संसद के बजट सत्र के दौरान आज देश के गृह मंत्री अमित शाह अपना पहला विधेयक पेश करेंगे. अमित शाह जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक को लोकसभा में पेश करेंगे. लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद संसद में यह उनका पहला विधायी कार्य होगा. बीजेपी अध्यक्ष बिल पेश करने के बाद निचले सदन में अपना पहला भाषण भी देंगे. बता दें, इस विधेयक को पहले अध्यादेश के रूप में लागू किया गया था. 28 फरवरी को केंद्रीय कैबिनेट ने ‘जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अध्यादेश, 2019’ को मंजूरी दी थी और इसे राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की तरफ से भी पास कर दिया गया था.
यह कानून जम्मू-कश्मीर में आरक्षण से जुड़ा है. यह विधेयक सरकारी सेवाओं में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों को पदोनत्ति में लाभ दिलाएगा और जम्मू-कश्मीर में सरकारी रोजगार में वर्तमान आरक्षण के अतिरिक्त आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत तक आरक्षण का लाभ प्रदान करेगा.
संविधान (77वां संशोधन) अधिनियम 1955 को भारत के संविधान के अनुच्छेद 16 की धारा 4 के बाद धारा (4ए) जोड़कर लागू किया गया. धारा (4ए) में सेवा में अनुसूचित जातियों तथा जनजातियों को पदोन्नति लाभ देने का प्रावधान है. संविधान (103वां संशोधन) अधिनियम 2019 देश में जम्मू और कश्मीर को छोड़कर लागू किया गया है और जम्मू-कश्मीर तक अधिनियम के विस्तार से राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आरक्षण का फायदा मिलेगा.