सीएम गहलोत ने बीजेपी और मोदी सरकार पर जमकर साधा निशाना, राजेंद्र राठौड़ से पूछा कहां जा रही थी 5 करोड़ की बंधी

दिल्ली हिंसा के समय तीन दिन तक कहां छुपे रहे, क्यों मौन रहे प्रधानमंत्री, इंटरनेट तो आपने पूरे देश का बंद कर दिया, पूरी दुनिया के अंदर भारत का इंटरनेट सबसे ज्यादा बंद रहता है, प्रदेश से बीजेपी के 25 सदस्य लोकसभा में हैं तो करते हैं कभी राजस्थान की पैरवी, सभी लोग प्रदेश की कल्याणकारी योजनाओं में साथ आएं

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पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को राजस्थान विधानसभा में बजट बहस पर अपना जवाब पेश किया. मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने संबोधन के दौरान केन्द्र की मोदी सरकार और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. मुख्यमंत्री गहलोत कहा कि नागरिकता संशोधन जैसा भेदभावपूर्ण कानून पास किया है. दिल्ली में तीन दिन तक हिंसा होती रही प्रधानमंत्री मौन रहे. आग लगती रही, लोग जलते रहे, अस्पताल में भर्ती होते रहे, किसी ने कोई चिंता नहीं की. लेकिन जैसे ही सोनिया गांधी ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस की उसके 10 मिनट में प्रधानमंत्री का ट्वीट आ गया कि शांति बनाए रखो. तीन दिन तक आप कहां छुप रहे थे.

चुनावी ध्रुवीकरण का नतीजा है दिल्ली हिंसा

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा ये मुल्क किस दिशा में जा रहा है? सबके लिए चिंता का विषय है. जिस रूप में दिल्ली में आग लगी हुई, कई राज्यों में आग लगी हुई. हम सब इंसान है, एक इंसान का मरना क्या होता है. पुलिस का हमारा एक कांस्टेबल मर गया तो क्या बीती राजस्थान वासियों पर. हिंदू हो या मुस्लिम हो कितने मारे जा रहे हैं. सीएम गहलोत ने दिल्ली चुनाव का जिक्र करते हुए कहा चुनाव में किस प्रकार के नारे लगाए गए थे, गोली मारो गद्दारों को… जिस तरह चुनाव का ध्रुवीकरण किया, ये हिंसा उसी का परिणाम है.

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पूरी दुनिया में हमारी बदनामी हो रही है

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि आज पूरी दुनिया में हमारी बदनामी हो रही है. अभी अमेरिका के राष्ट्र अध्यक्ष आए, आज तक इतिहास में कभी नहीं हुआ कि किसी देश का प्रमुख आया हो ओर जहां रुके वहां से 20 किलोमीटर पर फायरिंग चल रही है. आगजनी और दंगे किस प्रकार रुकेंगे इसके लिए पूरा देश चितिंत है. एनआरसी, सीएए और एनपीआर देश में मुददा बन गया है. उस पर इन लोगों को चिंता करनी चाहिए.

5 लाख लोगों के शांति मार्च को भी नहीं छोड़ा

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा कि मानवता राष्ट्रवाद से बड़ी है. आपने शांति मार्च को भी नहीं छोड़ा. जिस रूप में देश में आग लगी हुई है इतने लोग मारे गए, ऐसे में हमने उदाहरण पेश किया देश में कि एक साथ 5 लाख लोगों ने शांति मार्च निकाला. आप उसकी आलोचना कर रहे हैं, कह रहे हैं इंटरनेट बंद कर दिया, अरे इंटरनेट तो आपने पूरे देश का बंद कर दिया. पूरी दुनिया के अंदर भारत का इंटरनेट सबसे ज्यादा बंद रहता है. सोशल मीडिया का आप दुरूपयोग कर रहे हो. पूरे देश भर में हजारों लोग आपके काम कर रहे हैं, जैसे ही हमारा कोई कमेंट आता है आपके लोग टूट के पडते है कमेंट करते हैं. देश में दंगल का खेल चल रहा है चलने दो, टाइम आएगा तो आप सबको मालुम चल जाएगा.

क्या कर रहे हैं राजस्थान से आपके 25 एमपी

सीएम गहलोत ने आगे कहा कि प्रदेश से आपके 25 सदस्य लोकसभा में हैं. क्या ये आपके 25 सदस्य लोकसभा में कभी राजस्थान की पैरवी करते हैं. कभी ये बात करते हैं कि केंद्र सरकार प्रदेश को मिलने वाला पैसा क्यों रोक रही है? रिफायनरी का काम जल्दी पूरा होना चाहिए. मैं चाहुंगा जैसे आपने रिफायनरी को प्रायोरिटी दी थी, अब इसके लिए संघर्ष क्यों नहीं कर रहे हो. मैं चाहुगां की आप सभी लोग प्रदेश की कल्याणकारी योजनाओं में साथ आएं. प्रधानमंत्री जब जयपुर आए थे, बाद में अजमेर आए थे, दोनों जगह घोषणा हुई थी कि इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करूंगा. सरकार आपकी है, आपका फर्ज नहीं बनता, मिलकर प्रयास करें, प्रधानमंत्री को मनाएं. हमारे लोकसभा अध्यक्ष वो भी नोट कर सकते हैं. इसके साथ सीएम गहलोत ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि हम ऐसे लोग नहीं जो अच्छी योजनाओं को बंद कर दें, हम तो आपकी सरकार की योजनाओं को भी चालू रखने वाले लोग हैं.

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5 करोड रूपये प्रतिमाह की बंधी कहां जा रही थी

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि रिफाइनरी के 20 हजार करोड के काम चल रहे हैं तो आपको दुख हो रहा है कि कहीं रिफाइनरी टाइम पर बन नहीं जाए. वहीं उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड द्वारा सदन में अवैध बजरी खनन को लेकर उठाये गए मुददे पर सीएम गहलोत ने कहा कि मैं राठौड साहब से पूछना चाहता हूं कि आप वसुंधरा राजे के खास रहे हैं, ये बजरी का जाल शुरू क्यों हुआ. बजरी के मामले पर मैं खुद एक साल से चितिंत हूं. बजरी का 25 हजार रूपये में मिलने वाला ट्रक 75 हजार रूपये में मिल रहा है. सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा है. आपकी सरकार के समय में 5 करोड रूपये प्रतिमाह की बंधी कहां जा रही थी ये जांच का विषय है.