पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot on Black Money) ने एक बार फिर चुनावी बॉन्ड को लेकर निशाना साधा है. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राजनीतिक दलों को चुनावी बॉण्ड से जो चंदा मिलता है वो अपने आप में एक बड़ा स्कैंडल हो गया है. राजनीतिक पार्टियों और उम्मीदवारो को जो चंदा नकद, चैक अथवा बॉण्ड के माध्यम से मिलता है, उसमें से अधिकांश ब्लैक मनी का हिस्सा होता है. इस पर राष्ट्रीय बहस होनी चाहिये और इस पर न्यायालय खुद भी स्वप्रेरणा से संज्ञान ले सकता है, जो पूरे देश के हित में है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बीजेपी पर चुनावी बॉण्ड को लेकर लगातार हमला बोलते आ रहे है. बीते शनिवार जोधपुर हाइकोर्ट के नवीन भवन के उदघाटन के मौके पर भी गहलोत ने अपने संबोधन में चुनावी बॉन्ड पर जमकर बोला था. सीएम गहलोत (Ashok Gehlot on Black Money) ने अपने संबोधन में इसका का हवाला देते हुए कहा कि जिस कार्यक्रम में माननीय राष्ट्रपति महोदय, उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति, उच्चतम न्यायालय के अन्य न्यायाधिपतिगण, केन्द्रीय कानून मंत्री, राज्यपाल महोदय बैठे हों, तो मैंने उचित समझा कि इस महत्वपूर्ण मुद्दे के लिए मौके का लाभ उठाया जाये. इसके समाधान के बगैर किसी भी स्तर के किसी भी तरह के भ्रष्टाचार को समाप्त करने की बात करना बेमानी है.
मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर पूरा देश चिंतित है. ज्यूडिशरी के मायने ही हैं कि सत्य का साथ देना, सत्य ही ईश्वर है. गांधीजी ने कहा था ईश्वर ही सत्य है, जब ईश्वर ही सत्य है और सत्य ही ईश्वर है और न्याय सत्यता पर टिका होना चाहिए. करप्शन जब होता है तो कितनी कोशिश कर लो मैं देखता हूं सुप्रीम कोर्ट कोई कमी नहीं रखता है. गहलोत ने कहा (Ashok Gehlot on Black Money) कि कई बार PIL फाइल होती है, कई बार सुओ मोटो भी करते है. 40 साल पहले कैपिटेशन फीस को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये बंद होनी चाहिए, उसके बाद में भी फीस लगातार बढती जा रही है. इसी प्रकार से भ्रष्टाचार के मामले है इनकम टैक्स, सीबीआई के छापे पड़ रहे हैं, ईडी भी पहुंच जाए अलग बात है जो आप देख ही रहे हो पूरे देश में क्या माहौल है.
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जोधपुर कार्यक्रम में सीएम गहलोत ने केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, सीजेआई और महामहिम राष्ट्रपति की मौजूदगी का जिक्र करते हुए कहा था कि आप सभी का सानिध्य हमें मिला है. ऐसा मौका कभी नहीं आएगा जब मैं राजनीतिक रुप से यह कह सकूं की राजनीतिक पार्टियों की फंडिग, जब तक दो नंबर के पैसों से बंद नहीं होगी तब तक बिना मतलब की भ्रष्टाचार खत्म करने की बात करना बेकार है. (Ashok Gehlot on Black Money) राजनीति का पूरा खेल ब्लैकमनी पर टिका हुआ है, चाहे बॉन्ड हो, चेक हो या कैश कोई कल्पना नहीं कर सकता है.
मुख्यमंत्री गहलोत ने अपनी 45 साल के राजनीतिक जीवन का हवाला देते हुए कहा था कि मुझे राजनीति करते हुए 45 साल हो गए है और मैं देख रहा हूं, राजनीतिज्ञों की चुनाव लड़ने की चंदा लेने की शुरुआत ब्लैकमनी से होती है. वो लोग कैसे भ्रष्टाचार हटा सकते है ये मेरी समझ से परे है. जो ब्लैक मनी लेकर चुनाव जीतकर जाएगा उससे देश कैसे उम्मीद करेगा? ज्यूडिशरी कैसे उम्मीद करेगी कि वो ट्रांसपेरेंसी के साथ में काम कर सकेंगे और भ्रष्टाचार मिटा सके ये असंभव है जो आज देश में हो रहा है.
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साथ ही गहलोत ने कहा था कि आज देश के अंदर, सभी पार्टियों की पॉलिटिकल फंडिग बंद हो रही है. जिस रूप में चुनावी बॉन्ड आये है ये अपने आप में बहुत बड़ा स्कैंडल है. गहलोत ने (Ashok Gehlot on Black Money) सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई से अपील करते हुए कहा कि कोई ऐसी पीआईएल फाइल हो या सुओ मोटो करो जिसके उपर हमेशा के लिए जो सभी पार्टियां चंदा लेती है वो बन्द हो, वो चंदा ब्लैक मनी है, दो नंबर का पैसा होता है इसमें कोई दोराय नहीं है और उससे शुरूआत होती है सरकारें बनने की, तो आप कल्पना कीजिए क्या होगा देश का?
इस मौके पर मुख्यमंत्री गहलोत ने (Ashok Gehlot on Black Money) यह भी कहा था कि मेरी सालों की तम्मना थी कि मैं कभी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से जाकर मिलूं और अपनी भावना बताऊं आज मेरे लिए मुबारक मौका आया है, मेरे अपने शहर के अंदर पूरा सुप्रीम कोर्ट बैठा हुआ है, राष्ट्रपति महोदय का सानिध्य है और अब मैं अपनी यह बात कह सका.