हैं. कांग्रेस महज 52 सीटें जीत पाई है.

बिहार में कुशवाह की पार्टी में बगावत, दोनों विधायक हुए जेडीयू में शामिल

लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद बिहार में महागठबंधन के सहयोगी उपेंद्र कुशवाह की पार्टी आरएलएसपी बिखर गई है. पार्टी के दो विधायक ललन पासवान और सुधांशु शेखर जेडीयू में शामिल हो गए हैं. विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति के बाद आरएलएसपी के विधायक दल का जेडीयू में विलय कर दिया गया है. आपको बता दें कि बिहार में आरएलएसपी के दो ही विधायक थे.

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से पहले सीट बंटवारे को लेकर लगातार चल रही अनबन के बाद कुशवाह ने एनडीए को छोड़ दिया था. इसके बाद कुशवाह ने महागठबंधन में शामिल हो कर दो सीट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उनके दोनों उम्मीदवार को हार का मुंह देखना पड़ा. बिहार की 40 सीटों में से 39 सीट एनडीए के खाते में गईं जबकि सिर्फ एक सीट महागठबंधन की साथी कांग्रेस को मिली.

आरएलएसपी के दो विधायको के जेडीयू में शामिल होने के बाद बिहार विधानसभा में जेडीयू के विधायकों की संख्या 73 हो गई है. गौरतलब है बिहार विधानसभा में आरजेडी के 80, जेडीयू के 71, आरएलएसपी के दो, हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (हम) के एक और 7 अन्य विधायक जीतकर आए थे.

बीजेडी के विधायक दल ने पटनायक को चुना नेता, पांचवीं बार बनेंगे मुख्यमंत्री

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बीजू जनता दल के विधायक दल ने नवीन पटनायक को सर्वसम्मति से अपना नेता चुन लिया है. पटनायक लगातार पांचवीं बार ओडिशा के मुख्यमंत्री बनेंगे. नेता चुने जाने के बाद पटनायक ने विधायकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि नई सरकार राज्य का त्वरित विकास सुनिश्चित करने के लिए कड़ा परिश्रम करेगी. जानकारी के अनुसार पटनायक 29 मई को भुवनेश्वर के एक्जिबिशन ग्राउंड में पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे. राज्यपाल गणेशी लाल उन्हें शपथ दिलाएंगे.

आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के साथ ओडिशा में विधानसभा चुनाव हुए थे. इसमें बीजेडी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 146 सीटों में से 112 पर जीत दर्ज की. ओडिशा में 147 विधानसभा सीटें हैं, लेकिन पत्कुरा सीट पर एक प्रत्याशी के निधन और फिर चक्रवात फोनी की वजह से दो बार चुनाव टाला जा चुका है. बीजेडी ने राज्य में लोकसभा की 21 सीटों में से 12 पर जीत दर्ज की.

नवीन पटनायक 29 मई को पांचवीं बार ओडिशा की सत्ता संभालेंगे. वे 19 साल से राज्य के मुख्यमंत्री हैं. अगर वह 5 साल का कार्यकाल पूरा करते हैं तो वह देश में सबसे ज्यादा समय तक सीएम रहने का रिकॉर्ड बना सकते हैं. नवीन पटनायक 5 मार्च 2000 को पहली बार सीएम बने थे. देश में सबसे ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड सिक्किम के पवन कुमार चामलिंग के नाम दर्ज है. चामलिंग ने 12 दिसंबर 1994 को पहली बार राज्य के सीएम के तौर पर शपथ ली थी. वे 24 साल 163 दिन तक राज्य की सीएम की कुर्सी पर काबिज रहे.

आरजेडी के सूपड़ा साफ से सदमे में लालू यादव, खाना-पीना छोड़ा

लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के बिहार में एक भी सीट नहीं जीत पाने का पार्टी सुप्रीमो और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को गहरा सदमा लगा है. पार्टी के शर्मनाक प्रदर्शन से दुखी लालू ने खाना-पीना छोड़ दिया है. आपको बता दें कि चारा घोटाले में सजा काट रहे लालू इन दिनों रांची के एक अस्पताल में भर्ती हैं. उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों के अनुसार लालू यादव की दिन का खाना छोड़ने की वजह से तबीयत बिगड़ती जा रही है.

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में आरजेडी एक भी सीट नहीं जीत सकी. जातीय समीकरणों को साधकर राज्य की सत्ता पर 15 वर्षों तक काबिज रहने वाली और केंद्र में सरकार बनाने में ‘किंगमेकर’ की भूमिका निभाने वाली आरजेडी इस चुनाव में कई सीटों पर मुकाबले में तो जरूर रही, लेकिन कहीं भी जीत नहीं पाई. चुनाव परिणामों को गौर से देखा जाए तो आरजेडी का वोट बैंक समझे जाने वाले मुस्लिम-यादव (एमवाई) समीकरण में भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने सेंध लगाई है.

माना जा रहा है कि आरजेडी अगर अपने वोटबैंक को समेटने में कामयाब होता तो उजियारपुर में एनडीए प्रत्याशी नित्यानंद राय 2.77 लाख के मतों से नहीं जीतते. इसके अलावा बेगसूराय, सीवान, मधुबनी सीटों पर भी एनडीए उम्मीदवारों की जीत का अंतर कम होता. राजनीति के जानकारों के अनुसार बिहार में जब त्रिकोणात्मक मुकाबले होते थे, तब भी आरजेडी के हिस्से 30 से 31 प्रतिशत वोट आते थे. इस चुनाव में जब एनडीए और महागठबंधन में आमने-सामने का मुकाबला था, तब भी आरजेडी को इतने ही वोट मिले.

मोदी-शाह से मिले जगन रेड्डी, एनडीए में शामिल होगी वाईएसआर कांग्रेस!

लोकसभा चुनाव में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद सियासी समीकरणों के बनना-बिगड़ना शुरू हो गया है. रविवार को आंध्र प्रदेश के भावी मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की. इस दौरान जगन ने पीएम मोदी को जीत की बधाई देते हुए आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के साथ ही केंद्र सरकार से अतिरिक्त फंड जारी करने की मांग की.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जगन मोहन रेड्डी ने पीएम मोदी को आंध्र प्रदेश की आर्थिक स्थिति के बारे में बताया और 30 हजार करोड़ रुपये के बकाए बिल का भुगतान करने का अनुरोध किया. इसके साथ ही दोनों नेताओं के बीच पोलावरम परियोजना, कडप्पा स्टील प्लांट, पिछड़े जिलों के लिए फंड, दुगराजपटनम में बंदरगाह, विजाग और विजयवाड़ा में मेट्रो रेल परियोजना पर चर्चा की गई.

मोदी से मुलाकात के दौरान वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख ने उन्हें अपने शपथ ग्रहण में शामिल होने का न्योता दिया. गौरतलब है कि जगन 30 मई को सीएम पद की शपथ लेंगे. पीएम मोदी से मिलने के बाद जगन मोहन रेड्डी ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से भी मुलाकात की. उनका बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं से भी मिलने का कार्यक्रम है. इस मेलजोल को राजनीतिक विश्लेषक जगन के एनडीए से जुड़ने की शुरुआत के तौर पर देख रहे हैं. सूत्रों के अनुसार जगन मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद एनडीए का हिस्सा बन सकते हैं.

आपको बता दें कि जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस को आंध्रप्रदेश विधानसभा की 175 में से 151 सीटों पर जीत मिली है जबकि चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी सिर्फ 23 सीटों पर सिमट गई है. वाईएसआर कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में भी अच्छा प्रदर्शन किया है. पार्टी को 25 में से 22 सीटें मिली हैं जबकि टीडीपी को सिर्फ 3 सीटें मिली हैं.

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