कांग्रेस को जल्द ही अब नया अध्यक्ष मिल जाएगा. इसके लिए बहुत जल्द कांग्रेस की सबसे ताकतवर बॉडी CWC की बैठक होगी. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में एक बार फिर राहुल गांधी को मनाने की कोशिशें होगी. अगर राहुल नहीं माने तो फिर नए अध्यक्ष के नाम पर बैठक में मुहर लग सकती है. अध्यक्ष की दौड़ में अशोक गहलोत और वेणुगोपाल के नाम सबसे आगे है. सुशील कुमार शिंदे के नाम पर भी विचार चल रहा है.
दरअसल राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के परिणाम बाद 25 मई को हुई CWC बैठक में एक माह के भीतर गैर गांधी को अध्यक्ष चुनने का वक्त दिया था. यह मियाद 25 जून को खत्म होगी. लिहाजा 25 जून के बाद अब कभी भी यह अहम बैठक बुलाई जा सकती है. इस असमजंस के चलते पार्टी की काफी फजीहत हो रही है. क्योंकि नेता और कार्यकर्ता हताश हो गए हैं. विपक्ष के रुप में सड़क से लेकर सदन तक कांग्रेस की सक्रियता नहीं दिखने से भी गलत संदेश जा रहा है.
राहुल गांधी को मनाने की एक और कोशिश होगी
राहुल गांधी साफ कह चुके हैं कि वो अब अध्यक्ष पद पर नहीं रहेंगे. 25 मई को CWC बैठक में दिग्गज नेताओं के सामने राहुल ने अपने इस्तीफे की पेशकश की लेकिन उनका इस्तीफा खारिज कर दिया. उसके बाद कईं नेताओं ने राहुल गांधी को इस्तीफा वापस लेने की मनुहार की. हालांकि राहुल ने साफ कह दिया कि वो साधारण कार्यकर्ता की तरह अब पार्टी की मजबूती के लिए काम करेंगे. उसके बाद सोनिया और प्रियंका गांधी के निर्देश पर नए अध्यक्ष की तलाश का काम जारी है.
हालांकि अभी भी यह तस्वीर नहीं साफ हो रही है कि कोई एक नेता फुल टाइम अध्यक्ष बनेगा या फिर कार्यकारी या अंतरिम अध्यक्ष बनाए जाएंगे. लेकिन यह तय है कि राहुल अपना इस्तीफा वापस किसी भी सूरत में वापिस नहीं लेंगे. ऐसे में हार के बाद होने वाली दूसरी CWC बैठक बेहद अहम होगी. सभी को यह भी इंतजार रहेगा कि बैठक में नए अध्यक्ष नाम पर मुहर लग जाएगी या फिर नए अध्यक्ष चुनने का प्रस्ताव पारित होगा.
असमजंस के चलते पटरी से उतरी पार्टी
राहुल गांधी के इस्तीफे और अब तक नया अध्यक्ष नहीं चुनने से पार्टी की तमाम गतिविधियां पटरी से उतर गई है. नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता सब हताश हो गए हैं. पार्टी में किसी तरह की हलचल नहीं दिख रही है. सब या तो छुट्टियों में घूमने चले गए हैं या फिर घर बैठे ‘देखो और इंतजार करो’ की स्थिति में है.
पार्टी के नेता एक दूसरे से फोन करके ‘कुछ हुआ क्या या कब होगा’ इस उत्सुकता को शांत करने में जुटे हुए हैं. करारी हार के बाद विपक्ष के रोल में भी पार्टी में धार नहीं दिख रही है जिससे आमजन में कांग्रेस को लेकर बेहद गलत मैसेज जा रहा है.
गहलोत, शिंदे, एंटनी, खड़गे और वेणुगोपाल रेस में आगे
नया अध्यक्ष चुनने में कांग्रेस के सामने क्या समस्या है, इस सवाल का किसी के पास जवाब नहीं है. जानकारों का कहना है कि कोई भी नेता सीताराम केसरी नहीं बनना चाहता. सबको पता है कि गैर गांधी परिवार का नेता महज नाम का अध्यक्ष होगा. इसलिए कोई भी दिग्गज़ नेता ‘यस मैम’ के रुप में भूमिका निभाने से बच रहा है.
एंटनी ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया. वेणुपोपाल संगठन महासचिव के तौर पर ही काम करने के इच्छुक दिख रहे हैं. अशोक गहलोत भी अध्यक्ष बनने को लेकर बिल्कुल भी रुचि नहीं दिखा रहे. अब किसी एक को तो अध्यक्ष बनाना बेहद जरुरी हो गया है. नहीं तो जितनी देरी करेंगे, हालात और विकट हो जाएंगे.