राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियों और सरकार में संगठन के लोगों को तवज्जों नहीं देने का मसला कांग्रेस आलाकमान तक पहुंच गया है. बताया जा रहा है कि विदेश से लौटते ही पीसीसी चीफ और डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने आलाकमान से इसकी शिकायत की है. पायलट ने राहुल गांधी से कहा कि संगठन के लोगों को सरकार में दरकिनार किया जा रहा है.

पायलट ने यह पीड़ा भी जाहिर की है कि बिना संगठन की सलाह से नियुक्तियां की जा रही है. ऐसे में अब राजनीतिक नियुक्तियों का काम पूरी तरह से बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी ने अपने हाथ में ले लिया है. इससे पहले कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को मंत्रीमंडल फेरबदल और नियुक्तियों के लिए फ्री हैंड देने की अटकलों की खबरें चली थी. इससे साफ है कि राजस्थान में आला नेताओं में अब भी विवाद बरकरार है.

विधानसभा सत्र के बाद होनी है राजनीतिक नियुक्तियां
सूत्रों के मुताबिक सीएम अशोक गहलोत ने राजनीतिक नियुक्तियां का काम लगभग निपटा लिया था. जिन नेताओं को नियुक्तियां देनी थी उनके नामों की लिस्ट भी वो दिल्ली में आलाकमान को दे आए हैं. लेकिन राहुल गांधी के इस्तीफा प्रकरण और विधानसभा सत्र के चलते नियुक्तियों का काम अगस्त तक अटक गया. बताया जा रहा है कि नियुक्तियों में सिफारिश अपने ही लोगों की गई है.

पीसीसी चीफ सचिन पायलट को जैसे ही इसकी भनक लगी, उन्होंने आलाकमान से अपनी आपत्ति दर्ज कराई. सामने आ रहा है कि पायलट संगठन के लोगों को मौका नहीं देने और सलाह नहीं लेने तक की शिकायत की है. अगर इस खबर में दम है तो फिर नियुक्तियों में अब और ज्यादा देरी हो सकती है.

प्रियंका गांधी ने लिया नियुक्तियों का काम अपने हाथ में
बताया जा रहा है कि नियुक्तियों को लेकर आ रही विवाद की खबरों के बीच प्रियंका गांधी ने कमान संभाल ली है. क्योंकि राहुल गांधी पार्टी की किसी गतिविधियों के काम को अपने हाथ में लेने से साफ मना कर चुके हैं. ऐसे में अब राजस्थान में तमाम राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर प्रियंका गांधी ही अंतिम फैसला लेगी.

इसकी भनक लगते ही राजस्थान के कांग्रेस नेताओं ने अब प्रियंका गांधी के यहां सिफारिश भी कराना शुरु कर दिया है. पायलट की आपत्ति में दम इसलिए भी लग रहा है क्योंकि हाल ही में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को नियुक्तियों के लिए आलाकमान का फ्री हैंड मिलने की खबरें सामने आई थी.

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