पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. विधानसभा में ‘संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत अध्यक्ष की भूमिका‘ विषय पर आयोजित एकदिवसीय सेमिनार के उदघाटन सत्र में पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मन की पीड़ा एक बार फिर निकल कर सामने आई, पीड़ा राजनीतिक पार्टियों और उम्मीदवारों को मिलने वाले चुनावी चंदे की. देश में एकमात्र व्यक्ति हैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जो इस ज्वलंत मुद्दे पर अपनी बात पूरी बेबाकी के साथ कई बड़े मौकों पर बड़ी से बड़ी हस्ती के सामने रख चुके हैं. शनिवार को विधानसभा में आयोजित सेमिनार के मुख्य विषय के अंतर्गत मुख्यमंत्री गहलोत ने निर्दलीय या राजनीतिक दल के जनप्रतिनिधियों द्वारा दल बदल करने के खिलाफ कठोर कानून बनाने की पैरवी करते हुए कहा कि दल बदलने वाले सदस्य की सदस्यता ही समाप्त हो, ऐसा कानून बने. सेमिनार के मुख्य विषय पर बोलने के बाद मुख्यमंत्री अपनी पीड़ा जाहिर करने से खुद को रोक नहीं पाए.
राजनीतिक पार्टी के पास चंदा आता है वो तमाम ब्लैक मनी आती है
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा क्यों की यह सीपीए की बहुत जरूरी मिटिंग है, यहां यह बात कहना बहुत जरूरी है, देश में ब्लैक मनी का जो चलन है जिसको लेकर राजनीति की शुरूआत होती है. फिर भी हम कहते है हम ट्रांसपेरेंसी लाएंगे, ये समझ के परे है. चुनाव लड़ते है, राजनीतिक पार्टी के पास चंदा आता है वो तमाम ब्लैक मनी आती है. दुनिया जानती है शुरूआत यहीं से होती है. एमएलए बनो, एमपी बनो, सरपंच बनो कोई पद पर जाओ जो पैसा आता है आपके पास में, हम नहीं पूछ रहे हैं जो चैक आया है वो एक नंबर का है या दो नंबर का है.
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा ये बहुत गंभीर संकट है देश के सामने. राजनीतिक पार्टियों के पास चंदा आता है, अब तो बॉड और हो गया, बॉड अपने आप में बहुत बड़ा स्कैम है, कभी ना कभी खुलेगा. ये शुरूआत ही हमारी ब्लैक मनी से होती है और फिर हम चर्चा करते है विधानसभा में, लोकसभा में, राज्यसभा के अंदर, ये करप्शन हो गया, ये ट्रांसपेरेंसी नहीं है.
राजनीतिक दलों को चुनावी बॉण्ड से जो चंदा मिलता है वो अपने आप में एक बड़ा स्कैंडल
बता दें, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनावी बॉण्ड को लेकर लगातार हमला बोलते रहे हैं. इससे पहले भी मुख्यमंत्री गहलोत ने कई मौकों पर कहा है कि राजनीतिक दलों को चुनावी बॉण्ड से जो चंदा मिलता है वो अपने आप में एक बड़ा स्कैंडल हो गया है. राजनीतिक पार्टियों और उम्मीदवारो को जो चंदा नकद, चैक अथवा बॉण्ड के माध्यम से मिलता है, उसमें से अधिकांश ब्लैक मनी का हिस्सा होता है. इस पर राष्ट्रीय बहस होनी चाहिये और इस पर न्यायालय खुद भी स्वप्रेरणा से संज्ञान ले सकता है, जो पूरे देश के हित में है.
गौरतलब है कि हाल ही में जोधपुर हाइकोर्ट के नवीन भवन के उदघाटन के मौके पर भी मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने संबोधन में चुनावी बॉन्ड पर जमकर बोला था. कार्यक्रम में दिग्गज हस्तियों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री गहलोत ने चुनावी चंदे का हवाला देते हुए अपने संबोधन की शुरुआत में कहा था कि जिस कार्यक्रम में माननीय राष्ट्रपति महोदय, उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति, उच्चतम न्यायालय के अन्य न्यायाधिपतिगण, केन्द्रीय कानून मंत्री, राज्यपाल महोदय बैठे हों, तो मैंने उचित समझा कि इस महत्वपूर्ण मुद्दे के लिए इस मौके का लाभ उठाया जाये. इसके समाधान के बगैर किसी भी स्तर के किसी भी तरह के भ्रष्टाचार को समाप्त करने की बात करना बेईमानी है.
ईश्वर ही सत्य है और सत्य ही ईश्वर है और न्याय सत्यता पर टिका होना चाहिए
बता दें, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर में ज्यूडिशरी की तमाम हस्तियों की मौजूदगी में अपने संबोधन में कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर पूरा देश चिंतित है. ज्यूडिशरी के मायने ही हैं कि सत्य का साथ देना, सत्य ही ईश्वर है. गांधीजी ने कहा था ईश्वर ही सत्य है, जब ईश्वर ही सत्य है और सत्य ही ईश्वर है और न्याय सत्यता पर टिका होना चाहिए. करप्शन जब होता है तो कितनी कोशिश कर लो, मैं देखता हूं सुप्रीम कोर्ट कोई कमी नहीं रखता है. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कई बार PIL फाइल होती है, कई बार सुओ मोटो भी करते है. 40 साल पहले कैपिटेशन फीस को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये बंद होनी चाहिए, उसके बाद में भी फीस लगातार बढती जा रही है. इसी प्रकार से भ्रष्टाचार के मामले है इनकम टैक्स, सीबीआई के छापे पड़ रहे हैं, ईडी भी पहुंच जाए अलग बात है जो आप देख ही रहे हो पूरे देश में क्या माहौल है.
जब तक दो नंबर के पैसों से फंडिंग बंद नहीं होगी तब तक भ्रष्टाचार खत्म करने की बात करना बेकार
जोधपुर कार्यक्रम में सीएम गहलोत ने केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, सीजेआई और महामहिम राष्ट्रपति की मौजूदगी का जिक्र करते हुए कहा था कि आप सभी का सानिध्य हमें मिला है. ऐसा मौका कभी नहीं आएगा जब मैं राजनीतिक रुप से यह कह सकूं की राजनीतिक पार्टियों की फंडिग जब तक दो नंबर के पैसों से बंद नहीं होगी तब तक बिना मतलब की भ्रष्टाचार खत्म करने की बात करना बेकार है. सीएम गहलोत ने कहा राजनीति का पूरा खेल ब्लैकमनी पर टिका हुआ है, चाहे बॉन्ड हो, चेक हो या कैश कोई कल्पना नहीं कर सकता है.
जो ब्लैक मनी लेकर चुनाव जीतकर जाएगा उससे देश कैसे उम्मीद करेगा?
मुख्यमंत्री गहलोत ने अपनी 45 साल के राजनीतिक जीवन का हवाला देते हुए कहा था कि मुझे राजनीति करते हुए 45 साल हो गए है और मैं देख रहा हूं, राजनीतिज्ञों की चुनाव लड़ने की चंदा लेने की शुरुआत ब्लैकमनी से होती है. वो लोग कैसे भ्रष्टाचार हटा सकते है, ये मेरी समझ से परे है. जो ब्लैक मनी लेकर चुनाव जीतकर जाएगा उससे देश कैसे उम्मीद करेगा? ज्यूडिशरी कैसे उम्मीद करेगी कि वो ट्रांसपेरेंसी के साथ में काम कर सकेंगे और भ्रष्टाचार मिटा सके ये असंभव है जो आज देश में हो रहा है.
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ऐसी पीआईएल फाइल हो जिसके ऊपर हमेशा के लिए जो सभी पार्टियां चंदा लेती है वो बन्द हो
इसके साथ ही सीएम गहलोत ने कहा था कि आज देश के अंदर, सभी पार्टियों की पॉलिटिकल फंडिग बंद हो रही है. जिस रूप में चुनावी बॉन्ड आये है ये अपने आप में बहुत बड़ा स्कैंडल है. सीएम गहलोत ने सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई से अपील करते हुए कहा कि कोई ऐसी पीआईएल फाइल हो या सुओ मोटो करो जिसके ऊपर हमेशा के लिए जो सभी पार्टियां चंदा लेती है वो बन्द हो, वो चंदा ब्लैक मनी है, दो नंबर का पैसा होता है इसमें कोई दोराय नहीं है और उससे शुरूआत होती है सरकारें बनने की, तो आप कल्पना कीजिए क्या होगा देश का?
याद दिला दें, जोधपुर हाईकोर्ट नवनिर्मित भवन के उदघाटन के मौके पर मुख्यमंत्री गहलोत ने यह भी कहा था कि मेरी सालों की तम्मना थी कि मैं कभी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से जाकर मिलूं और अपनी भावना बताऊं, आज मेरे लिए मुबारक मौका आया है, मेरे अपने शहर के अंदर पूरा सुप्रीम कोर्ट बैठा हुआ है, राष्ट्रपति महोदय का सानिध्य है और अब मैं अपनी यह बात कह सका.
सुप्रीम कोर्ट के जज की ये स्थिति है तो अध्यक्ष महोदय आप क्यों चिंता करते हो
वहीं शनिवार को विधानसभा में आयोजित सेमिनार में अपनी बात रखते हुए सम्बोधन के अंत में मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि चार सुप्रीम कोर्ट जजों ने कह दिया लोकतंत्र खतरे में है, कमाल है अच्छी बात कही देश हिल गया पूरा. बाद में उसमे से एक बन जाते है सीजेआई मिस्टर गोगोई, मगर ढर्रा वहीं चलता है सुप्रीम कोर्ट के अंदर, तो मैंने वहां जोधपुर के अंदर मैंने कहा कि सीजेआई साहब ये बताओ कि मिस्टर गोगोई साहब पहले ठीक थे या अब ठीक है. किसी की समझ के परे है, ढर्रा वही चल रहा है. अगर सुप्रीम कोर्ट के जज की ये स्थिति है तो अध्यक्ष महोदय आप क्यों चिंता करते हो. उनके कमेंट आने दो आप अपना काम करो, और फिर भी आपको लगता है तो मैं समझता हूं कि एक रास्ता सिर्फ, वो पार्लियामेंट का रास्ता है उसके अलावा और कोई भी रास्ता नहीं है.
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