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राजनीतिक नियुक्तियों की आलाकमान तक पहुंची शिकायत, प्रियंका करेंगी निपटारा

राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियों और सरकार में संगठन के लोगों को तवज्जों नहीं देने का मसला कांग्रेस आलाकमान तक पहुंच गया है. बताया जा रहा है कि विदेश से लौटते ही पीसीसी चीफ और डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने आलाकमान से इसकी शिकायत की है. पायलट ने राहुल गांधी से कहा कि संगठन के लोगों को सरकार में दरकिनार किया जा रहा है.

पायलट ने यह पीड़ा भी जाहिर की है कि बिना संगठन की सलाह से नियुक्तियां की जा रही है. ऐसे में अब राजनीतिक नियुक्तियों का काम पूरी तरह से बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी ने अपने हाथ में ले लिया है. इससे पहले कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को मंत्रीमंडल फेरबदल और नियुक्तियों के लिए फ्री हैंड देने की अटकलों की खबरें चली थी. इससे साफ है कि राजस्थान में आला नेताओं में अब भी विवाद बरकरार है.

विधानसभा सत्र के बाद होनी है राजनीतिक नियुक्तियां
सूत्रों के मुताबिक सीएम अशोक गहलोत ने राजनीतिक नियुक्तियां का काम लगभग निपटा लिया था. जिन नेताओं को नियुक्तियां देनी थी उनके नामों की लिस्ट भी वो दिल्ली में आलाकमान को दे आए हैं. लेकिन राहुल गांधी के इस्तीफा प्रकरण और विधानसभा सत्र के चलते नियुक्तियों का काम अगस्त तक अटक गया. बताया जा रहा है कि नियुक्तियों में सिफारिश अपने ही लोगों की गई है.

पीसीसी चीफ सचिन पायलट को जैसे ही इसकी भनक लगी, उन्होंने आलाकमान से अपनी आपत्ति दर्ज कराई. सामने आ रहा है कि पायलट संगठन के लोगों को मौका नहीं देने और सलाह नहीं लेने तक की शिकायत की है. अगर इस खबर में दम है तो फिर नियुक्तियों में अब और ज्यादा देरी हो सकती है.

प्रियंका गांधी ने लिया नियुक्तियों का काम अपने हाथ में
बताया जा रहा है कि नियुक्तियों को लेकर आ रही विवाद की खबरों के बीच प्रियंका गांधी ने कमान संभाल ली है. क्योंकि राहुल गांधी पार्टी की किसी गतिविधियों के काम को अपने हाथ में लेने से साफ मना कर चुके हैं. ऐसे में अब राजस्थान में तमाम राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर प्रियंका गांधी ही अंतिम फैसला लेगी.

इसकी भनक लगते ही राजस्थान के कांग्रेस नेताओं ने अब प्रियंका गांधी के यहां सिफारिश भी कराना शुरु कर दिया है. पायलट की आपत्ति में दम इसलिए भी लग रहा है क्योंकि हाल ही में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को नियुक्तियों के लिए आलाकमान का फ्री हैंड मिलने की खबरें सामने आई थी.

बसपा ने गिले-शिकवे भुलाए लेकिन सपा का रवैया ठीक नहीं: मायावती

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यूपी उपचुनाव के बाद हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में एक मंच पर खड़े सपा-बसपा अब फिर अलग-अलग राह पर चल पड़े हैं. अब समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर बहुजन समाज पार्टी सु्प्रीमो मायावती ने अपना रुख साफ कर दिया है. अपने ट्वीटर हैंडल से पोस्ट कर उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव सपा से जुदा होकर अलग लड़ने का फैसला किया है. उन्होंने अखिलेश पर यह भी आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद उन्होंने एक फोन तक करना मुनासिब नहीं समझा.

अपने ट्वीटर हैंडल पर मायावती ने लिखा, ‘बीएसपी की आल इण्डिया बैठक कल लखनऊ में ढाई घण्टे तक चली. इसके बाद राज्यवार बैठकों का दौर देर रात तक चलता रहा जिसमें भी मीडिया नहीं था. फिर भी बीएसपी प्रमुख के बारे में जो बातें मीडिया में फ्लैश हुई हैं.वे पूरी तरह से सही नहीं हैं, जबकि इस बारे में प्रेसनोट भी जारी किया गया था.’

गठबंधन का जिक्र करते हुए बीएसपी सुप्रीमों ने लिखा, ‘वैसे भी जगजाहिर है कि सपा के साथ सभी पुराने गिले-शिकवों को भुलाने के साथ-साथ सन् 2012-17 में सपा सरकार के बीएसपी व दलित विरोधी फैसलों, प्रमोशन में आरक्षण विरूद्ध कार्यों एवं बिगड़ी कानून व्यवस्था आदि को दरकिनार करके देश व जनहित में सपा के साथ गठबंधन धर्म को पूरी तरह से निभाया.’

आगामी विधानसभा चुनाव में अलग चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए उन्होंने लिखा, ‘लोकसभा आमचुनाव के बाद सपा का व्यवहार बीएसपी को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या ऐसा करके बीजेपी को आगे हरा पाना संभव होगा? जो संभव नहीं है. पार्टी व मूवमेन्ट के हित में अब बीएसपी आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर ही लड़ेगी.’

बता दें, हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव यूपी में बसपा-सपा-रालोद ने महागठबंधन में चुनाव लड़ा था. यहां महागठबंधन को 80 में से केवल 15 सीटों पर जीत मिली है. बीजेपी को 62 और सहयोगी घटक अपना दल को दो सीटें मिली है. एक सीट कांग्रेस के खाते में आयी है.

जल्द मिल जाएगा कांग्रेस को नया अध्यक्ष, कभी भी हो सकती है CWC बैठक

कांग्रेस को जल्द ही अब नया अध्यक्ष मिल जाएगा. इसके लिए बहुत जल्द कांग्रेस की सबसे ताकतवर बॉडी CWC की बैठक होगी. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में एक बार फिर राहुल गांधी को मनाने की कोशिशें होगी. अगर राहुल नहीं माने तो फिर नए अध्यक्ष के नाम पर बैठक में मुहर लग सकती है. अध्यक्ष की दौड़ में अशोक गहलोत और वेणुगोपाल के नाम सबसे आगे है. सुशील कुमार शिंदे के नाम पर भी विचार चल रहा है.

दरअसल राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के परिणाम बाद 25 मई को हुई CWC बैठक में एक माह के भीतर गैर गांधी को अध्यक्ष चुनने का वक्त दिया था. यह मियाद 25 जून को खत्म होगी. लिहाजा 25 जून के बाद अब कभी भी यह अहम बैठक बुलाई जा सकती है. इस असमजंस के चलते पार्टी की काफी फजीहत हो रही है. क्योंकि नेता और कार्यकर्ता हताश हो गए हैं. विपक्ष के रुप में सड़क से लेकर सदन तक कांग्रेस की सक्रियता नहीं दिखने से भी गलत संदेश जा रहा है.

राहुल गांधी को मनाने की एक और कोशिश होगी
राहुल गांधी साफ कह चुके हैं कि वो अब अध्यक्ष पद पर नहीं रहेंगे. 25 मई को CWC बैठक में दिग्गज नेताओं के सामने राहुल ने अपने इस्तीफे की पेशकश की लेकिन उनका इस्तीफा खारिज कर दिया. उसके बाद कईं नेताओं ने राहुल गांधी को इस्तीफा वापस लेने की मनुहार की. हालांकि राहुल ने साफ कह दिया कि वो साधारण कार्यकर्ता की तरह अब पार्टी की मजबूती के लिए काम करेंगे. उसके बाद सोनिया और प्रियंका गांधी के निर्देश पर नए अध्यक्ष की तलाश का काम जारी है.

हालांकि अभी भी यह तस्वीर नहीं साफ हो रही है कि कोई एक नेता फुल टाइम अध्यक्ष बनेगा या फिर कार्यकारी या अंतरिम अध्यक्ष बनाए जाएंगे. लेकिन यह तय है कि राहुल अपना इस्तीफा वापस किसी भी सूरत में वापिस नहीं लेंगे. ऐसे में हार के बाद होने वाली दूसरी CWC बैठक बेहद अहम होगी. सभी को यह भी इंतजार रहेगा कि बैठक में नए अध्यक्ष नाम पर मुहर लग जाएगी या फिर नए अध्यक्ष चुनने का प्रस्ताव पारित होगा.

असमजंस के चलते पटरी से उतरी पार्टी
राहुल गांधी के इस्तीफे और अब तक नया अध्यक्ष नहीं चुनने से पार्टी की तमाम गतिविधियां पटरी से उतर गई है. नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता सब हताश हो गए हैं. पार्टी में किसी तरह की हलचल नहीं दिख रही है. सब या तो छुट्टियों में घूमने चले गए हैं या फिर घर बैठे ‘देखो और इंतजार करो’ की स्थिति में है.

पार्टी के नेता एक दूसरे से फोन करके ‘कुछ हुआ क्या या कब होगा’ इस उत्सुकता को शांत करने में जुटे हुए हैं. करारी हार के बाद विपक्ष के रोल में भी पार्टी में धार नहीं दिख रही है जिससे आमजन में कांग्रेस को लेकर बेहद गलत मैसेज जा रहा है.

गहलोत, शिंदे, एंटनी, खड़गे और वेणुगोपाल रेस में आगे
नया अध्यक्ष चुनने में कांग्रेस के सामने क्या समस्या है, इस सवाल का किसी के पास जवाब नहीं है. जानकारों का कहना है कि कोई भी नेता सीताराम केसरी नहीं बनना चाहता. सबको पता है कि गैर गांधी परिवार का नेता महज नाम का अध्यक्ष होगा. इसलिए कोई भी दिग्गज़ नेता ‘यस मैम’ के रुप में भूमिका निभाने से बच रहा है.

एंटनी ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया. वेणुपोपाल संगठन महासचिव के तौर पर ही काम करने के इच्छुक दिख रहे हैं. अशोक गहलोत भी अध्यक्ष बनने को लेकर बिल्कुल भी रुचि नहीं दिखा रहे. अब किसी एक को तो अध्यक्ष बनाना बेहद जरुरी हो गया है. नहीं तो जितनी देरी करेंगे, हालात और विकट हो जाएंगे.

29 मई से गायब हैं RJD नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री

दिल्ली में 24 घंटे में नौ हत्याएं, केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

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दिल्ली में पिछले चौबीस घंटे में नौ हत्याएं हो चुकी हैं. यह घटनाएं दिल्ली की कानून व्यवस्था पर बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा करती है. इस सिलसिले में आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. अरविंद केजरीवाल की आप पार्टी ने बिगड़ती कानून-व्यवस्था के लिए भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदार ठहराया. पार्टी ने अपने बयान में कहा कि दिल्ली की सुरक्षा की जिम्मेदारी गृहमंत्री अमित शाह की है लेकिन उनका इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं है.

बता दें, शनिवार सुबह दक्षिणी दिल्ली के महरौली इलाके में 42 वर्षीय एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और तीन बच्चों की गला काटकर हत्या कर दी. उसी दिन की एक अन्य घटना में द्वारका में कुछ अज्ञात बदमाशों ने घर में घुसकर पति—पत्नी की लूट के इरादे से चाकू मारकर हत्या कर दी. कल सुबह वसंत विहार इलाके में एक बुजुर्ग दंपति तथा उनके नौकर की लाश मिली जिसकी गला काटकर हत्या की गई है.

बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में गंभीर अपराधों में खतरनाक वृद्धि देखी जा रही है. एक बुजुर्ग दंपति और उनका नौकर वसंत विहार में मृत पाया गया. शहर में पिछले 24 घंटों में नौ हत्याएं हो चुकी हैं. दिल्ली वालों की सुरक्षा के लिए किसका दरवाजा खटखटाया जाना चाहिए?

हालांकि केजरीवाल के अपराध बढ़ने के दावे को दिल्ली पुलिस ने पूरी तरह से खारिज किया है. पुलिस ने कहा कि दिल्ली में 2018 की तुलना में अपराध लगभग 10 प्रतिशत कम हुआ है. मुख्यमंत्री केजरीवाल लोगों को गलत जानकारी दे रहे हैं.

अमित शाह पेश आज पेश करेंगे जम्मू-कश्मीर से जुड़ा आरक्षण का बिल

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संसद के बजट सत्र के दौरान आज देश के गृह मंत्री अमित शाह अपना पहला विधेयक पेश करेंगे. अमित शाह जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक को लोकसभा में पेश करेंगे. लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद संसद में यह उनका पहला विधायी कार्य होगा. बीजेपी अध्यक्ष बिल पेश करने के बाद निचले सदन में अपना पहला भाषण भी देंगे. बता दें, इस विधेयक को पहले अध्यादेश के रूप में लागू किया गया था. 28 फरवरी को केंद्रीय कैबिनेट ने ‘जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अध्यादेश, 2019’ को मंजूरी दी थी और इसे राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की तरफ से भी पास कर दिया गया था.

यह कानून जम्मू-कश्मीर में आरक्षण से जुड़ा है. यह विधेयक सरकारी सेवाओं में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों को पदोनत्ति में लाभ दिलाएगा और जम्‍मू-कश्‍मीर में सरकारी रोजगार में वर्तमान आरक्षण के अतिरिक्‍त आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत तक आरक्षण का लाभ प्रदान करेगा.

संविधान (77वां संशोधन) अधिनियम 1955 को भारत के संविधान के अनुच्‍छेद 16 की धारा 4 के बाद धारा (4ए) जोड़कर लागू किया गया. धारा (4ए) में सेवा में अनुसूचित जातियों तथा जनजातियों को पदोन्‍नति लाभ देने का प्रावधान है. संविधान (103वां संशोधन) अधिनियम 2019 देश में जम्‍मू और कश्‍मीर को छोड़कर लागू किया गया है और जम्‍मू-कश्‍मीर तक अधिनियम के विस्‍तार से राज्‍य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आरक्षण का फायदा मिलेगा.

रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने दिया इस्तीफा

भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने इस्तीफा दे दिया है. बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार में छपी खबर के मुताबिक आचार्य ने अपने निर्धारित कार्यकाल से छह महीने पहले ही पद छोड़ दिया है. उनको तीन साल के कार्यकाल के लिए 23 जनवरी 2017 को आरबीआई में शामिल किया गया था. आपको बता दें कि इससे पहले आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने दिसंबर में निजी कारण बताते हुए अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया था.

न्यूयार्क विश्वविद्यालय के वित्त विभाग में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे आचार्य वित्तीय क्षेत्र में प्रणालीगत जोखिम क्षेत्र में विश्लेषण और शोध के लिए जाने जाते हैं. आईआईटी मुंबई के छात्र रहे आचार्य ने 1995 में कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में स्नातक और न्यूयार्क विश्वविद्यालय से 2001 में वित्त में पीएचडी की है. वे साल 2001 से 2008 तक लंदन बिजनेस स्कूल में रहे हैं.

चीफ जस्टिस गोगोई ने की इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज को हटाने की सिफारिश

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज एसएन शुक्ला को हटाने के लिए महाभियोग प्रक्रिया शुरू करने की सिफारिश की है. गोगोई ने यह सिफारिश तीन जजों की आंतरिक समिति की उस जांच रिपोर्ट के कई महीने बाद की है, जिसमें जस्टिस एसएन शुक्ला को कदाचार का दोषी माना गया था.

आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की एक डिवीजन बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस शुक्ला पर 2017-18 के शैक्षणिक सत्र के लिए निजी कॉलेजों को छात्रों का प्रवेश करने की अनुमति देते समय सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली एक पीठ की तरफ से लगाई गई रोक की जानबूझकर अनदेखी करने का आरोप लगा था.

इस मामले में 1 सितंबर, 2017 को सीजेआई को दो शिकायत मिली थीं, जिनमें से एक राज्य के महाधिवक्ता की तरफ से भेजी गई थी. इसके बाद सीजेआई ने इस मामले में जनवरी, 2018 में मद्रास हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी, सिक्किम हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एसके अग्निहोत्री और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पीके जायसवाल की आंतरिक समिति गठित की गई थी.

समिति ने अपनी रिपोर्ट में माना था कि जस्टिस शुक्ला के खिलाफ शिकायत में लगाए गए आरोपों के पर्याप्त सबूत मौजूद हैं और उनका कदाचार महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने के लिए पर्याप्त हैं. समिति की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जस्टिस शुक्ला ने न्यायिक जीवन के मूल्यों का अपमान किया, अदालत की महिमा, गरिमा और विश्वसनीयता को नीचा दिखाया और अपने पद की गोपनीयता की शपथ को भंग करने का काम किया.

समिति की रिपोर्ट के बाद तत्कालीन सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने आंतरिक प्रक्रिया के तहत जस्टिस शुक्ला को इस्तीफा देने या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले लेने की सलाह दी थी. जस्टिस शुक्ला के इससे इनकार करने पर चीफ जस्टिस मिश्रा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को उन्हें तत्काल न्यायिक कार्य से हटा देने का आदेश दिया था.

इसके बाद जस्टिस शुक्ला लंबे अवकाश पर चले गए थे. इस साल 23 मार्च को जस्टिस शुक्ला ने वर्तमान सीजेआई रंजन गोगोई को पत्र लिखा था. इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की तरफ से फारवर्ड किए गए इस पत्र में जस्टिस शुक्ला ने हाईकोर्ट में न्यायिक कार्य करने की अनुमति मांगी थी. गोगोई ने इस पर निर्णय लेते हुए शुक्ला के खिलाफ महाभियोग चलाने की सिफारिश की है.

गोगोई ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि जस्टिस शुक्ला के खिलाफ लगे आरोपों को समिति ने इतना गंभीर माना है कि उन्हें हटाने की कार्रवाई शुरू करने के लिए किसी भी हाईकोर्ट में न्यायिक कार्य शुरू करने तक की इजाजत नहीं दी गई, इन हालात में आपसे आग्रह है कि आगे की प्रक्रिया शुरू करने पर विचार करें.

सीजेआई की तरफ से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को किसी हाईकोर्ट जज को हटाने के लिए लिखे जाने के बाद राज्य सभा के सभापति (उपराष्ट्रपति) एक तीन सदस्यीय आंतरिक जांच समिति गठित करते हैं. जज (जांच) अधिनियम-1968 के तहत गठित यह समिति सीजेआई की सलाह से मामले में मौजूद सबूतों और रिकॉर्डों की जांच करती है.

इसके बाद समिति सिफारिश देती है कि उच्च सदन में आरोपी जज को हटाने के लिए बहस शुरू करने का पर्याप्त आधार है या नहीं. यदि आधार मिलते हैं तो महाभियोग की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. यह देखना रोचक होगा कि जस्टिस एसएन शुक्ला का मामला महाभियोग तक पहुंचता है या नहीं. आमतौर ऐसे मामलों में जज खुद ही इस्तीफा दे देते हैं.

पश्चिम बंगाल में हिंसा के विरोध में बीजेपी आज पूरे राज्य में करेगी प्रदर्शन

पश्चिम बंगाल के विभिन्न इलाकों में हिंसा के खिलाफ बीजेपी आज पूरे राज्य में पुलिस अधीक्षकों (एसपी) के कार्यालय का घेराव और प्रदर्शन करेगी. दोपहर 12 बजे से प्रदर्शन शुरू होगा. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दिलीप घोष ने कहा, ‘राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है. हर रोज राज्य में कहीं न कहीं हिंसा की घटनाएं घट रही हैं. पुलिस और प्रशासन हिंसा रोकने में विफल है. सत्तारूढ़ दल के नेता गैरजिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं. जनता पुलिस के खिलाफ हो गई है. पुलिस पर हमले हो रहे हैं. पुलिस भी लोगों पर बिना कुछ सोचे गोली चला रही है. पुलिस की गोली से लोगों की मौत हो रही है.’

घोष ने आगे कहा, ‘मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जो गृहमंत्री भी हैं, हालात संभाल पाने में पूरी तरह से विफल रही हैं. ऐसी स्थिति में भाजपा के पास आंदोलन के सिवा कोई विकल्प नहीं बचा है. सोमवार को दोपहर 12 बजे राज्य के सभी जिला पुलिस मुख्यालयों में एसपी के कार्यालय का घेराव किया जाएगा. कोलकाता में स्थित दो पुलिस उपायुक्त कार्यालय का घेराव किया जाएगा.’

दिलीप घोष ने कहा कि कट मनी को लेकर पूरे राज्य में अराजकता की स्थिति पैदा हो गयी है. राज्य के सभी काम मुख्यमंत्री के निर्देश से हो रहे हैं. ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री भी कट मनी मामले में अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती हैं. उन्होंने कहा कि भाटपाड़ा में हिंसा की घटनाएं हो रही हैं. राज्य सरकार इन घटनाओं की जांच सीआईडी से कराने की बात कहती है, लेकिन सीआईडी या राज्य पुलिस से निष्पक्ष जांच संभव नहीं है. इस मामले की सीबीआइ जांच होनी चाहिए.

तृणमूल नेताओं के इस आरोप पर कि बीजेपी के इशारे पर बिहार और उत्तर प्रदेश के बाहुबली हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं, दिलीप घोष ने कहा, :राज्य में बांग्लादेश के घुसपैठिये आ रहे हैं. रोहिंग्याओं का प्रवेश हो रहा है. वे विदेेशी नहीं हैं, लेकिन बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों को विदेशी करार दिया जा रहा है. भारतीय संविधान में प्रावधान है कि कोई भी, चाहे किसी भी राज्य का हो, उसे देश के हर प्रदेश में रहने का अधिकार है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस ने जात-पात और बिहारी-बंगाली की राजनीति शुरू कर दी है, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.’

‘भाई-भतीजावाद को पहली बार किसी पार्टी ने अक्षरशः सही साबित किया है’

बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज लखनऊ में पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में अपने भाई आनंद कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और भतीजे आकाश आनंद को राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया है. मायावती के इस निर्णय पर सोशल मीडिया में कई रोचक प्रतिक्रियाएं आई हैं. वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा है, ‘‪भाई-भतीजावाद को पहली बार किसी पार्टी और नेता ने अक्षरश: सही साबित किया है. ‪बहुजन समाज पार्टी. मायावती.’

फेसबुक पर अशोक आजाद ने अपनी वॉल पर लिखा है, ‘मायावती के भाई आनंद बने बीएसपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष. भतीजा आकाश बना राष्ट्रीय संयोजक. कार्यकर्ताओ को मिली त्रिपाल लगाने की जिम्मेदारी.’

फेसबुक यूजर विरेंद्र कुमार ने अपनी वॉल पर लिखा है, ‘मायावती ने बसपा को अपनी निजी पारिवारिक पार्टी बना लिया है. बहन-भाई-भतीजा! …और बाकी लोग इसके गुलाम!’

वहीं, अभिमन्यु त्यागी ने ट्विटर पर लिखा है, ‘मायावती भाई-भतीजावाद का विरोध सिर्फ इसलिए ही करती थी क्यूंकि तब उनका भतीजा नाबालिग था.’

डॉ. संजय ने ट्वीटर पर लिखा है, ‘लो भाई एक और वंशावली तैयार हो गई है. अध्यक्ष- मायावती, उपाध्यक्ष- भाई मायावती के, नेशनल कोर्डिनेटर- भतीजा मायावती के. हो गया भाई दलितों का उत्थान.’

https://twitter.com/sk9839915651/status/1142710227961180161?s=19

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