सीएम गहलोत ने कटारिया पर कसे जबरदस्त तंज, कहा- आपको आलाकमान से कोई इशारा तो नहीं मिल गया

भैरोंसिंह शेखावत को उपराष्ट्रपति बना दिया गया था, कहीं आप को भी इशारा तो नहीं मिल गया, लाहोटी का क्या कसूर था जो उसे फटकार लगाई,निशुल्क दवा को वसुंधरा राजे ने जहर बताया तो आपने तारीफ क्यों की, प्रदेश की जनता को उम्मीद नहीं थी की इतना अच्छा बजट आयेगा, आधा घंटा आंकडे बताने में लगा दिया आंकडे बताना कोई नई बात नहीं

गहलोत कटारिया
गहलोत कटारिया

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. राजस्थान विधानसभा में पिछले चार दिनों से चल रही बजट बहस पर गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जवाब पेश करते हुए विपक्ष द्वारा उठाये गए सभी सवालों के माकुल जवाब दिए. मुख्यमंत्री गहलोत ने नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया के सवालों का जबरदस्त कटाक्ष के साथ जवाब दिया, जिस पर सदन में सत्ता पक्ष ने जमकर टेबलें थपथपाई. सीएम गहलोत ने कटारिया द्वारा सदन में बार बार सदन झोडने की बात कहने पर तंज कसते हुए कहा कि आप बार-बार सदन छोड़कर जाने और इस्तीफा देने की बात करते हो, ऐसा लगता है जैसे कटारिया जी को आलकमान से मिल गया है कोई इशारा इसलिए करते है इस तरह की बात. सीएम गहलोत ने कटारिया से कहा पहले यहां भैंरोसिंह शेखावत जी बैठते थे, बाद में वो उपराष्ट्रपति बने, कहीं आपको भी तो कोई इशारा नहीं मिल गया.

प्रदेश की जनता को उम्मीद नहीं थी इतना अच्छा बजट आयेगा

मुख्यमंत्री गहलोत ने बजट बहस का जवाब देते हुए कहा कि 4 दिन तक सदन में बजट पर चर्चा हुई इस चर्चा में 95 सदस्यों ने भाग लिया. मुझे खुशी है कि इस बजट का पूरे प्रदेश में स्वागत हुआ. बजट में पेश किए गए सात संकल्पों की प्रदेश की जनता ने सराहना की. केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को मिलने वाला पैसा रोका जा रहा है इस तरह के हालातों के बाद भी एक अच्छा बजट पेश किया गया. सीएम गहलोत ने कहा प्रदेश की जनता को उम्मीद नहीं थी की इतना अच्छा बजट आयेगा. विपक्ष इस बजट का विरोध कर रहा है, विपक्ष का धर्म है विरोध करने का तो विरोध कर सकते है.

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आधा घंटा आंकडे बताने में लगा दिया, आंकडे बताना कोई नई बात नहीं

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया द्वारा बताए गये आंकडो पर जवाब देते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने आधा घंटा आंकडे बताने में लगा दिया. आंकडे तो छपे हुए हैं, बजट सरकार की सोच का एक आइना होता है. बजट में हमने सभी संकल्प सोच समझ के रखे है. हमने ही छपवाए है, आंकडे बजट में लिखे हुए है उसमें बताने की क्या बात है. आंकडे जो बताए गये वो मैं समझ नहीं पाया, आंकडे तो सभी ने पढ़ें हैं, आजकल तो इंटरनेट पर भी होते है. आंकडे सबके सामने है, आंकडे बताना कोई नई बात नहीं है. इस दौरान टेबलें थपथपाने की आवाजें आती रही.

आपने तारीफ क्यों कि और उस जहर को अपनी सरकार में जारी क्यों रखा

मुख्यमंत्री गहलोत ने नेता प्रतिपक्ष कटारिया की ओर इशारा करते हुए कहा कि हमने पिछले कार्यकाल में निशुल्क दवा योजना की शुरूआत की जिसकी आपने तारीफ की उसका मैं आभारी हूं. उस समय वसुंधरा राजे ने कहा था ये दवाइयां जहर है, तो आपने तारीफ क्यों कि और उस जहर को अपनी सरकार में जारी क्यों रखा. केंद्र सरकार ने हमारा पैसा रोक रखा है जिसकों आप स्वीकार नहीं कर रहे हो. केंद्र सरकार मान रही है कि हम राज्यों को पैसा नहीं दे पा रहें है. फाइनेंस कमीशन तय करता है कि किस राज्य को कितना पैसा देना होता है केंद्र सरकार अहसान नहीं करती राज्यों को पैसा देकर, चाहे सरकार किसी की भी हो. सीएम गहलोत ने किसी प्रसंग के बीच में नेता प्रतिपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि आजकल आप गांधी का नाम लेने लगे हैं, गांधी और गोडसे को साथ में पूजते हैं. देश नहीं झुकने देने की बात करते हैं, और एयर इंडिया, एलआईसी को बेच रहे हैं. एयर इंडिया बेचना राष्ट्रविरोधी है.

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भैरोंसिंह शेखावत को उपराष्ट्रपति बना दिया गया था, कहीं आप को भी इशारा तो नहीं मिल गया

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया की जबरदस्त चुटकी लेते हुए कहा कि आप बार सदन में कहते हैं कि मैं छोड दूंगा, चला जाउंगा ऐसा मत किया करो. आप बहुत भावुक है कैमरा सामने आते ही आप इस तरह की बात करते हो. आप इस तरह की बात करते है कहीं आपको ऊपर से इशारा तो नहीं क्योंकि अब आप शायद 75 प्लस हो गए हो. पहले भैरोंसिंह शेखावतजी यहां बैठते थे तो उन्हें उपराष्ट्रपति बना दिया गया था, कहीं आप को भी इशारा तो नहीं मिल गया. इस पर पूरे सदन में जबरदस्त ठहाके और टेबलें थपथपाने की आवाजें आने लगीं.

लाहोटी का क्या कसूर था जो उसे फटकार लगाई

वहीं बीजेपी विधायक अशोक लाहोटी द्वारा पिछले दिनों सीएम गहलोत की तारीफ किए जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अशोक लाहोटी ने मेरी तारीफ क्या कर दी बीजेपी में तुफान आ गया फटकार झेलनी पडी लाहोटी को. उसने यही तो कहा मुख्यमंत्री सबका होता है, इसमें गलती क्या थी उसकी जो उसे फटकार लगाई गई.

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