Politalks.News/BiharElectionResult2020. राजद प्रमुख लालू यादव की अनुपस्थिति में बिहार में लालटेन जलने में कामयाब नहीं हो सकी. वहीं सुशासन बाबू नीतीश कुमार को प्रदेश की जनता ने एक बार फिर मौका दिया. हालांकि ये जीत पूरी तरह से नीतीश की पार्टी जदयू के खाते में न जाकर एनडीए के खाते में गई है. नीतीश की पार्टी जदयू को केवल 43 सीटों पर जीत हासिल हुई है और बीजेपी बड़े भाई की भूमिका में उभरी है. एनडीए को बिहार में बहुमत के आंकड़े से ज्यादा सीटे मिली है. एनडीए को 125 सीटों पर विजयश्री मिली है. वहीं राजद 75 सीटों के साथ बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बनी है. ओवैसी की पार्टी AIMIM ने धमाका करते हुए पांच सीटों पर जीत दर्ज की. बसपा को एक सीट पर जीत हासिल हुई है. बीजेपी ने पूर्ण समर्थन के लिए बिहार की जनता का धन्यवाद अदा किया है.
सुबह के शुरुआती रूझानों की बात करें तो ये पूरी तरह से महागठबंधन के पक्ष में था. एक बार तो महागठबंधन 123 सीटों तक पहुंच गया लेकिन जैसे जैसे वक्त गुजरता गया, आंकड़े उपर नीचे होते गए. दिन में कई बार ऐसा हुआ कि एनडीए 126 तक के आंकड़े को छू गया और महागठबंधन 98 तक आ गया. कई बार ऐसा भी हुआ कि दोनों घटक दलों के बीच सीटों का अंतर घटकर केवल तीन रह गया लेकिन फाइनल नतीजों के मुताबिक जहां एनडीए को 123 सीटों पर जीत मिली, वहीं महागठबंधन को 112 सीटों से संतोष करना पड़ा.
एनडीए में शामिल बीजेपी प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. बीजेपी को 74, वहीं जदयू को 43 सीटों पर जीत हासिल हुई है. बीजेपी ने 110 तो जदयू ने 115 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे. सात सीटों पर चुनाव लड़ने वाली जीतनराम मांझी की हम और पहली बार विधानसभा लड़ने वाली मुकेश सहनी की वीआईपी को चार-चार सीटें मिली है. चिराग पासवान की पार्टी लोजपा का खाता भी यहां खुला है. लोजपा को एक सीट पर जीत मिली है.
यह भी पढ़ें: 11 राज्यों के उपचुनावों में बजा बीजेपी का डंका, मध्यप्रदेश में कायम रहा सिंधिया का जलवा
वहीं महागठबंधन को कुल 110 सीटें मिली है. राजद को 76 और कांग्रेस को 19 सीटों पर जीत मिली है. संगठन में शामिल तीन वामदलों ने 16 सीटों पर कब्जा जमाया है. तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को अपनी अपनी सीटों पर जीत मिली है. बांकीपुर से कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व सांसद शत्रुधन सिन्हा के सुपुत्र लव सिन्हा अपने पिता की प्रतिष्ठा नहीं बचा सके. पिलुरल्स पार्टी की पुष्पम प्रिया चौधरी को भी इसी सीट से हार का सामना करना पड़ा. शरद यादव की सुपुत्री सुभाषिनी यादव को भी अपने विस क्षेत्र में हार नसीब हुई. राजद के बाहुबली नेता अनंत सिंह ने शानदार जीत दर्ज की लेकिन तेजप्रताप यादव के ससुर और जदयू नेता चंद्रिका राय को परसा सीट से हार का सामना करना पड़ा. जाप के पप्पू यादव भी अपनी सीट नहीं बचा सके.
थर्ड फ्रंट में शामिल असुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने बड़ा धमाका करते हुए पांच सीटों पर जीत दर्ज की. यहां पिछले दो चुनावों में खाता भी नहीं खोल सकी मायावती की बसपा को एक सीट पर जीत मिली है. एक निर्दलीय उम्मीदवार ने भी जीत दर्ज की है. उपेंद्र कुशवाहा की रोलोसपा का खाता नहीं खुल सका.